मुजफ्फरपुर: जिले में लगातार चमकी बुखार (Chamki Bukhar) से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है. श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) में प्रतिदिन चमकी बुखार से पीड़ित संदिग्ध मामले इलाज के लिए आ रहे हैं.
रविवार को देर शाम सीतामढ़ी के रहने वाले 3 साल की बच्ची पायल कुमारी के एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) की पुष्टि हुई है. जिसको बेहद गंभीर हालत में एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है. जहां चिकित्सक उसकी हालत पर नजर बनाए हुए हैं.
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ताजा जानकारी के अनुसार श्री कृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के पीकू वार्ड में फिलहाल चमकी बुखार के 5 बच्चे भर्ती हैं. जिसमें 4 बच्चों में AES की पुष्टि पहले ही हो चुकी है. वहीं रविवार को सीतामढ़ी के बाजपट्टी निवासी राजकुमार मंडल की तीन वर्षीया पुत्री पायल में एईएस की पुष्टि हुई है.
गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक 30 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 6 बच्चों की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. मुजफ्फरपुर और उसके आसपास के सीमावर्ती जिलों में प्रशासन चमकी बुखार को लेकर लगातार जागरूकता अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में चला रहे हैं.
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क्या है AES?
अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम ( Acute Encephalitis Syndrome ) यानी AES शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है. यह रोग खासतौर पर बच्चों में होता है.
AES के लक्षण
- इसकी शुरुआत तेज बुखार से होती है.
- फिर शरीर में ऐंठन महसूस होती है.
- इसके बाद शरीर के तंत्रिका संबंधी काम में रुकावट होने लगती है.
- बच्चा बेहोश हो जाता है.
- दौरे पड़ने लगते हैं.
- घबराहट महसूस होती है.
- कुछ केस में तो पीड़ित व्यक्ति कोमा में चला जाता है.
- समय पर इलाज न मिले तो पीड़ित की मौत हो जाती है.
- आमतौर पर यह बीमारी जून से अक्टूबर के बीच देखने को मिलती है.
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