मुजफ्फरपुर: कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अब मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार ने भी मौत की दस्तक दे दी है. बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में चमकी बुखार से एक बच्चे की संदिग्ध मौत दर्ज की गई है.
बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बीते रविवार को चमकी बुखार की शिकायत के बाद देर शाम पीकू में भर्ती किया गया. कांटी के गोसाई टोला के 12 वर्षीय नंदन की चमकी से देर रात मौत हो गई है. मृत बच्चे के परिजनों ने एसकेएमसीएच अस्पताल प्रबंधन पर बच्चे के इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है.
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बच्चे में चमकी की शिकायत आने पर रेफर हुआ पीकू
कांटी थाना क्षेत्र गोसाई टोला के रहने वाले बालक नंदन साहनी को अचानक तेज बुखार हो गया और चमकी की शिकायत पर पहले परिजन कांटी के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए.
जहां एईएस के एसओपी के अनुरुप जरूरी उपचार करने के बाद एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज के पीकू के लिए रेफर कर दिया गया. जहां एसकेएमसीएच में इलाज के दौरान उसकी देर रात मौत हो गई.
वहीं, मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ. एस. के. चौधरी ने कहा कि "बच्चा कुछ समय से बीमार था और उसे मिर्गी की शिकायत थी."
जबकि कांटी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. कुमुद रंजन ने कहा कि "बच्चे में चमकी बुखार के लक्षण थे. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए उसे मुजफ्फरपुर रेफर कर दिया गया था."
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बच्चे की मौत पर प्रशासनिक चूक
इस पूरे मामले को लेकर प्रशासनिक चूक की बात कही जा रही है. ऐसे में जरूरत है कि सरकार को एईएस के इलाज में आ रही खामियों को दूर करने के साथ-साथ आपसी समन्वय को और बेहतर बनाने की है. जिससे समय रहते चमकी से होने वाली मौतों को रोका जा सके.