मुजफ्फरपुर: जम्मू-कश्मीर से धारा 370 और 35A हटाये जाने के खिलाफ बयान देने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है. यह मुकदमा मुजफ्फरपुर के सीजेएम कोर्ट में दर्ज किया गया है. इसमें बिहार के मंत्री श्याम रजक समेत पीडीपी के दो सांसदों को भी आरोपी बनाया गया है.
अधिवक्ता सुधीर ओझा ने दर्ज कराया मुकदमा
इनके खिलाफ धारा 370 के हटाए जाने के विरोध में बयान देने का आरोप लगाया गया है. मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता सुधीर ओझा ने आरोप लगाया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेद 370 (Article 370) के प्रावधानों में बदलाव का फैसला किया. राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी. केंद्र सरकार ने आर्टिकिल 35A को हटा भी दिया. इसे लेकर कल से विरोधी इसके खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं.
श्याम रजक के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज
केंद्र सरकार के इस फैसले के विरोध में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने बयान दिया था और देश के लिए इसे काला दिन बताया था. वहीं, बिहार में नीतीश सरकार में शामिल मंत्री श्याम रजक ने केंद्र के इस फैसले को लोकतंत्र की हत्या बताया था. वहीं, जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक पार्टी पीडीपी के दो सांसदों ने भी इसके खिलाफ विरोधी बयान दिया था. इसी से मर्माहत होकर मुजफ्फरपुर में दोनों पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और फारुक अब्दुल्ला समेत मंत्री श्याम रजक और दो अन्य सांसदों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कराया गया है. साथ ही इस मुकदमे में संबंधित नेताओं पर देशद्रोह के तहत कार्रवाई करने की मांग की गई है.