मुंगेर: कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की दूसरी लहर में बिहार लौटे कामगार फिर से उन शहरों का रुख करने लगे हैं, जहां पहले वे काम करते थे. वहीं, अब प्रदेश में बाढ़ की दस्तक ने कामगारों की समस्याओं को और भी गंभीर बना दिया है. राज्य के उद्योग इतनी भारी आबादी को रोजगार देने में सक्षम नहीं नहीं हैं. बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन (Shahnawaz Hussain) रविवार को बिहार के मुंगेर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने बिहार में उद्योग स्थापित करने को लेकर आवेदकों को लोन देने में बैंकों को कोताही नहीं बरतने का निर्देश दिया.
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ईटीवी भारत की टीम ने उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से खास बातचीत की. इस दौरान उद्योग मंत्री से कई सवाल किए गए. जिसका उन्होंने बड़ी बेबाकी और स्पष्टता के साथ जवाब दिया. ईटीवी भारत की टीम ने पूछा कि-
प्रश्न 1:- बिहार में उद्योग धंधे स्थापित नहीं हो रहे हैं. विपक्ष कह रहा है कि बिहार में अब तक एक सुई की फैक्ट्री तक नहीं लगा पाई है. आखिर सरकार की उद्योग नीति कारगर क्यों नहीं है?
उत्तर:- विपक्ष में जो लोग हैं, उन्होंने तो उद्योग का जाल बिछा दिया था. इसलिए विपक्षी सुई तलाश रहे हैं.
प्रश्न 2:- बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना पेश किया जा रहा है. यह कितना कारगार होगा? चूंकि बैंक आवेदकों को ऋण देने में आनाकानी करते हैं. बैंक के माध्यम से तरह-तरह के पेपर्स की मांग कर लोन की प्रक्रिया को जानबूझकर पेचीदा बनाया जाता है. सभी कागजात होने के बाद भी उद्यमियों को उद्योग स्थापित करने के लिए लोन देने में बैंक कोताही बरत रहे हैं.
उत्तर:- यह लोन बिहार सरकार ही देने वाली है. बिहार सरकार 5 लाख रुपये और 5 लाख रुपये का अनुदान देने वाली है. जो भी उद्यमी बैंक के जरिए उद्योग लगाना चाहते हैं, उनके लिए बैंक को अनुपात बढ़ाना चाहिए. पिछली बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने साफ तौर पर कहा था कि बैंक तो पैसा कलेक्ट करते हैं, लेकिन वह पैसा बाहर भेज देते हैं. उद्योग मंत्री ने कहा कि उनकी पूरी नजर बैंकों पर है. जो भी बैंक ऋण देने से मना करेगा, उस पर हम दबाव बनाएंगे. उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि बैंक रेसियो बढ़ाएं.
प्रश्न 3:- मुंगेर जिले में तो कई उद्योग बंद पड़े हुए हैं. जैसे कि धरारा में कंबल उद्योग था. कंबल उद्योग का भवन अभी भी है लेकिन काम बंद कर दिया गया है, ऐसा क्यों? बंद पड़े उद्योगों को पुनर्जीवित करने की कोई योजना है क्या?
उत्तर:- जो बंद उद्योग हैं, उसको भी चालू करना है. साथ ही साथ नए उद्योगों को भी शुरू करना है. यह दोनों एक बड़ी चुनौती है. उद्योग का काम कोई आसान काम नहीं होता है. मुख्यमंत्री ने जो भी काम सौंपा है, उनकी और जनता के उम्मीद पर खरे उतरेंगे.
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उद्यमी योजना के बारे में बताते हुए उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि बिहार सरकार युवाओं को अपने पैरों पर खड़े होने का सुनहरा अवसर दे रही है. इसके तहत इस योजना की शुरुआत 8 जून 2021 को की गई. इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को 12वीं पास होना चाहिए या उसने उसके समकक्ष कोई डिप्लोमा होनी चाहिए. किसी भी तरह का व्यापार शुरू करने के लिए सरकार 10 लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता देगी. इसमें अधिकतम 5 लाख रुपये अनुदान के रूप में और बाकी 5 लाख रुपये ऋण के रूप में 1 प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध होगा.
'हमारी प्राथमिकता नए उद्योग लगाना तो है ही, लेकिन उससे कहीं अधिक प्राथमिकता बंद उद्योगों को पुनर्जीवित करने को लेकर भी है. पूरे बिहार में बंद पड़े उद्योगों का डाटा तैयार किया जा रहा है. मुंगेर का बंद कंबल उद्योग हो या बंदूक कारखाना, इन सभी को पुनर्जीवित किया जाएगा. नए उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार उद्यमियों को बिहार आमंत्रित कर रही है.' -मोहम्मद शाहनवाज हुसैन, उद्योग मंत्री