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Bihar Girl Success Story: मुजफ्फरपुर लड़की की रोचक कहानी, बाल विवाह से भागी और दिल्ली पुलिस में बनी कांस्टेबल

वह लड़की जिसको बिहार के मुजफ्फरपुर की पुलिस अगवा समझकर तलाश कर रही थी. वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद पर भर्ती होकर ट्रेनिंग कर रही थी. पांच साल पहले पिता उसकी नाबालिग उम्र में ही शादी करना चाहते थे. लेकिन उसे पहले कुछ बनना था. ऐसे में वह अपने सपने का पीछा करते हुए दिल्ली पहुंच गयी. किसी तरह पढ़ाई लिखाई जारी रखा. आगे पढ़िए पूरी कहानी....

बिहारी की किडनैप लड़की बनी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल
बिहारी की किडनैप लड़की बनी दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल
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Published : Jan 17, 2023, 10:26 PM IST

मुजफ्फरपुर: पांच साल पहले जिस लड़की का किडनैप हुआ था, वह दिल्ली में मिली. जानकर हैरान आप हो जाएंगे कि वह आज दिल्ली पुलिस में सिलेक्ट होकर कांस्टेबल की ट्रेनिंग (Bihar Kidnapped Girl Become Delhi Police Constable) ले रही है. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो एक तरफ लोग जहां आश्चर्य में पड़ गए तो दूसरी तरफ उस लड़की की तारीफ में चारों तरफ चर्चा हो रही. उसने वो कर दिखाया जिसका सपना वह देखा करती थी. इसी सपने का पीछा करते हुए वह दिल्ली पहुंच गयी. इधर, बिहार की मुजफ्फरपुर पुलिस अपहरण का मामला समझकर पिछले पांच सालों से लड़की की तलाश कर रही थी.

यह भी पढ़ें: Story of Swiggy Woman : पीठ पर स्विगी का बैग लिए बुर्का पहने वायरल महिला कौन है? पढ़ें खबर

अपहरण का मुकदमा दर्ज: दरअसल, यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर के बोचहां थाना क्षेत्र का है. जहां उस लड़की का गांव है. आज से करीब पांच साल पहले 12 जून 2018 को एक शख्स बोचहां थाना पहुंचता है. वह अपनी 16 वर्षीय बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाता है. इस मामले में तीन आरोपी बनाए जाते हैं. पुलिस मामले की जांच शुरू करती है. लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता. इसी बीच पांच साल गुजर जाते हैं. इस दौरान थाने में कई एसएचओ आकर चले जाते हैं.

मामले में आया नया मोड़: इस केस में नया मोड़ वर्ष 2023 में आता है, जब थाने में एसएचओ के पद पर अरविंद कुमार की नियुक्ति होती है. वह पुराने पेंडिंग केसों को री-ओपेन करते हैं. जिसमें लड़की के अपहरण का केस भी सामने आता है. एसएचओ इस मामले की जांच फिर से शुरू करते हैं. पीड़िता के घर पर पुलिस की टीम जाती है. वहां पता चलता है कि अब तक लड़की का कुछ पता नहीं चला है. आरोपियों के घर भी पुलिस पहुंचती है. जहां पता चलता है कि वह लड़की किसी के संपर्क में है.

दिल्ली में मिली किडनैप लड़की: पुलिस को उस लड़की का नंबर मिलता है. फोन करने पर पूरे मामला का खुलासा हो जाता है. जिस पर पिछले पांच सालों से रहस्य का पर्दा चढ़ा था. उस 16 वर्ष की लड़की का किडनैप नहीं हुआ था, बल्कि वह खुद भागकर दिल्ली चली गयी थी. उसने पुलिस को दिए बयान में आरोपियों को भी पहचाने से इंकार कर दिया. उसने बताया कि वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई है. जिसकी ट्रेनिंग चल रही है. पुलिस ने उसे मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए बुलाया.

शादी के डर से दिल्ली भागी: लड़की बिहार पहुंची और मेजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया. जिसमें उसने बताया कि वह गरीब घर से आती है. पिता उसकी शादी 16 साल के उम्र में ही कराना चाहते थे. जबकि वह पढ़-लिखकर कुछ करना चाहती थी. ऐसे में वह घर छोड़कर दिल्ली भाग गयी. वहां किसी तरह अपना गुजरा करके पढ़ाई-लिखाई जारी रखा. प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होती रही. इसी बीच उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस मे हो गया. अभी वह कांस्टेबल पद के लिए ट्रेनिंग कर रही है.

मुजफ्फरपुर: पांच साल पहले जिस लड़की का किडनैप हुआ था, वह दिल्ली में मिली. जानकर हैरान आप हो जाएंगे कि वह आज दिल्ली पुलिस में सिलेक्ट होकर कांस्टेबल की ट्रेनिंग (Bihar Kidnapped Girl Become Delhi Police Constable) ले रही है. जब इस मामले का खुलासा हुआ तो एक तरफ लोग जहां आश्चर्य में पड़ गए तो दूसरी तरफ उस लड़की की तारीफ में चारों तरफ चर्चा हो रही. उसने वो कर दिखाया जिसका सपना वह देखा करती थी. इसी सपने का पीछा करते हुए वह दिल्ली पहुंच गयी. इधर, बिहार की मुजफ्फरपुर पुलिस अपहरण का मामला समझकर पिछले पांच सालों से लड़की की तलाश कर रही थी.

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अपहरण का मुकदमा दर्ज: दरअसल, यह पूरा मामला मुजफ्फरपुर के बोचहां थाना क्षेत्र का है. जहां उस लड़की का गांव है. आज से करीब पांच साल पहले 12 जून 2018 को एक शख्स बोचहां थाना पहुंचता है. वह अपनी 16 वर्षीय बेटी के अपहरण का मामला दर्ज करवाता है. इस मामले में तीन आरोपी बनाए जाते हैं. पुलिस मामले की जांच शुरू करती है. लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगता. इसी बीच पांच साल गुजर जाते हैं. इस दौरान थाने में कई एसएचओ आकर चले जाते हैं.

मामले में आया नया मोड़: इस केस में नया मोड़ वर्ष 2023 में आता है, जब थाने में एसएचओ के पद पर अरविंद कुमार की नियुक्ति होती है. वह पुराने पेंडिंग केसों को री-ओपेन करते हैं. जिसमें लड़की के अपहरण का केस भी सामने आता है. एसएचओ इस मामले की जांच फिर से शुरू करते हैं. पीड़िता के घर पर पुलिस की टीम जाती है. वहां पता चलता है कि अब तक लड़की का कुछ पता नहीं चला है. आरोपियों के घर भी पुलिस पहुंचती है. जहां पता चलता है कि वह लड़की किसी के संपर्क में है.

दिल्ली में मिली किडनैप लड़की: पुलिस को उस लड़की का नंबर मिलता है. फोन करने पर पूरे मामला का खुलासा हो जाता है. जिस पर पिछले पांच सालों से रहस्य का पर्दा चढ़ा था. उस 16 वर्ष की लड़की का किडनैप नहीं हुआ था, बल्कि वह खुद भागकर दिल्ली चली गयी थी. उसने पुलिस को दिए बयान में आरोपियों को भी पहचाने से इंकार कर दिया. उसने बताया कि वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुई है. जिसकी ट्रेनिंग चल रही है. पुलिस ने उसे मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के लिए बुलाया.

शादी के डर से दिल्ली भागी: लड़की बिहार पहुंची और मेजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज करवाया. जिसमें उसने बताया कि वह गरीब घर से आती है. पिता उसकी शादी 16 साल के उम्र में ही कराना चाहते थे. जबकि वह पढ़-लिखकर कुछ करना चाहती थी. ऐसे में वह घर छोड़कर दिल्ली भाग गयी. वहां किसी तरह अपना गुजरा करके पढ़ाई-लिखाई जारी रखा. प्रतियोगी परीक्षा में शामिल होती रही. इसी बीच उसका सिलेक्शन दिल्ली पुलिस मे हो गया. अभी वह कांस्टेबल पद के लिए ट्रेनिंग कर रही है.

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