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नीतीश बाबू! जरा इधर देखिए, बाढ़ पीड़ितों के खाने में हैं कीड़े

बिहार के 12 जिलों में आई जल प्रलय से आम जन त्राहिमाम कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के बभनगावा गांव में लगे राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों के लिए पकाए जा रहे खाने में जमकर कोताही बरती जा रही है.

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Published : Jul 17, 2019, 10:05 PM IST

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मुजफ्फरपुर: जिले से बेहद ही चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां बाढ़ पीड़ितों को कीड़ा युक्त खाना खिलाया जा रहा है. इस बाबत अधिकारी पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर खाना पकाने वाले और खुद अधिकारियों के बॉडीगार्ड ने माना है कि हां वास्तव में खाने में कीड़े हैं.

बिहार के 12 जिलों में आई जल प्रलय से आम जन त्राहिमाम कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के बभनगावा गांव में लगे राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों के लिए पकाए जा रहे खाने में जमकर कोताही बरती जा रही है.

ऐसे पक रहा है खाना
गांव में लगे राहत शिविर में पकाये जा रहे खाने की खाद्य सामग्री को बिना धुले ही प्रयोग में लाया जा रहा है. वहीं, चावल की क्वालिटी बेहद ही खराब दिखाई दी. इसमें कीड़े लगे हुए हैं. दूसरी ओर पास इन सभी चीजों को नजरअंदाज करते हुए अधिकारी इस बात पर पर्दा डालते नजर आए.

खाने में कीड़े, खुद ही देख लीजिए

बुजुर्ग बॉडीगार्ड का जागा जमीर
कैमरे में रिकॉर्ड हो रहे पूरे मामले को देखते ही डीटीओ साहब के बॉडीगार्ड ने तुरंत ही खाना पकाने वाले जमकर डांटा. इस दौरान बॉडीगार्ड ने कहा कि खाना तुम्हें भी यही खाना है. देखकर पकाओ. लेकिन हालात खराब क्वालिटी के चावल पर बेचारे पकवान क्या करते. पानी में जितना कीड़ा दिख रहा था उसे छान कर फेंका गया. बाकी परोसा.

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खाना बनाते रसोईया

क्या बोले जिलाधिकारी...
हर बार की तरह जिलाधिकारी ने भी किसी बात की सूचना न होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया. डीएम आलोक रंजन घोष ने प्लास्टिक पर परोसे जा रहे खाने और खाने में पड़े कीड़े को लेकर कहा कि जहां भी कोताही बरती जा रही है. उसपर कार्रवाई होगी. हमारा काम है इस आपदा में लोगों की हर संभव सहायता पहुंचाना.

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ऐसे पक रहा खाना

कम्युनिटी किचन का सच
हवाई सर्वे कर सीएम नीतीश ने विधानसभा में वक्तव्य देते हुए कहा था कि इओसी का गठन किया गया है. 199 राहत शिविरों में 1लाख से ज्यादा शरणार्थी मौजूद है. इनके लिए हर जरुरू कदम उठाए जा रहे हैं. 350 सामुदायिक किचन बनाए गए हैं, दवाईयों की व्यवस्था, साफ -सफाइ रखने के निर्देश दिए गए हैं. मगर साफ सफाई के निर्देशों की किस तरह धज्जियां उड़ा रही हैं.

मुजफ्फरपुर: जिले से बेहद ही चौंकाने वाली तस्वीर सामने आई है. यहां बाढ़ पीड़ितों को कीड़ा युक्त खाना खिलाया जा रहा है. इस बाबत अधिकारी पर्दा डालने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. वहीं, दूसरी ओर खाना पकाने वाले और खुद अधिकारियों के बॉडीगार्ड ने माना है कि हां वास्तव में खाने में कीड़े हैं.

बिहार के 12 जिलों में आई जल प्रलय से आम जन त्राहिमाम कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर के औराई प्रखंड के बभनगावा गांव में लगे राहत शिविर में बाढ़ पीड़ितों के लिए पकाए जा रहे खाने में जमकर कोताही बरती जा रही है.

ऐसे पक रहा है खाना
गांव में लगे राहत शिविर में पकाये जा रहे खाने की खाद्य सामग्री को बिना धुले ही प्रयोग में लाया जा रहा है. वहीं, चावल की क्वालिटी बेहद ही खराब दिखाई दी. इसमें कीड़े लगे हुए हैं. दूसरी ओर पास इन सभी चीजों को नजरअंदाज करते हुए अधिकारी इस बात पर पर्दा डालते नजर आए.

खाने में कीड़े, खुद ही देख लीजिए

बुजुर्ग बॉडीगार्ड का जागा जमीर
कैमरे में रिकॉर्ड हो रहे पूरे मामले को देखते ही डीटीओ साहब के बॉडीगार्ड ने तुरंत ही खाना पकाने वाले जमकर डांटा. इस दौरान बॉडीगार्ड ने कहा कि खाना तुम्हें भी यही खाना है. देखकर पकाओ. लेकिन हालात खराब क्वालिटी के चावल पर बेचारे पकवान क्या करते. पानी में जितना कीड़ा दिख रहा था उसे छान कर फेंका गया. बाकी परोसा.

bad-food-being-given-to-flood-victims-in-muzaffarpur-1-1
खाना बनाते रसोईया

क्या बोले जिलाधिकारी...
हर बार की तरह जिलाधिकारी ने भी किसी बात की सूचना न होने की बात कह पल्ला झाड़ लिया. डीएम आलोक रंजन घोष ने प्लास्टिक पर परोसे जा रहे खाने और खाने में पड़े कीड़े को लेकर कहा कि जहां भी कोताही बरती जा रही है. उसपर कार्रवाई होगी. हमारा काम है इस आपदा में लोगों की हर संभव सहायता पहुंचाना.

bad-food-being-given-to-flood-victims-in-muzaffarpur-1-1
ऐसे पक रहा खाना

कम्युनिटी किचन का सच
हवाई सर्वे कर सीएम नीतीश ने विधानसभा में वक्तव्य देते हुए कहा था कि इओसी का गठन किया गया है. 199 राहत शिविरों में 1लाख से ज्यादा शरणार्थी मौजूद है. इनके लिए हर जरुरू कदम उठाए जा रहे हैं. 350 सामुदायिक किचन बनाए गए हैं, दवाईयों की व्यवस्था, साफ -सफाइ रखने के निर्देश दिए गए हैं. मगर साफ सफाई के निर्देशों की किस तरह धज्जियां उड़ा रही हैं.

बाढ़ त्रासदी के बीच एक हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई है जो अधिकारियों के निगरानी में किया जा रहा है यह तस्वीर शायद हर किसी को परेशान कर देगी पर सच्चाई सच्चाई होती है लाख पर्दा डालने के बाद पोल खुल ही जाती है। बाढ़ पीड़ितों के बीच दी जाने वाली भोजन में कीड़ा साफ सफाई का कोई ख्याल नही सब भगवान भरोशे ।



VO 1 यह तस्वीर मुज़फ्फफरपुर औराई प्रखंड के बभनगावा की है जहां पर बाढ़ पीड़ितों के लिए पकाया जा रहा है कीड़ा युक्त भोजन।

अधिकारी लगातार इस बात पर पर्दा डाल रहे है लेकिन उनके ही बॉडीगार्ड ने खोल दी पोल।

भगवान न करे कि किसी को बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़े, क्योंकि मुज़फ्फफरपुर में बाढ़ पीड़ितों को जो खाना दिया जा रहा है उसे अगर कोई भी देख ले तो उसका खाना मुश्किल हो जाएगा। यह हैरान करने वाली तस्वीर औराई प्रखंड के बभनगावा राहत शिविर की है जहाँ बाढ़ पीड़ितों के लिये खाना बनाया जा रहा है उसमें चावल को बिना धोये हुए बनाया जा रहा है जो कीड़ा युक्त है। इस कीड़े युक्त भोजन बनाने की व्यवस्था पर यहाँ के अधिकारी भी पर्दा डालने की लगातार कोशिश कर रहे है बल्कि झुठलाने की कोशिश कर रहे है लेकिन इस कीड़े युक्त भोजन पकाने की व्यवस्था की पोल उन्ही के बॉडीगार्ड ने खोल दी, दिल की बात जुब्बा पर आ गयी यह तस्वीर वाकई में आँखे खोल देने वाली है । ये जो अधिकारी साहब झुठलाने की कोशिश कर रहे वो डीटीओ साहब है जो निगरानी कर रहे है वो भी प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के मौजूदगी में दही पर सही करा रहे है पूछने पर झुठलाने की लगातार कोशिश कर रहे है  भला करे भी क्यों नही क्योंकि इन्हें ही रिपोर्ट बनाना है भला अपने सिस्टम का शिकायत कैसे करे पर इस सच्चाई की तो पहले ही बॉडी गार्ड ने इंसानियत और मानवता के नाते पोल खोल कर रख दिया है देखिये जरा गैर से सुनिये बॉडी गार्ड खाना बनाने वाले को बता रहा है फिर वही पर मौजूद दूसरा व्यक्ति भी (घुन) जिसे कीड़ा कहते है बता रहा है जब बनाने वाले से हमने पूछा तो पहले झुठलाने लगा पर बाद में बोलती बंद हो गयी और उसे छानने लगा । भला ऐसा हो भी क्यू नही क्योंकि अधिकारियों के मौजूदगी में हो रहा है 


बाइट - खाकी वर्दी में जवान बॉडी गार्ड ,वहाँ पर मौजूद आम आदमी , खुद खाना बनाने वाला 


बाइट नज़ीर अहमद डीटीओ ( जिला परिवहन पदाधिकारी)


VO 2 अब हमने सोचा कि इस बात की जानकारी जिलाधिकारी को दे और बताये तो उनका  रटा रटाया 

जबाब सुन लीजिये


बाइट आलोक रंजन घोष जिलाधिकारी


VO3 यहाँ पर एक कहावत चरितार्थ होती हुई नजर आ रही है कि अंधा नगरी चौपट राजा टके से भाजी टके से खाजा शायद यह खाना किसी को कोई खिलाना नही चाहेगा अगर जमीर जिंदा होगी तो 
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