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साइबर फ्रॉड ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर और छात्र को लगाया 7 लाख का चूना, क्रिप्टोकरेंसी से अच्छी कमाई का दिया था झांसा

Cryptocurrency Fraud Case: इन दिनों युवाओं में क्रिप्टोकरेंसी से कमाई की चाहत बढ़ गई है, लोग इस तरीके से कमाई में लगे हैं और उन्हें धोखा भी खाना पड़ा है. इसके बावजूद क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय की ओर युवा वर्ग भाग रहा है. मुजफ्फरपुर में क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय में अच्छी कमाई का झांसा देकर दो लोगों को 7 लाख का चूना लगाया गया है.

साइबर फ्रॉड
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Dec 5, 2023, 1:56 PM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड गिरोह ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत दो लोगों को 7 लाख का चूना लगाया है. साइबर ठगों ने दोनों को सोशल प्लेटफार्म टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ दिया गया. उस ग्रुप में युवाओं को क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय से अच्छी कमाई का झांसा देकर साइबर ठगी की जाती है. जिसका शिकार बिहार के दो युवा भी हो गए.

क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय के जरिए साइबर ठगीः जानाकीर के मुताबिक मुजफ्फरपुर के भिखनपुर इलाके के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीरज कुमार और खबड़ा के छात्र ऋषभ राज से 7.04 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली गई है. इन्हें क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय के जरिए अच्छी कमाई का झांसा दिया गया था. ठगी का शिकार हुए ऋषभ ने सदर थाना और नीरज ने अहियापुर में एफआईआर दर्ज कराई है.

टेलीग्राम पर मेसेज के जरिए होती है बातः ऋषभ और नीरज ने टेलीग्राम के यूजर और बैंक के खाताधारकों को आरोपी बनाया है. सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीरज कुमार मूल रूप से सीतामढ़ी के कुम्हरा निवासी हैं, जो वर्तमान में अहियापुर के भिखनपुर मोहल्ले में रहते हैं. उन्होंने बताया कि पहले टेलीग्राम पर एक लिंक दिया गया. इसके प्रति रिव्यू पर 50 रुपये मिले. इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी के व्यवसाय से अच्छी कमाई का झांसा देकर 3.5 लाख रुपये का निवेश करा लिया गया.

"पहले टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ा गया था. उस पर अलग-अलग व्यक्तियों से मैसेज के जरिए बात भी हुई. फिर थोड़ा-थोड़ा करके 3.5 लाख रुपये का निवेश कराया गया. क्रिप्टोकरेंसी के व्यवसाय से अच्छी कमाई होने की बात कही गई थी"- नीरज कुमार, सॉफ्टवेयर इंजीनियर

मामले की छानबीन में जुटी पुलिसः वहीं खबड़ा निवासी ऋषभ ने भी पुलिस को बताया है कि बीते 29 नवंबर को उसे टेलीग्राम एप पर एक मैसेज मिला. उसमें बिटक्वाइन नामक क्रिप्टोकरेंसी के विषय में जानकारी दी गई थी. इसके बाद एक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया, फिर ट्रेनिंग के दौरान तीन से चार हजार रुपये का फायदा दिया गया. बाद में ऋषभ ने धीरे-धीरे 3.54 लाख रुपये का निवेश कर दिया. इसके बाद न तो उसकी जमा पूंजी लौटाई गई और न लाभ दिया गया. सदर और अहियापुर थाने की पुलिस ने बताया कि साइबर फ्रॉड की एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है.

ये भी पढ़ेंः बिहार में साइबर फ्रॉड के मामले 20 गुना बढ़े, एक्सपर्ट से जानिए बचने के उपाय

ये भी पढ़ेंः Cyber Crime in Bihar: बिहार सहित 15 राज्यों के लिए साइबर फ्रॉड बना सिरदर्द, अपराधियों को पकड़ने में पुलिस हलकान

ये भी पढ़ेंः साइबर अपराध से निपटने में बीटेक छात्रों की ली जाएगी मदद, कॉट्रेक्ट पर करेंगे काम

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में साइबर फ्रॉड गिरोह ने सॉफ्टवेयर इंजीनियर समेत दो लोगों को 7 लाख का चूना लगाया है. साइबर ठगों ने दोनों को सोशल प्लेटफार्म टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ दिया गया. उस ग्रुप में युवाओं को क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय से अच्छी कमाई का झांसा देकर साइबर ठगी की जाती है. जिसका शिकार बिहार के दो युवा भी हो गए.

क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय के जरिए साइबर ठगीः जानाकीर के मुताबिक मुजफ्फरपुर के भिखनपुर इलाके के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीरज कुमार और खबड़ा के छात्र ऋषभ राज से 7.04 लाख रुपये की साइबर ठगी कर ली गई है. इन्हें क्रिप्टोकरेंसी व्यवसाय के जरिए अच्छी कमाई का झांसा दिया गया था. ठगी का शिकार हुए ऋषभ ने सदर थाना और नीरज ने अहियापुर में एफआईआर दर्ज कराई है.

टेलीग्राम पर मेसेज के जरिए होती है बातः ऋषभ और नीरज ने टेलीग्राम के यूजर और बैंक के खाताधारकों को आरोपी बनाया है. सॉफ्टवेयर इंजीनियर नीरज कुमार मूल रूप से सीतामढ़ी के कुम्हरा निवासी हैं, जो वर्तमान में अहियापुर के भिखनपुर मोहल्ले में रहते हैं. उन्होंने बताया कि पहले टेलीग्राम पर एक लिंक दिया गया. इसके प्रति रिव्यू पर 50 रुपये मिले. इसके बाद क्रिप्टोकरेंसी के व्यवसाय से अच्छी कमाई का झांसा देकर 3.5 लाख रुपये का निवेश करा लिया गया.

"पहले टेलीग्राम पर एक ग्रुप में जोड़ा गया था. उस पर अलग-अलग व्यक्तियों से मैसेज के जरिए बात भी हुई. फिर थोड़ा-थोड़ा करके 3.5 लाख रुपये का निवेश कराया गया. क्रिप्टोकरेंसी के व्यवसाय से अच्छी कमाई होने की बात कही गई थी"- नीरज कुमार, सॉफ्टवेयर इंजीनियर

मामले की छानबीन में जुटी पुलिसः वहीं खबड़ा निवासी ऋषभ ने भी पुलिस को बताया है कि बीते 29 नवंबर को उसे टेलीग्राम एप पर एक मैसेज मिला. उसमें बिटक्वाइन नामक क्रिप्टोकरेंसी के विषय में जानकारी दी गई थी. इसके बाद एक वेबसाइट के जरिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया, फिर ट्रेनिंग के दौरान तीन से चार हजार रुपये का फायदा दिया गया. बाद में ऋषभ ने धीरे-धीरे 3.54 लाख रुपये का निवेश कर दिया. इसके बाद न तो उसकी जमा पूंजी लौटाई गई और न लाभ दिया गया. सदर और अहियापुर थाने की पुलिस ने बताया कि साइबर फ्रॉड की एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है.

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