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कोरोना जांच से बचने के लिए मुंगेर से शेखपुरा भागा पूरा परिवार, SP लिपि सिंह ने पकड़ा

नेशनल हॉस्पिटल परिसर से भागने वाले परिवार कि जानकारी मिलते ही एसपी लिपि सिंह ने रात 11 बजे शेखपुरा एसपी से फोन पर इस मामले में बात की और मदद मांगी. जिसके बाद शेखपुरा पुलिस ने मुंगेर से भागे परिवार को शेखपुरा के श्याम सरोवर पार्क के पीछे खेत से पकड़ा. इनमें एक महिला, युवती, बुजुर्ग सहित दो युवक शामिल हैं.

लिपि सिंह
लिपि सिंह
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Published : Apr 2, 2020, 5:13 PM IST

मुंगेर : बिहार में अबतक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें से पहले कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई है. अबतक जितने भी लोग बिहार में कोरोना संक्रमित मिले हैं, उसमें से 12 लोगों का मुंगेर वाले युवक से कनेक्शन रहा है. यानी कि 24 में से 12 लोग मुंगेर वाले युवक से जुड़े हैं. इसके बाद बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. मुंगेर वाले युवक से जुड़े लोगों का तुरंत जांच कराई जा रही है.

पार्क में छुप गए
पुलिस मुंगेर वाले युवक के संपर्क में आये और उससे बनी चेन को तोड़ने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है. इसी बीच बुधवार को मुंगेर के नेशनल हॉस्पिटल परिसर में रहने वाले परिवार ने कोरोना संक्रमण की जांच से बचने के लिए मुंगेर से भाग कर शेखपुरा के श्याम सरोवर पार्क में जगह ले लिया. जानकारी के अनुसार मुंगेर से भाग कर यह परिवार शेखपुरा में अपने रिश्तेदारों के घर छिपने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने संक्रमण के डर से उन्हें जगह नहीं दी. जिसके बाद दे पार्क में छुप गए.

munger
लिपि सिंह, एसपी

खेत से पकड़े गये सभी
नेशनल हॉस्पिटल परिसर से भागने वाले परिवार कि जानकारी मिलते ही एसपी लिपि सिंह ने रात 11 बजे शेखपुरा एसपी से फोन पर इस मामले में बात की और मदद मांगी. जिसके बाद शेखपुरा पुलिस ने मुंगेर से भागे परिवार को शेखपुरा के श्याम सरोवर पार्क के पीछे खेत से पकड़ा. इनमें एक महिला, युवती, बुजुर्ग सहित दो युवक शामिल हैं. नेशनल हॉस्पिटल से शेखपुरा भागने के लिए इस परिवार ने बिना नम्बर वाली मारुति का इस्तेमाल किया. वहीं, पुलिस को चकमा देने के लिए मारुति पर BY THE SPECIAL ORDER OF DISTRICT MAGISTRATE (D.M. MUNGER) लिखा हुआ पेपर चिपका दिया था. पकड़े जाने के बाद रात के 12 बजे पूरे परिवार को पुलिस की निगरानी में एम्बुलेंस से मुंगेर भेज दिया गया, जहां इनकी जांच की जाएगी.

प्रशासन का नहीं कर रहे है सहयोग
बता दें कि मृतक युवक का इलाज इस अस्पताल में 3 दिनों तक किया गया था और यह अस्पताल मृतक का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी कई दिनों तक खुला रहा. कई लोगों का ऑपरेशन भी किया गया. साथ ही जांच में यह लोग सहयोग भी नहीं किए. जांच के लिए दोबारा टीम आई तो अस्पताल के कर्मियों की जांच किया गया. अब अस्पताल सील होने के बाद इनके कर्मी दूसरे जिला भाग कर प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे. जिला प्रशासन अस्पताल को लेकर काफी गंभीर है.

मुंगेर : बिहार में अबतक 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें से पहले कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई है. अबतक जितने भी लोग बिहार में कोरोना संक्रमित मिले हैं, उसमें से 12 लोगों का मुंगेर वाले युवक से कनेक्शन रहा है. यानी कि 24 में से 12 लोग मुंगेर वाले युवक से जुड़े हैं. इसके बाद बिहार के स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया था. मुंगेर वाले युवक से जुड़े लोगों का तुरंत जांच कराई जा रही है.

पार्क में छुप गए
पुलिस मुंगेर वाले युवक के संपर्क में आये और उससे बनी चेन को तोड़ने के लिए जी तोड़ मेहनत कर रही है. इसी बीच बुधवार को मुंगेर के नेशनल हॉस्पिटल परिसर में रहने वाले परिवार ने कोरोना संक्रमण की जांच से बचने के लिए मुंगेर से भाग कर शेखपुरा के श्याम सरोवर पार्क में जगह ले लिया. जानकारी के अनुसार मुंगेर से भाग कर यह परिवार शेखपुरा में अपने रिश्तेदारों के घर छिपने का प्रयास किया, लेकिन लोगों ने संक्रमण के डर से उन्हें जगह नहीं दी. जिसके बाद दे पार्क में छुप गए.

munger
लिपि सिंह, एसपी

खेत से पकड़े गये सभी
नेशनल हॉस्पिटल परिसर से भागने वाले परिवार कि जानकारी मिलते ही एसपी लिपि सिंह ने रात 11 बजे शेखपुरा एसपी से फोन पर इस मामले में बात की और मदद मांगी. जिसके बाद शेखपुरा पुलिस ने मुंगेर से भागे परिवार को शेखपुरा के श्याम सरोवर पार्क के पीछे खेत से पकड़ा. इनमें एक महिला, युवती, बुजुर्ग सहित दो युवक शामिल हैं. नेशनल हॉस्पिटल से शेखपुरा भागने के लिए इस परिवार ने बिना नम्बर वाली मारुति का इस्तेमाल किया. वहीं, पुलिस को चकमा देने के लिए मारुति पर BY THE SPECIAL ORDER OF DISTRICT MAGISTRATE (D.M. MUNGER) लिखा हुआ पेपर चिपका दिया था. पकड़े जाने के बाद रात के 12 बजे पूरे परिवार को पुलिस की निगरानी में एम्बुलेंस से मुंगेर भेज दिया गया, जहां इनकी जांच की जाएगी.

प्रशासन का नहीं कर रहे है सहयोग
बता दें कि मृतक युवक का इलाज इस अस्पताल में 3 दिनों तक किया गया था और यह अस्पताल मृतक का रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद भी कई दिनों तक खुला रहा. कई लोगों का ऑपरेशन भी किया गया. साथ ही जांच में यह लोग सहयोग भी नहीं किए. जांच के लिए दोबारा टीम आई तो अस्पताल के कर्मियों की जांच किया गया. अब अस्पताल सील होने के बाद इनके कर्मी दूसरे जिला भाग कर प्रशासन का सहयोग नहीं कर रहे. जिला प्रशासन अस्पताल को लेकर काफी गंभीर है.

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