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मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से एक और बच्चे की मौत, आंकड़ा बढ़कर हुआ 12 - क्या है चमकी बुखार

पिछले साल की तुलना में इस साल चमकी बुखार से कम मौत हुई है, लेकिन चमकी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. सरकार ने इसे रोकने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं.

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Published : Sep 6, 2020, 10:39 AM IST

मुजफ्फरपुरः जिले में उमस भरी गर्मी के बीच एक बार चमकी बुखार का कहर जारी है. मुजफ्फरपुर में एईएस से जुड़े मामले सामने आने लगे हैं. पिछले चौबीस घंटे में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार के लक्षणों वाले पांच बच्चों को भर्ती कराया गया है. वहीं देर रात अस्पताल में एईएस से पीड़ित एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई.

तीन बच्चों में एईएस की पुष्टि
एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पांच बच्चों को भर्ती किया गया है. इन बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण पाए गए हैं. इनमें से तीन बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है. जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है. शनिवार को बोचहा के ढाई साल के लक्की कुमार और समस्तीपुर के एक साल के मो. फरमान में एईएस की पुष्टि हुई है. दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है.

चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम
समस्तीपुर के दौलतपुर निवासी अनीश कुमार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई. फिलहाल एसकेएमसीएच में इस साल अब तक 73 एईएस पीड़ित बच्चे भर्ती हुए हैं, जिसमें से 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं पिछले साल 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी, जिसमें से अकेले मुजफ्फरपुर के 111 बच्चे शामिल हैं.

क्या है चमकी बुखार
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है. इंसेफ्लाइटिस मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. दरअसल मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं. लेकिन जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो उस स्थिति को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहा जाता है.

मुजफ्फरपुरः जिले में उमस भरी गर्मी के बीच एक बार चमकी बुखार का कहर जारी है. मुजफ्फरपुर में एईएस से जुड़े मामले सामने आने लगे हैं. पिछले चौबीस घंटे में मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में चमकी बुखार के लक्षणों वाले पांच बच्चों को भर्ती कराया गया है. वहीं देर रात अस्पताल में एईएस से पीड़ित एक बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई.

तीन बच्चों में एईएस की पुष्टि
एसकेएमसीएच के पीकू वार्ड में पांच बच्चों को भर्ती किया गया है. इन बच्चों में चमकी बुखार के लक्षण पाए गए हैं. इनमें से तीन बच्चों में एईएस की पुष्टि हो चुकी है. जिनका इलाज शुरू कर दिया गया है. शनिवार को बोचहा के ढाई साल के लक्की कुमार और समस्तीपुर के एक साल के मो. फरमान में एईएस की पुष्टि हुई है. दोनों की हालत गंभीर बनी हुई है.

चलाए जा रहे जागरुकता कार्यक्रम
समस्तीपुर के दौलतपुर निवासी अनीश कुमार की देर रात इलाज के दौरान मौत हो गई. फिलहाल एसकेएमसीएच में इस साल अब तक 73 एईएस पीड़ित बच्चे भर्ती हुए हैं, जिसमें से 12 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं पिछले साल 150 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई थी, जिसमें से अकेले मुजफ्फरपुर के 111 बच्चे शामिल हैं.

क्या है चमकी बुखार
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है. इंसेफ्लाइटिस मस्तिष्क से जुड़ी एक गंभीर समस्या है. दरअसल मस्तिष्क में लाखों कोशिकाएं और तंत्रिकाएं होती हैं, जिसकी वजह से शरीर के सभी अंग सुचारू रूप से काम करते हैं. लेकिन जब इन कोशिकाओं में सूजन आ जाती है तो उस स्थिति को एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम कहा जाता है.

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