मुजफ्फरपुर: चमकी बुखार से जिले में पिछले साल सौ से ज्यादा बच्चों की जान चली गई थी. वहीं, कोरोना के कहर के बीच इस साल भी चमकी बुखार से जुड़े मामले आने शुरू हो गए हैं. जिसमें एक बच्चे की मौत भी हो चुकी है. इस बार गर्मी पड़ने के पहले ही इससे जुड़े मामले सामने आने लगे हैं. मुजफ्फरपुर के अलावा सीतामढ़ी, शिवहर, मोतिहारी, समस्तीपुर और वैशाली जिले से भी इससे जुड़े मामले सामने आ रहे हैं.
सिर्फ अभी तक एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज में विगत एक माह में कुल 14 मामले सामने आ चुके हैं. जिसमें 8 बच्चे ठीक होने के बाद अपने घर जा चुके हैं. वहीं, 5 बच्चे अभी भी एसकेएमसीएच के पीआईसीयू वार्ड में भर्ती हैं.
गांव में चलाया जा रहा जागरुकता अभियान
चमकी बुखार को लेकर इस बार मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है और पहले से ही कई प्रकार के जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. जिसके बारे में जानकारी देते हुए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि इस बार बड़े पैमाने पर जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं. पिछले कुछ सालों में जिन गांव से एईएस के मामले सामने आए थे, उन सभी 320 गांवों को चिन्हित कर हमारे किसी ना किसी पदाधिकारी ने गांव को गोद ले लिया है.
जहां पर साप्ताहिक तौर पर अधिकारी जा रहे हैं और लोगों को जागरुक कर रहे हैं. बीमार बच्चों को समय पर अस्पताल पहुंचाने के लिए वाहन की टैगिंग की गई है. जिससे जरूरत पड़ने पर जल्द से जल्द बच्चा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंच जाए.
कमजोर बच्चों की बनाई जा रही लिस्ट
डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने बताया कि विलेज लेवल पर भी कमिटी बनाई गई है. जिसमें वार्ड मेंबर, आंगनवाड़ी सेविका, आशा और जीविका दीदी को शामिल किया गया है. जो गांव और पंचायत स्तर पर नजर रख रही हैं. वहीं मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से प्रभावित गांवों में कमजोर बच्चों की लिस्ट भी बनाई जा रही है. विशेषकर महादलित टोलों पर विशेष नजर बनाई जा रही है. जहां कुपोषित बच्चों को समुचित आहार देने की दिशा में काम हो रहा है. एईएस प्रभावित गांवों में दो लाख ओआरएस पैकेट फील्ड में भेजा जा चुका है.