मुंगेर: पप्पू यादव ने शराबबंदी को लेकर सरकार और विपक्ष को घेरा है. उन्होंने कहा कि चाहे सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ओर के नेता शराबबंदी में संलिप्त हैं. बिहार में शराबबंदी सिर्फ ढकोसला है. 5000 करोड़ की इकोनॉमी 50000 करोड़ तक अवैध धंधे से ही पहुंच गई. इसमें विपक्ष के लोग भी शामिल हैं. शराबबंदी पर हमेशा चुप रहना और एक दिन अचानक से रामसूरत राय पर हमलावर हो जाना ठीक नहीं. विपक्ष को भी ये इंश्योर करना होगा कि उनके नेता शराबबंदी में संलिप्त नहीं हों.
दरअसल जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव मुंगेर में आए हुए थे. इस दौरान उन्होंने ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बात की. जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के अंतर्गत लाल दरवाजा में मुआवजे की मांग को लेकर धरना दे रहे सैकड़ों किसानों के साथ पप्पू यादव भी धरने में शामिल हुए.
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'सरकार की दोहरीनीति नहीं चलेगी'
इस दौरान उन्होंने कहा कि मुंगेर खगरिया रेल-सह-सड़क पुल में सड़क पहुंच पथ के लिए जो एप्रोच पथ बनाया जा रहा है, उस एप्रोच पथ में अधिग्रहित जमीन के भू-स्वामियों को उचित मुआवजा मिले. सरकार की दोहरीनीति नहीं चलेगी. 15000 रुपए कट्ठा जो मुआवजा सरकार इन रैयतों को दे रही है, वह गलत है. उचित मुआवजा नहीं मिला तो वे आंदोलन को और तेज करेंगे. साथ ही इस संबंध में मुख्यमंत्री के सचिव से भी बात करेंगे.
'बिहार में शराबबंदी ढकोसला'
ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि शराबबंदी बिहार में ढकोसला बन गया है. इसमें करोड़ों के वारे न्यारे नेता कर रहे हैं. डिलीवरी बॉय से लेकर बेड डिलीवरी तक शराब की होती है. इस धंधे में सत्ता पक्ष और विपक्ष के सभी नेता संलिप्त हैं. सही से जांच हो तो कई नेता अंदर चले जाएंगे. उन्होंने कहा कि विपक्ष, सत्तापक्ष पर केवल दबाव ना बनाए, बल्कि उदाहरण पेश करें.
'शराबबंदी को लेकर विपक्ष, सत्तापक्ष पर केवल दबाव न बनाए, बल्कि उदाहरण भी पेश करे'- पप्पू यादव, जाप संयोजक
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'विपक्ष धंधे में लिप्त नहीं होने का दें शपथ पत्र'
उन्होंने कहा कि विपक्ष के सभी 70 विधायक शपथ पत्र दें कि वे इस धंधे में लिप्त नहीं हैं. यहां तो हर नेता शराबबंदी के बाद शराब के धंधे में लिप्त है. सब ढकोसला है. उन्होंने कहा कि जन अधिकार पार्टी निश्चित रूप से रामसूरत राय से भी इस्तीफे की मांग करती है. लेकिन विपक्ष भी उदाहरण पेश करे. उनके सभी विधायक जांच कराएं. जांच के बाद ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.