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कम नहीं हुई सब्जी उत्पादकों की मुश्किलें, अब तेज गर्मी और उमस से फसल हो रही बर्बाद - FARMERS NEWS

बिहार सब्जी उत्पादन के मामले में देशभर में चौथे नंबर पर आता है. लॉकडाउन के दौरान सब्जियों की मांग कम हो गई थी. अब बंदी में जब सरकार ने रियायत दी तो तेज गर्मी और उमस से किसानों की फसल बर्बाद हो रही है.

मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर
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Published : Jun 6, 2020, 10:12 PM IST

Updated : Jun 7, 2020, 11:29 AM IST

मुजफ्फरपुर: देशभर में लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 लागू किया गया है. लेकिन सब्जी उत्पादक किसानों को अभी भी राहत मिलती नहीं दिख रही है. अब उनकी सब्जियां तेज गर्मी से झुलस रहीं हैं. वहीं, दूसरी ओर बाहरी व्यापारी भी सब्जी खरीदने नहीं आ रहे हैं. लिहाजा, किसान उपजाई गई सब्जियां औने-पौने दामों पर बेंचने के लिए विवश हैं.

कोरोना काल ने देश के किसानों की कमर तोड़ दी है. सबसे अधिक मुसीबत सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को उठानी पड़ रही है. सब्जियों को लेकर किसानों का कहना है कि पहले तो लॉकडाउन के दौरान उनकी सब्जियां बिकी नहीं. इसके चलते सब्जियां सड़ने लगी. अब गर्मी के चलते खेतों में लगी सब्जियां पीली पड़ने लगी हैं. बाहरी व्यापारी अभी भी सब्जी खरीदने नहीं आ रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं बिकी सब्जियां
मुजफ्फरपुर में किसानों ने अपने खेतों में बड़े पैमाने पर इस बार टमाटर और परवल की खेती की है. दोनों ही सब्जियों की डिमांड होटल और शादी-पार्टी के लिए ज्यादा रहती थी. लेकिन लॉकडाउन में इनकी डिमांड घट गई. अब ये बिके तो बिके कैसे. लिहाजा, किसानों की आर्थिक हालत बेहद खराब हुई है. वहीं, लॉकडाउन के बाद लागू हुए अनलॉक-1 होने के बाद भी किसानों के लिए हालात काफी बेहतर नहीं हुए हैं.

क्या करें किसान?
गर्मी के दिन हैं ऐसे में खेतों में झुलस रही सब्जियों को बचाने के लिए किसान लगातार अपने खेतों में डटे हुए हैं. कुछ किसानों ने परेशान होकर अपने खेतों को सुखाने के लिए भी उनके हाल पर छोड़ चुके हैं. सब्जी उत्पादकों की मानें, तो इस बार उनके लिए हालात काफी भयावह है. सब्जी उपजाने के लिए लगाई गई लागत की भी भरपाई नहीं हो पाई है. जितनी जमा पूंजी थी वो भी खत्म हो गई है. ऐसे में किसान चुपचाप बेबस अपने दर्द को समेटने की नाकाम कोशिश कर रहा है

मुजफ्फरपुर: देशभर में लॉकडाउन के बाद अनलॉक-1 लागू किया गया है. लेकिन सब्जी उत्पादक किसानों को अभी भी राहत मिलती नहीं दिख रही है. अब उनकी सब्जियां तेज गर्मी से झुलस रहीं हैं. वहीं, दूसरी ओर बाहरी व्यापारी भी सब्जी खरीदने नहीं आ रहे हैं. लिहाजा, किसान उपजाई गई सब्जियां औने-पौने दामों पर बेंचने के लिए विवश हैं.

कोरोना काल ने देश के किसानों की कमर तोड़ दी है. सबसे अधिक मुसीबत सब्जी उत्पादन करने वाले किसानों को उठानी पड़ रही है. सब्जियों को लेकर किसानों का कहना है कि पहले तो लॉकडाउन के दौरान उनकी सब्जियां बिकी नहीं. इसके चलते सब्जियां सड़ने लगी. अब गर्मी के चलते खेतों में लगी सब्जियां पीली पड़ने लगी हैं. बाहरी व्यापारी अभी भी सब्जी खरीदने नहीं आ रहे हैं.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

नहीं बिकी सब्जियां
मुजफ्फरपुर में किसानों ने अपने खेतों में बड़े पैमाने पर इस बार टमाटर और परवल की खेती की है. दोनों ही सब्जियों की डिमांड होटल और शादी-पार्टी के लिए ज्यादा रहती थी. लेकिन लॉकडाउन में इनकी डिमांड घट गई. अब ये बिके तो बिके कैसे. लिहाजा, किसानों की आर्थिक हालत बेहद खराब हुई है. वहीं, लॉकडाउन के बाद लागू हुए अनलॉक-1 होने के बाद भी किसानों के लिए हालात काफी बेहतर नहीं हुए हैं.

क्या करें किसान?
गर्मी के दिन हैं ऐसे में खेतों में झुलस रही सब्जियों को बचाने के लिए किसान लगातार अपने खेतों में डटे हुए हैं. कुछ किसानों ने परेशान होकर अपने खेतों को सुखाने के लिए भी उनके हाल पर छोड़ चुके हैं. सब्जी उत्पादकों की मानें, तो इस बार उनके लिए हालात काफी भयावह है. सब्जी उपजाने के लिए लगाई गई लागत की भी भरपाई नहीं हो पाई है. जितनी जमा पूंजी थी वो भी खत्म हो गई है. ऐसे में किसान चुपचाप बेबस अपने दर्द को समेटने की नाकाम कोशिश कर रहा है

Last Updated : Jun 7, 2020, 11:29 AM IST
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