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चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और राजदूत के खिलाफ मुजफ्फरपुर में परिवाद दायर

चीन के राष्ट्रपति के खिलाफ मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. परिवाद दर्ज करवाने वाले अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि चीन के राष्ट्रपति ने जानबूझ कर इस वायरस का प्रयोग पूरे विश्व पर बायोलॉजिकल वेपन्स के रुप में किया है.

मुजफ्फरपुर
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Published : Mar 16, 2020, 3:22 PM IST

Updated : Mar 17, 2020, 10:03 AM IST

मुजफ्फरपुर: कोरोना वायरस को लेकर मुजफ्फरपुर के सीजेएम वेस्ट कोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर परिवाद दर्ज कराया गया है. यह परिवाद मुजफ्फरपुर के वरीय अधिवक्ता सुधीर ओझा की तरफ से दर्ज कराया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.

बता दें कि इस मामले में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और भारत में चीन के राजदूत वेई डोंग के खिलाफ भी परिवाद दर्ज कराया गया. परिवाद दर्ज करवाने वाले वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया कि चीन ने जानबूझ कर कोरोना वायरस के संक्रमण को दुनिया भर में फैलाया और लोगों के जान के साथ खिलवाड़ किया है.

मुजफ्फरपुर
दायर किया गया परिवाद

एक किताब का हवाला देकर मामला दर्ज
मामला दर्ज करवाने को लेकर अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि दर्ज परिवाद में चाइना में लिखित एक किताब 'द आइज ऑफ डॉकनेन्स' का हवाला दिया गया है. 1981 में लिखे गए इस किताब का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस किताब में ही कोरोना वायरस का जिक्र किया गया है. उस किताब में यह कहा गया है कि काफी पहले कोरोना वायरस को चीन ने अपने बुहान शहर के एक लैब में चोरी छिपे बनाया और अब चीन इसे बायोलॉजिकल वेपन्स के रूप में इसका प्रयोग कर रहा है.

पेश है रिपोर्ट

11 अप्रैल को होगी सुनवाई
कोरोना वायरस को लेकर दर्ज इस परिवाद में परिवादी ने कोर्ट से इन अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून सम्मत कार्रवाई करने की मांग की है. जिसको लेकर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल का तारीख मुकर्रर किया है.

मुजफ्फरपुर
दायर किया गया परिवाद

मुजफ्फरपुर: कोरोना वायरस को लेकर मुजफ्फरपुर के सीजेएम वेस्ट कोर्ट में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर परिवाद दर्ज कराया गया है. यह परिवाद मुजफ्फरपुर के वरीय अधिवक्ता सुधीर ओझा की तरफ से दर्ज कराया गया है. इस मामले में अगली सुनवाई 11 अप्रैल को होगी.

बता दें कि इस मामले में चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग और भारत में चीन के राजदूत वेई डोंग के खिलाफ भी परिवाद दर्ज कराया गया. परिवाद दर्ज करवाने वाले वरीय अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने आरोप लगाया कि चीन ने जानबूझ कर कोरोना वायरस के संक्रमण को दुनिया भर में फैलाया और लोगों के जान के साथ खिलवाड़ किया है.

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दायर किया गया परिवाद

एक किताब का हवाला देकर मामला दर्ज
मामला दर्ज करवाने को लेकर अधिवक्ता सुधीर ओझा ने बताया कि दर्ज परिवाद में चाइना में लिखित एक किताब 'द आइज ऑफ डॉकनेन्स' का हवाला दिया गया है. 1981 में लिखे गए इस किताब का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस किताब में ही कोरोना वायरस का जिक्र किया गया है. उस किताब में यह कहा गया है कि काफी पहले कोरोना वायरस को चीन ने अपने बुहान शहर के एक लैब में चोरी छिपे बनाया और अब चीन इसे बायोलॉजिकल वेपन्स के रूप में इसका प्रयोग कर रहा है.

पेश है रिपोर्ट

11 अप्रैल को होगी सुनवाई
कोरोना वायरस को लेकर दर्ज इस परिवाद में परिवादी ने कोर्ट से इन अभियुक्तों के खिलाफ भारतीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कानून सम्मत कार्रवाई करने की मांग की है. जिसको लेकर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 11 अप्रैल का तारीख मुकर्रर किया है.

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दायर किया गया परिवाद
Last Updated : Mar 17, 2020, 10:03 AM IST
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