मुजफ्फरपुर: प्रचंड गर्मी के बीच चमकी बुखार से मौतों का सिलसिला बढ़ता जा रहा है. शनिवार की सुबह से देर रात तक 18 और बच्चों की मौत हो गई. जिसमें 14 की मौत एसकेएमसीएच और चार की मौत कांटी पीएचसी में हुई. ऐसे में अब तक चमकी बुखार से मरने वालों का आंकड़ा 101 पहुंच गया है.
इसके अलावा एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में देर रात तक 54 नये मरीज भर्ती हुए हैं. जिनमें एसकेएमसीएच में 34 और केजरीवाल में 20 नये बच्चे भर्ती कराये गये हैं. अब तक चमकी बुखार के 297 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें 101 बच्चों ने दम तोड़ दिया है. हालांकि विभागीय रिपोर्ट के अनुसार अभी 220 मामले ही सामने आए हैं. जिनमें 62 बच्चों की मौत हुई है.
लोगों को जागरूक होने की जरूरत
एईएस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि इस बीमारी को लेकर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. साथ ही सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समुचित व्यवस्था, आशा वर्करों को एक्टिव करने के अलावा इस बीमारी के कारणों को लोगों को बताने पर बल दिया गया है.
जानिए क्या हैं इसके लक्षण
एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते है. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चों में हाइपोग्लाइसीमिया यानी शुगर की कमी देखी जा रही है.
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें.मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें.तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें.बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे.अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं.पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी.एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी.चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है.ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को आएं.