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ताड़ी से बनी 'नीरा' स्वास्थ्य के लिए है रामबाण, जानें पीने से क्या मिलता है लाभ

स्वाद में मीठी और सफेद रंग वाली नीरा सेहत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है. दरअसल, ताड़ और खजूर के पेड़ से जो ताजा रस निकलता है, उसे नीरा कहते है. इसमें 84% पानी के अलावा कई पोषक तत्व होते हैं, नीरा बीमारियों के लिए काल है. नीरा के सेवन का समय, इसके फायदे और ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए ये किस तरह लाभकारी (Benefit to toddy traders in Munger) है. पढ़ें ये रिपोर्ट..

ताड़ी से बनी नीरा
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Published : Feb 2, 2022, 10:39 PM IST

Updated : Feb 2, 2022, 11:05 PM IST

मुंगेर: ताड़ी से बनी नीरा (Neera made from Toddy) स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इससे जहां पेट की गंभीर बीमारी दूर होती है, तो जॉन्डिस भी गायब हो जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में नीरा रामबाण है, नीरा से नशा भी नहीं होता है. ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. मुंगेर जिले में भी इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों का सर्वेक्षण कार्य शुरू हो गया है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा में जल्द शुरू होगी नीरा की बिक्री, सर्वे के बाद दिया जाएगा लाइसेंस

मुंगेर में नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट: जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि मार्च से अप्रैल तक जिले के सभी ताड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया जाना है. जीविका के माध्यम से नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी. सर्वे के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद जिले में सर्वे का कार्य शुरू हो जाएगा. अप्रैल तक जमीन पर कार्य दिखने लगेंगे.


कब करें 'नीरा' का सेवन?: चिकित्सक की माने तो नीरा का सेवन सूर्योदय के पहले करें. सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. मुंगेर जिले के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इस रस से जॉन्डिस और दमा समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

ईटीवी भारत GFX
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'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण: नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी भी मिलता है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.


मुंगेर में करीब 68 हजार ताड़-खजूर के पेड़: मुंगेर जिले में ताड़ी के व्यवसाय से 10 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं. जिले में 2017 में ताड़ और खजूर के पेड़ की गणना में 68 हजार पेड़ पाए गए थे. इनसे लगभग 10 हजार लोग ताड़ी उतार कर ताड़ी का व्यवसाय कर अपना घर परिवार चलाते हैं. जिले के सदर प्रखंड में 4862, जमालपुर 1463, बरियारपुर 785, धरहरा 778, खड़गपुर 8856, टेटिया बंबर 3689, तारापुर 18098, असरगंज 12095, संग्रामपुर 4701 ताड़ और खजूर के पेड़ है.

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ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को होगा लाभ: ताड़ी से नीरा बनाने पर मुंगेर में ताड़ी व्यवसायियों को फायदा (Neera Beneficial for Toddy Traders in Munger) होगा. डीएम नवीन कुमार ने कहा कि ताड़ी बेचने से कम फायदा होता है और यह गैरकानूनी भी है. वहीं, ताड़ी से नीरा बनाकर बाजार में बोतल में बेचा जाएगा, तो उन्हें अधिक मुनाफा होगा. इससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा होगा, आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. उनका रहन-सहन भी बेहतर होगा और वे सम्मान के साथ इस व्यवसाय को करेंगे.

ये भी पढ़ें- वित्त मंत्री ने जिस ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने पर दिया जोर, बिहार में गंगा किनारे पहले से फल-फूल रहा

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मुंगेर: ताड़ी से बनी नीरा (Neera made from Toddy) स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है. इससे जहां पेट की गंभीर बीमारी दूर होती है, तो जॉन्डिस भी गायब हो जाता है. लीवर संबंधी बीमारियों में नीरा रामबाण है, नीरा से नशा भी नहीं होता है. ऐसे में सरकार बिहार में शराबबंदी (Liquor ban in Bihar) को पूर्णता सफल बनाने के लिए ताड़ी के व्यवसाय करने वालों को नीरा उत्पाद में जोड़ने के लिए योजना चलाई है. मुंगेर जिले में भी इस योजना को जमीन पर उतारने के लिए ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों का सर्वेक्षण कार्य शुरू हो गया है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा में जल्द शुरू होगी नीरा की बिक्री, सर्वे के बाद दिया जाएगा लाइसेंस

मुंगेर में नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट: जिलाधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि मार्च से अप्रैल तक जिले के सभी ताड़ी व्यवसाय से जुड़े परिवारों का सर्वेक्षण किया जाना है. जीविका के माध्यम से नीरा उत्पाद के लिए प्रोसेसिंग यूनिट लगाई जाएगी. सर्वे के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है. प्रशिक्षण के बाद जिले में सर्वे का कार्य शुरू हो जाएगा. अप्रैल तक जमीन पर कार्य दिखने लगेंगे.


कब करें 'नीरा' का सेवन?: चिकित्सक की माने तो नीरा का सेवन सूर्योदय के पहले करें. सूर्योदय के पहले ताड़ या खजूर से उतरने वाली ताड़ी में नीरा के बराबर पौष्टिक होता है. नीरा के सेवन से कई तरह के फायदे हैं. मुंगेर जिले के फिजीशियन डॉक्टर आशीष कुमार ने कहा कि इसमें 25 प्रकार के पोषक तत्व होते हैं. इस रस से जॉन्डिस और दमा समेत अनेक प्रकार की बीमारियों को ठीक करने की ताकत होती है. नीरा शरीर के लिए बहुत ही फायदेमंद है.

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'नीरा' स्वास्थ्य के लिए रामबाण: नीरा में मुख्य रूप से 84.72 प्रतिशत जल रहता है, जबकि कार्बोहाइड्रेट 14.35 प्रतिशत, प्रोटीन 0.10 प्रतिशत, वसा 0.17 प्रतिशत, मिनरल 0.66 प्रतिशत होता है. मिनरल्स में कैल्शियम, आयरन, पोटेशियम, सोडियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है. साथ ही विटामिन सी और विटामिन बी भी मिलता है. सुबह-सुबह नीरा का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है.


मुंगेर में करीब 68 हजार ताड़-खजूर के पेड़: मुंगेर जिले में ताड़ी के व्यवसाय से 10 हजार से अधिक लोग जुड़े हैं. जिले में 2017 में ताड़ और खजूर के पेड़ की गणना में 68 हजार पेड़ पाए गए थे. इनसे लगभग 10 हजार लोग ताड़ी उतार कर ताड़ी का व्यवसाय कर अपना घर परिवार चलाते हैं. जिले के सदर प्रखंड में 4862, जमालपुर 1463, बरियारपुर 785, धरहरा 778, खड़गपुर 8856, टेटिया बंबर 3689, तारापुर 18098, असरगंज 12095, संग्रामपुर 4701 ताड़ और खजूर के पेड़ है.

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ताड़ी व्यवसाय से जुड़े लोगों को होगा लाभ: ताड़ी से नीरा बनाने पर मुंगेर में ताड़ी व्यवसायियों को फायदा (Neera Beneficial for Toddy Traders in Munger) होगा. डीएम नवीन कुमार ने कहा कि ताड़ी बेचने से कम फायदा होता है और यह गैरकानूनी भी है. वहीं, ताड़ी से नीरा बनाकर बाजार में बोतल में बेचा जाएगा, तो उन्हें अधिक मुनाफा होगा. इससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को फायदा होगा, आर्थिक रूप से मजबूत होंगे. उनका रहन-सहन भी बेहतर होगा और वे सम्मान के साथ इस व्यवसाय को करेंगे.

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Last Updated : Feb 2, 2022, 11:05 PM IST
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