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Muzaffarpur News: अतिरिक्त मानव बल बहाली को लेकर भिड़े सिविल सर्जन और विधान पार्षद - Muzaffarpur News

कोरोना (Covid-19) के मद्देनजर मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य महकमे में अतिरिक्त मानव बल की बहाली सिविल सर्जन के गले की हड्डी बन गयी है. बहाली में धांधली को लेकर सिविल सर्जन और विधान पार्षद आमने सामने आ गए हैं.

मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर
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Published : Jun 20, 2021, 8:02 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में कोरोना काल (Corona Pandemic) को लेकर 700 से अधिक अतिरिक्त मानव बलों (Health Workers) की बहाली में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने इसे रद्द कर दिया. इस मामले में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं.

ये भी पढ़ें- Muzaffarpur News: विरोध के बाद CS ने अपना फैसला पलटा, नहीं हटाए जाएंगे बहाल संविदा स्वास्थ्यकर्मी

बहाली में अनियमितता का आरोप
इस मानव बल की बहाली को लेकर मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह ने जिला परिषद की बैठक में इसमें अनियमितता का आरोप लगाया. इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है. जिला परिषद की बैठक में मानव बल बहाली प्रकरण में सिविल सर्जन की भूमिका पर सवाल उठने के बाद सिविल सर्जन ने भी मोर्चा खोल दिया है.

सिविल सर्जन और विधान पार्षद आमने-सामने
मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए सिविल सर्जन ने इस बहाली में दिनेश सिंह के लोगों को भी शामिल करने का दावा किया है. इससे यह विवाद और बढ़ गया है. इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी और विधान पार्षद दिनेश सिंह आमने सामने आ गए हैं.

अतिरिक्त मानव बल का हंगामा
अतिरिक्त मानव बल का हंगामा

सिविल सर्जन के बयान को बताया बेतुका
सिविल सर्जन के बयान को बेतुका बताते हुए विधान पार्षद ने कहा कि अगर उनके लोगों की बहाली होती तो वे स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली में घोटाले का मामला जिला परिषद की बैठक में उठाते हुए जांच की मांग क्यों करते. इस मामले में पैसों का खेल उजागर होने के बाद अब सिविल सर्जन खुद कटघरे में खड़े हैं. ऐसे में वो इस मामले से सभी का ध्यान हटाने के लिए मेरा नाम घसीट रहे हैं.

दिनेश सिंह, विधान पार्षद, मुजफ्फरपुर
दिनेश सिंह, विधान पार्षद, मुजफ्फरपुर

सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बता दें कि कोरोना के मद्देनजर मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य महकमे में अतिरिक्त मानव बल की बहाली अब सिविल सर्जन के गले की हड्डी बन गयी है. इस बहाली में अनियमितता के आरोप लगने के बाद से ही सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

जिला अधिकारी की जांच में भी अनियमितता के आरोप की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरपुर जिले में नियुक्त सभी अतिरिक्त मानव बल की बहाली को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है.

डॉ. एस के चौधरी, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर
डॉ. एस के चौधरी, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

सिविल सर्जन से मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, इस मामले में अपनी कार्यप्रणाली से विवाद में आए मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. एस के चौधरी को भी विभागीय स्तर पर शो-कॉज करते हुए अगले 48 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है.

बहाली रद्द होने से प्रदर्शन करने वाले अतिरिक्त मानव बल को महज 24 घंटे के भीतर फिर काम से हटाने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. ऐसे में हटाए गए अतिरिक्त मानव बल इस मसले को लेकर फिर हंगामा कर सकते हैं.

ये भी पढ़ें- शिवहर के डीएम पर मुजफ्फरपुर में केस दर्ज, पत्नी ने लगाया दहेज प्रताड़ना का आरोप

मानव बल बहाली को किया रद्द
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में 780 मानव बल की बहाली हुई थी, लेकिन जिले के डीएम के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने भी पत्र जारी कर इस बहाली को रद्द कर दिया है.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिले में कोरोना काल (Corona Pandemic) को लेकर 700 से अधिक अतिरिक्त मानव बलों (Health Workers) की बहाली में गड़बड़ी की शिकायत मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग (Health Department) ने इसे रद्द कर दिया. इस मामले में सिविल सर्जन (Civil Surgeon) की मुश्किलें कम होने के बजाय और बढ़ गई हैं.

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बहाली में अनियमितता का आरोप
इस मानव बल की बहाली को लेकर मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह ने जिला परिषद की बैठक में इसमें अनियमितता का आरोप लगाया. इसके बाद मामले ने और तूल पकड़ लिया है. जिला परिषद की बैठक में मानव बल बहाली प्रकरण में सिविल सर्जन की भूमिका पर सवाल उठने के बाद सिविल सर्जन ने भी मोर्चा खोल दिया है.

सिविल सर्जन और विधान पार्षद आमने-सामने
मुजफ्फरपुर के विधान पार्षद दिनेश सिंह के खिलाफ बड़ा बयान देते हुए सिविल सर्जन ने इस बहाली में दिनेश सिंह के लोगों को भी शामिल करने का दावा किया है. इससे यह विवाद और बढ़ गया है. इस मामले को लेकर सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी और विधान पार्षद दिनेश सिंह आमने सामने आ गए हैं.

अतिरिक्त मानव बल का हंगामा
अतिरिक्त मानव बल का हंगामा

सिविल सर्जन के बयान को बताया बेतुका
सिविल सर्जन के बयान को बेतुका बताते हुए विधान पार्षद ने कहा कि अगर उनके लोगों की बहाली होती तो वे स्वास्थ्यकर्मियों की बहाली में घोटाले का मामला जिला परिषद की बैठक में उठाते हुए जांच की मांग क्यों करते. इस मामले में पैसों का खेल उजागर होने के बाद अब सिविल सर्जन खुद कटघरे में खड़े हैं. ऐसे में वो इस मामले से सभी का ध्यान हटाने के लिए मेरा नाम घसीट रहे हैं.

दिनेश सिंह, विधान पार्षद, मुजफ्फरपुर
दिनेश सिंह, विधान पार्षद, मुजफ्फरपुर

सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
बता दें कि कोरोना के मद्देनजर मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य महकमे में अतिरिक्त मानव बल की बहाली अब सिविल सर्जन के गले की हड्डी बन गयी है. इस बहाली में अनियमितता के आरोप लगने के बाद से ही सिविल सर्जन की कार्यप्रणाली को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

जिला अधिकारी की जांच में भी अनियमितता के आरोप की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले पर संज्ञान लेते हुए मुजफ्फरपुर जिले में नियुक्त सभी अतिरिक्त मानव बल की बहाली को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया है.

डॉ. एस के चौधरी, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर
डॉ. एस के चौधरी, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर

सिविल सर्जन से मांगा स्पष्टीकरण
वहीं, इस मामले में अपनी कार्यप्रणाली से विवाद में आए मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. एस के चौधरी को भी विभागीय स्तर पर शो-कॉज करते हुए अगले 48 घंटे में स्पष्टीकरण मांगा गया है.

बहाली रद्द होने से प्रदर्शन करने वाले अतिरिक्त मानव बल को महज 24 घंटे के भीतर फिर काम से हटाने की आधिकारिक घोषणा कर दी गई है. ऐसे में हटाए गए अतिरिक्त मानव बल इस मसले को लेकर फिर हंगामा कर सकते हैं.

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मानव बल बहाली को किया रद्द
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में 780 मानव बल की बहाली हुई थी, लेकिन जिले के डीएम के बाद अब स्वास्थ्य विभाग के विशेष कार्य पदाधिकारी ने भी पत्र जारी कर इस बहाली को रद्द कर दिया है.

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