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शेल्टर होम केस: जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी सेवा से बर्खास्त

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण इकाई की तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. रोजी रानी 2044 में सेवानिवृत्त होनेवाली थी.

रोजी रानी सेवा से बर्खास्त
रोजी रानी सेवा से बर्खास्त
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Published : Feb 28, 2020, 11:55 PM IST

मुजफ्फरपुर: बालिका गृह कांड मामले में समाज कल्याण विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. इसको लेकर विभाग ने जिला बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर के तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को बर्खास्त कर दिया है. बता दे कि रोजी रानी फिलहाल जेल में बंद है. विभाग की ओर से जारी आरोप पत्र में रोजी रानी पर गृह कांड मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ को सेवा विस्तार करने का आरोप लगाए हैं.

'सरकार को गुमराह करने के आरोप'
रोजी रानी के सेवा बर्खास्तगी को लेकर विभाग की ओर से जारी अदेश पत्र में कई बातों का जिक्र किया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि रोजी रानी ने बालिका गृह की वास्तविक स्थिति को छिपाकर सरकार को गलत रिपोर्ट भेजी और गुमराह किया. सहायक निदेशक रोजी रानी पर इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से सांठगांठ कर उसे अनुतचित लाभ देने के आरोप भी हैं.

'ब्रजेश ठाकुर को सुनाया जा चुका है उम्रकैद'
बता दें कि इस मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने फरवरी में ही गैंगरेप के दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मामले में कोर्ट ने 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर आजीवन कारावास और 20 लाख का जुर्माना लगाया था.

34 छात्राओं के साथ हुआ था दुष्कर्म
गौरतलब है कि बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला समाने आया था. इस मामले के सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में गर्माहट पैदा हो गई थी. छात्राओं के मेडिकल टेस्ट में भी यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. कोर्ट में सुनावई के दौरान पीड़ित छात्राओं ने यौन शोषण का बात कही थी.

मुजफ्फरपुर: बालिका गृह कांड मामले में समाज कल्याण विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. इसको लेकर विभाग ने जिला बाल संरक्षण इकाई मुजफ्फरपुर के तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी को बर्खास्त कर दिया है. बता दे कि रोजी रानी फिलहाल जेल में बंद है. विभाग की ओर से जारी आरोप पत्र में रोजी रानी पर गृह कांड मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के एनजीओ को सेवा विस्तार करने का आरोप लगाए हैं.

'सरकार को गुमराह करने के आरोप'
रोजी रानी के सेवा बर्खास्तगी को लेकर विभाग की ओर से जारी अदेश पत्र में कई बातों का जिक्र किया गया है. आरोप पत्र में कहा गया है कि रोजी रानी ने बालिका गृह की वास्तविक स्थिति को छिपाकर सरकार को गलत रिपोर्ट भेजी और गुमराह किया. सहायक निदेशक रोजी रानी पर इस कांड के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर से सांठगांठ कर उसे अनुतचित लाभ देने के आरोप भी हैं.

'ब्रजेश ठाकुर को सुनाया जा चुका है उम्रकैद'
बता दें कि इस मामले में विशेष पॉक्सो कोर्ट ने फरवरी में ही गैंगरेप के दोषी ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. मामले में कोर्ट ने 19 आरोपियों को दोषी करार दिया था. कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर पर आजीवन कारावास और 20 लाख का जुर्माना लगाया था.

34 छात्राओं के साथ हुआ था दुष्कर्म
गौरतलब है कि बालिका गृह में 34 छात्राओं के यौन उत्पीड़न का मामला समाने आया था. इस मामले के सामने आने के बाद बिहार की राजनीति में गर्माहट पैदा हो गई थी. छात्राओं के मेडिकल टेस्ट में भी यौन शोषण की पुष्टि हुई थी. कोर्ट में सुनावई के दौरान पीड़ित छात्राओं ने यौन शोषण का बात कही थी.

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