मुंगेर: बिहार के मुंगेर जिला परिषद की परिसंपत्तियों अतिक्रमण मुक्त (Munger Zilla Parishad Assets will be Encroachment Free) होगी. किला परिसर स्थित साढ़े चार एकड़ में फैला मुंगेर जिला परिषद कार्यालय के परिसर में ही आधा दर्जन से अधिक सरकारी विभाग बगैर किराया दिए जिला परिषद की जमीन पर भवन में चला रहे हैं. अब नए जिला परिषद अध्यक्ष साधना देवी ने जिला परिषद के आय को बढ़ाने के लिए बगैर किराया दिए चल रहे कार्यालयों के विभाग को नोटिस निर्गत करवा रहीं हैं.
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'वह किराया नहीं देंगे तो उन्हें कार्यालय खाली करना होगा. जिला शिक्षा कार्यालय पर है 50 लाख से अधिक का किराया बाकी. किला परिसर स्थित जिला शिक्षा विभाग का कार्यालय बगैर किराया दिए चल रहा है. विभाग 1990 में मात्र 30 हजार रुपए किराया जमा किया था. इसपर पहले का भी बहुत बकाया है. जिला शिक्षा कार्यालय 3 हजार स्क्वायर फीट में चल रहा है. जिसका किराया प्रति माह 25 हजार रुपये है.' - साधना देवी, जिला परिषद अध्यक्ष
उन्होंने कहा कि लाल दरवाजा स्थित पीएचडी अधीक्षण अभियंता का कार्य प्रमंडल कार्यालय भी लगभग ढाई हजार स्क्वायर फीट पर बगैर किराया दिए 2010 से ही चल रहा है. उसका किराया 2010 से अब तक नहीं मिला है. यहां का किराया भी 12 हजार प्रतिमाह है. साथ ही उन्होंने कहा कि हवेली खरगपुर डीएसपी कार्यालय भी पिछले 25 वर्षों से किराया नहीं दिया है. डीएसपी कार्यालय एवं आवास पर लगभग 35 लाख से अधिक का किराया बाकी है.
कार्यक्रम पदाधिकारी का कार्यालय 4 हजार 27 स्क्वायर फिट पर प्रतिमाह 20135 किराया पर चल रहा है. यह भी 20 वर्षों से किराया नहीं दिए हैं. इसी तरह एनएचएआई, जिला ग्रामीण विकास अभिकरण, डीआरडीए, सहकारिता विभाग के कार्यालय भी बगैर किराया दिए ही वर्षों से संचालित हो रहे हैं. सभी को बकाया किराया मार्च तक जमा करने का निर्देश दिए जा रहे हैं. अगर किराया नहीं मिलता है तो सभी को कार्यालय खाली करवाया जाएगा.
नवनिर्वाचित जिला परिषद अध्यक्ष साधना देवी ने कहा कि जिला परिषद की परिसंपत्तियों पर वर्षों से कुंडली मारकर बैठे रहने वाले विभागों पर अब हम लोग सख्त हो गए हैं. मार्च तक अगर किराया नहीं मिलता है तो निश्चित रूप से सभी विभागों को यहां से हटना होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जिला परिषद के अन्य भूमि तारापुर, धरहरा, जमालपुर, बरियारपुर, मुंगेर में भी कई जगह अतिक्रमण है. उन्हें भी अविलंब अतिक्रमण मुक्त करवाया जा रहा है. इसके लिए संबंधित पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है. मार्च तक सभी अतिक्रमित भूमि से संबंधित कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.
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