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कोरोना के खिलाफ जंग में आगे आईं मुंगेर की महिलाएं, कर रहीं नि:शुल्क मास्क का वितरण - कोरोना

महिलाओं का मानना है कि सरकार अपने स्तर से काम कर रही है. लेकिन मुश्किल हालात में अपनी सेवा दे सकती हैं. महिलाएं खादी कपड़े से रोजाना रोजाना 500 से अधिक मास्क तैयार कर रही हैं. वहीं, इस काम में घर के लोग भी सहयोग कर रहे हैं.

munger
मास्क बनाती महिलाएं
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Published : May 28, 2020, 7:55 PM IST

Updated : May 29, 2020, 5:12 PM IST

मुंगेरः पूरी दुनिया कोरोना से त्राहिमाम है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के मामले दोगुने रफ्तार से बढ़ने की बात कही है. कोरोना से बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. इसे देखते हुए पूरे देश में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन मास्क की उपलब्धता मांग के अनुसार नहीं हो रही है. कोरोना का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मुंगेर की कामकाजी महिलाएं मास्क बनाकर निशुल्क वितरण करवा रही हैं.

बिहार में कोरोना के बढ़ते केस को देख इससे बचाव के लिए मुंगेर जिले के महिलाएं आगे आई हैं. डीह जमालपुर और अवंतिका सिनेमा हॉल के आसपास के इलाके की महिलाएं घर में रोजाना 500 से अधिक मास्क तैयार कर रही हैं. पूनम कुमारी ने बताया कि खुद से ही घर में मास्क तैयार कर रही हैं इसके लिए कोई शुल्क नहीं ले रहे हैं. वहीं, दीप्ति भटनागर का कहना है कि सिलाई मशीन का कार्य जानने के कारण मास्क बनाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुआ.

पेश है रिपोर्ट

समय निकाल कर मास्क बना रही महिलाएं
ज्योति कुमारी ने बताया कि मास्क निर्माण में उनके पति दिनेश कुमार भी हाथ बंटाते हैं. पति मास्क के साइज के अनुसार कपड़े की कटाई करते हैं जबकि वो सिलाई करती हैं. हालांकि, ज्योति कुमारी मास्क के लिए किसी से पैसे नहीं लेती हैं बल्कि यह कार्य निशुल्क कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि सरकार अपनी तरफ से बचाव के लिए कई उपाय कर रही है. ऐसे में महिलाएं घर में ही समय का सदुपयोग कर मास्क का निर्माण कर रही हैं.

munger
मास्क तैयार करती महिला

कई घरों में बन रहा मास्क
बता दें कि मुंगेर में कई एनजीओ एवं घर की कामकाजी महिलाएं हैं सेवा भाव से मास्क का निर्माण कर रही हैं. 100 से अधिक महिलाएं घर पर ही मास्क बनाने का काम कर रही हैं. महिलाओं का मानना है कि मास्क की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में होगा. वहीं, मास्क का उपयोग कर जिले में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. महिलाएं मास्क का निर्माण ही नहीं करती बल्कि घर के सदस्य गरीब एवं जरूरतमंदों के बीच निशुल्क वितरण करते हैं.

मुंगेरः पूरी दुनिया कोरोना से त्राहिमाम है. डब्ल्यूएचओ ने कोरोना के मामले दोगुने रफ्तार से बढ़ने की बात कही है. कोरोना से बचाव ही इसका एकमात्र उपाय है. इसे देखते हुए पूरे देश में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है. लेकिन मास्क की उपलब्धता मांग के अनुसार नहीं हो रही है. कोरोना का संक्रमण दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है. ऐसे में मुंगेर की कामकाजी महिलाएं मास्क बनाकर निशुल्क वितरण करवा रही हैं.

बिहार में कोरोना के बढ़ते केस को देख इससे बचाव के लिए मुंगेर जिले के महिलाएं आगे आई हैं. डीह जमालपुर और अवंतिका सिनेमा हॉल के आसपास के इलाके की महिलाएं घर में रोजाना 500 से अधिक मास्क तैयार कर रही हैं. पूनम कुमारी ने बताया कि खुद से ही घर में मास्क तैयार कर रही हैं इसके लिए कोई शुल्क नहीं ले रहे हैं. वहीं, दीप्ति भटनागर का कहना है कि सिलाई मशीन का कार्य जानने के कारण मास्क बनाने में ज्यादा दिक्कत नहीं हुआ.

पेश है रिपोर्ट

समय निकाल कर मास्क बना रही महिलाएं
ज्योति कुमारी ने बताया कि मास्क निर्माण में उनके पति दिनेश कुमार भी हाथ बंटाते हैं. पति मास्क के साइज के अनुसार कपड़े की कटाई करते हैं जबकि वो सिलाई करती हैं. हालांकि, ज्योति कुमारी मास्क के लिए किसी से पैसे नहीं लेती हैं बल्कि यह कार्य निशुल्क कर रही हैं. महिलाओं का कहना है कि सरकार अपनी तरफ से बचाव के लिए कई उपाय कर रही है. ऐसे में महिलाएं घर में ही समय का सदुपयोग कर मास्क का निर्माण कर रही हैं.

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मास्क तैयार करती महिला

कई घरों में बन रहा मास्क
बता दें कि मुंगेर में कई एनजीओ एवं घर की कामकाजी महिलाएं हैं सेवा भाव से मास्क का निर्माण कर रही हैं. 100 से अधिक महिलाएं घर पर ही मास्क बनाने का काम कर रही हैं. महिलाओं का मानना है कि मास्क की उपलब्धता प्रचुर मात्रा में होगा. वहीं, मास्क का उपयोग कर जिले में कोरोना के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है. महिलाएं मास्क का निर्माण ही नहीं करती बल्कि घर के सदस्य गरीब एवं जरूरतमंदों के बीच निशुल्क वितरण करते हैं.

Last Updated : May 29, 2020, 5:12 PM IST
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