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AK-47 के बाद मुंगेर के इस गांव से राइफल की हुई बरामदगी, जांच में जुटी पुलिस

मुंगेर के वर्धा गांव हथियारों की बरामदगी के लिए चर्चाओं में है. यहां पुलिस ने एक नाले से पुलिसिया राइफल बरामद किया है.

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Published : Apr 17, 2019, 9:34 PM IST

राइफल

मुंगेर: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर वर्धा गांव में हथियार बरामदगी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां के नदी, नाले और कुएं से लगातार हथियारों की सप्लाई होती है. ताजा मामले में पुलिस ने यहां से एक राइफल बरामद किया है.

नाले में हुआ बरामद
जानकारी के अनुसार, बरामद राइफल नाले में लावारिस पड़ा था. इस कारण हथियार का पूरा बायोडाटा पुलिस को नहीं मिल सका है. लेकिन नाले से हथियार बरामद होने के बाद एक बार पुनः वर्धा गांव चर्चा में आ गया है.

पुलिस का बयान

हथियार के लिए प्रसिद्ध है वर्धा गांव
इससे पूर्व 29 अगस्त 2018 को जमालपुर पुलिस ने तीन एके-47 हथियार के साथ इमरान को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मिर्जापुर वर्धा गांव का नदी, नाला, कुआं और खेत-खलिहान से कई एके-47 हथियार मिलने लगे थे. और मुंगेर का वर्धा गांव देश-विदेश में चर्चित हो गया.

छोटे हथियारों का होता है निर्माण
तमंचा, कट्टा और पिस्टल जैसे कई छोटे हथियार यहां बनाए जाते रहे हैं. वहीं अब सफल और अत्याधुनिक हथियार माना जाने वाला एके-47, एसएलआर और कार्बाइन तक मुंगेर के वर्धा गांव में पहुंचने लगा है.

नहीं थम रहा बरामदगी का सिलसिला
बता दें कि 29 सितंबर 2018 को मुंगेर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर वर्धा गांव के एक बैहियार से कुएं में पड़े बारह एके-47 हथियार को बरामद किया था. वहीं, 1 अक्टूबर 2018 को वर्धा गांव निवासी अजमेरी के बथान के पीछे पुलिस ने जेसीबी से गोदाम की खुदाई कर दो फीट जमीन के अंदर से भारी मात्रा में एके-47 के स्पेयर पार्ट्स को बरामद किया था.

अन्य हथियार भी बरामद
यही नहीं, आमना खातून की निशानदेही पर पुलिस ने जमीन खोद कर दो एके-47 बरामद किया था. पुलिस ने कुख्यात तस्कर मोहम्मद मंजर आलम उर्फ मंजी के घर स्थित आंगन में बने कुएं से भी एके-47 के कई पार्ट्स बरामद किए थे. जबकि तौफिर दियारा से नारद यादव के बथान से खुदाई कर एक एके-47 हथियार और दर्जनों का कारतूस पुलिस ने बरामद किया था.

मुंगेर: मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर वर्धा गांव में हथियार बरामदगी का सिलसिला बदस्तूर जारी है. यहां के नदी, नाले और कुएं से लगातार हथियारों की सप्लाई होती है. ताजा मामले में पुलिस ने यहां से एक राइफल बरामद किया है.

नाले में हुआ बरामद
जानकारी के अनुसार, बरामद राइफल नाले में लावारिस पड़ा था. इस कारण हथियार का पूरा बायोडाटा पुलिस को नहीं मिल सका है. लेकिन नाले से हथियार बरामद होने के बाद एक बार पुनः वर्धा गांव चर्चा में आ गया है.

पुलिस का बयान

हथियार के लिए प्रसिद्ध है वर्धा गांव
इससे पूर्व 29 अगस्त 2018 को जमालपुर पुलिस ने तीन एके-47 हथियार के साथ इमरान को गिरफ्तार किया था. इसके बाद मिर्जापुर वर्धा गांव का नदी, नाला, कुआं और खेत-खलिहान से कई एके-47 हथियार मिलने लगे थे. और मुंगेर का वर्धा गांव देश-विदेश में चर्चित हो गया.

छोटे हथियारों का होता है निर्माण
तमंचा, कट्टा और पिस्टल जैसे कई छोटे हथियार यहां बनाए जाते रहे हैं. वहीं अब सफल और अत्याधुनिक हथियार माना जाने वाला एके-47, एसएलआर और कार्बाइन तक मुंगेर के वर्धा गांव में पहुंचने लगा है.

नहीं थम रहा बरामदगी का सिलसिला
बता दें कि 29 सितंबर 2018 को मुंगेर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर वर्धा गांव के एक बैहियार से कुएं में पड़े बारह एके-47 हथियार को बरामद किया था. वहीं, 1 अक्टूबर 2018 को वर्धा गांव निवासी अजमेरी के बथान के पीछे पुलिस ने जेसीबी से गोदाम की खुदाई कर दो फीट जमीन के अंदर से भारी मात्रा में एके-47 के स्पेयर पार्ट्स को बरामद किया था.

अन्य हथियार भी बरामद
यही नहीं, आमना खातून की निशानदेही पर पुलिस ने जमीन खोद कर दो एके-47 बरामद किया था. पुलिस ने कुख्यात तस्कर मोहम्मद मंजर आलम उर्फ मंजी के घर स्थित आंगन में बने कुएं से भी एके-47 के कई पार्ट्स बरामद किए थे. जबकि तौफिर दियारा से नारद यादव के बथान से खुदाई कर एक एके-47 हथियार और दर्जनों का कारतूस पुलिस ने बरामद किया था.

Intro:मुंगेर- मुफस्सिल थाना क्षेत्र के मिर्जापुर वर्धा गांव मुंगेर जिला का एक ऐसा गांव है, जहां नदी, नाला और कुआं से हथियार निकल रहे हैं। वहीं खेत-खलिहान से फसल के रूप में हथियार का उत्पादन हो रहा है। सेना से जुड़े AK-47 हथियार और पुलिस राइफल यहां लगातार मिल रही है। जो पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका है। इन हत्यारों की जांच मुंगेर पुलिस के साथ-साथ एनआईए जैसी संस्था कर रही है। अब पुलिस राइफल मिलने के बाद एक बार पुनः वर्धा गांव चर्चा में छाया हुआ है।


Body:मुंगेर के मिर्जापुर वर्धा गांव स्थित एक नाले से पुलिस ने एक पुलिसिया राइफल बरामद किया है। जो पुलिस से छीनी हुई अथवा चोरी कर लाया गया हथियार है। लेकिन हथियार नाले में लावारिस पड़ा मिला। इसके कारण हथियार का पूरा बायोडाटा पुलिस को नहीं मिल सका है। लेकिन नाले से हथियार बरामद होने के बाद एक बार पुनः वर्धा गांव चर्चा में आ गया है।
इससे पूर्व जब 29 अगस्त 2018 को जमालपुर पुलिस ने तीन AK-47 हथियार के साथ इमरान को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उसके गांव मिर्जापुर वर्धा के नदी, नाला, कुआ और खेत खलिहान से कई एके-47 हथियार मिलने लगे थे। जिसके बाद वर्धा गांव देश विदेश में चर्चित हो गया।
मिर्जापुर वर्धा गांव में हथियारों की खेती हो रही है। तमंचा, कट्टा और पिस्टल जैसे कई छोटे हथियार यहां बनाए जाते रहे है। वहीं अब सफल और अत्याधुनिक हथियार माना जाने वाला एके-47, एसएलआर और कार्बाइन तक मुंगेर के वर्धा गांव में पहुंचने लगा है।
आपको बता दें कि 29 सितंबर 2018 को मुंगेर पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर वर्धा गांव के एक बैहियार से कुएं में पड़े बारह AK-47 हथियार को बरामद किया था। वहीं 1 अक्टूबर 2018 को वर्धा गांव निवासी अजमेरी के बथान के पीछे पुलिस ने जेसीबी से गोदाम की खुदाई कर दो फीट जमीन के अंदर से भारी मात्रा में ak-47 के स्पेयर पार्ट्स को बरामद किया था। आमना खातून की निशानदेही पर पुलिस ने जमीन खोद कर दो एके सैंतालीस हथियार बरामद किया था। पुलिस ने कुख्यात तस्कर मोहम्मद मंजर आलम उर्फ मंजी के घर स्थित आंगन में बने कुएं से भी एके-47 के कई पार्ट्स बरामद किए थे। जबकि तौफिर दियारा से नारद यादव के बथान से खुदाई कर एक एके-47 हथियार और दर्जनों का कारतूस पुलिस ने बरामद किया था।


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