मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर में इस साल भी चमकी बुखार (Encephalitis ) ने स्वास्थ्य विभाग (Health Department) की नींद उड़ा दी है. हालांकि अभी मरीजों की संख्या कम है लेकिन जिस तरह से बच्चे बीमार पड़े रहे हैं वह चिंता का विषय है. जिले में एक और 4 साल के बच्चे में चमकी बुखार की पुष्टि हुई है.
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ताजा मामले में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) के शहरी क्षेत्र गोबरसही से भी चमकी बुखार से गंभीर रूप से चार वर्षीय बच्चा अवनी को 14 जून की रात को एसकेएमसीएच (SKMCH) में भर्ती किया गया था. जिसके AES से संक्रमित होने की आज पुष्टि हो गई. इसके साथ ही अब तक चमकी बुखार से संक्रमित होने के 31 मामले सामने आ चुके है.
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अब तक 7 बच्चों की मौत
मुजफ्फरपुर के गोबरसाही चौक निवासी रामबालक साह के चार वर्षीय पुत्र अवनी में एईएस की पुष्टि होने के बाद उसे पीकू वार्ड में चिकित्सको की गहन निगरानी में रखा गया है. एसकेएमसीएच (SKMCH) के अनुसार पीकू वार्ड में फिलहाल 3 बच्चे भर्ती हैं. गौरतलब है कि इस वर्ष अभी तक एसकेएमसीएच में 31 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है, जिसमें से 7 बच्चों की मौत इलाज के दौरान हो चुकी है.
क्या हैं लक्षण:
- लगातार तेज बुखार आना
- बदन में ऐंठन होना
- दांत पर दांत दबाए रहना
- कमजोरी लगना
- कमजोरी की वजह से बेहोशी आना
- शरीर में किसी तरह की गतिविधियां न होना
क्या हैं बचाव के उपाए:
- जैपीनीज एनसेफलाइटीस की वैक्सीन: एसे एरिया में रहने वाले बच्चे को ये वैक्सीन दे सकते हैं.
- मच्छरों से बच कर रहें. ऐसी बीमारियां मस्क्योटो बाइट से ये ज्यादा फैलती हैं.
- बच्चों को उन जगहों पर न जाने दें, जहां पक्षियां और सूअर रहते हैं.
- अपने घर और आसपास की जगहों को साफ-सूथरा रखें.
- खाना खाने से पहले और बाद में साबून से हाथ जरूर धोएं.
- बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में तरल पदार्थ देते रहें ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
- बच्चों के शरीर में ग्लूकोज की कमी न होने दें.
अभिभावक क्या एहतियात बरतें?
- बच्चे को हल्का बुखार होने पर अभिभावक बिना देर किए उसे डॉक्टर के पास ले जाएं
- जरूरी है कि बच्चे का ब्लड प्रेशर मेंटेन रहे
- बच्चे का ग्लूकोज का स्तर बना रहे
- लक्षण सामने आने पर जल्द से जल्द डॉक्टर के पास बच्चों को ले जाया जाए.
- जरूरी नहीं बड़े अस्पताल में ही जाएं, किसी भी अस्पताल में पहुंचकर प्राथमिक इलाज कराएं
- इधर उधर भागने में समय व्यतीत होता है और ये नुकसानदेह हो सकता है
बिहार में चमकी बुखार का कहर:
साल | मरीजों की संख्या | मौत के आंकड़े | ठीक हुए मरीजों की संख्या |
2010 | 71 | 27 | 44 |
2011 | 149 | 55 | 94 |
2012 | 463 | 184 | 279 |
2013 | 171 | 62 | 109 |
2014 | 865 | 162 | 703 |
2015 | 97 | 20 | 17 |
2016 | 47 | 9 | 38 |
2018 | 49 | 21 | 28 |
2019 | 50 | 15 | 35 |
साल | मरीजों की संख्या | मौत के आंकड़े | ठीक हुए मरीजों की संख्या |
2020 | 16 | 3 | 11 |
2021 | 40 | 7 | 33 |
गौरतलब है चमकी बुखार में अकसर रात के तीसरे पहर और सुबह में तेज बुखार का अटैक आता है. अमूमन यह बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है स्वास्थ्य विभाग ने सभी एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रिशन (Nutrition) देने की गाइडलाइंस जारी किया है.
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