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मुंगेर: भ्रष्टाचार और अपराध में संलिप्त पाए गए 4 पुलिसकर्मी बर्खास्त, 2 की सेवा समाप्त - Two policemen ended their service in Mungre

जिला पुलिस अधीक्षक ने पुलिस महकमे में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो पुलिस कर्मियों की सेवा समाप्त कर दी. तो वहीं, भ्रष्टाचार और अपराध में संलिप्त पाए जाने पर चार पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया. एसपी के इस कड़े फैसले के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है.

मुंगेर एसपी ने दो पुलिस कर्मियों की सेवा समाप्त
मुंगरे एसपी ने चार पुलिस कर्मियों को बर्खास्त किया
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Published : Jan 2, 2021, 7:53 AM IST

मुंगेर: अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंगेर के पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने चार पुलिसकर्मियों को बीते शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया. वहीं, वर्षों से फरार चल रहे दो पुलिसकर्मियों की भी सेवा समाप्त कर दी गई. जिन पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त की गयी. उसमें दो हवलदार व चार सिपाही शामिल हैं. इस कार्रवाई से जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर जिला बल में शामिल हवलदार जयप्रकाश, मनोज कुमार साह, सिपाही संख्या 203 बलजीत कुमार सिंह एवं सिपाही संख्या 561 लाल बाबु ठाकुर को पुलिस अधीक्षक ने सेवा से बर्खास्त कर दिया. इन पर भ्रष्टाचार और अपराध में संलिप्त रहने का आरोप था. उक्त आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी. विभागीय कार्रवाई के दौरान इन लोगों पर आरोप सिद्ध होने के बाद एसपी ने सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की. जबकि सिपाही संख्या 220 प्रदीप कुमार साह एवं 113 सुनील पासवान को सेवा से हटा दिया. इन दोनों सिपाहियों पर आरोप था कि वह कई वर्षों से बिना सूचना के लिए फरार चल रहे थे. विभागीय कार्रवाई में दोषी पाये जाने के बाद दोनों को सेवा से हटाया गया.

किस पर क्या था आरोप
जिला बल में शामिल हवलदार जय प्रकाश और सिपाही बलजीत कुमार पर रिश्वत लेने का आरोप था. बताया जाता है कि दोनों सफियासराय के समीप वाहनों से पैसा वसूल कर रहे थे. जबकि कुछ अन्य लोगों से भी रिश्वत लिया था. जिसके कारण उस समय दोनों को निलंबित कर दिया गया था. साथ ही विभागीय जांच भी बिठा दी गई थी. जबकि सिपाही संख्या 561 लालबाबू ठाकुर पर मुंगेर जेल में बंद कैदियों को मोबाइल पहुंचाने का आरोप था.

साल 2015 में जिला बल के जवान लालबाबू ठाकुर जेल में बंद कैदी को मोबाइल पहुंचाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. जो जेल में बंद शातिर अपराधी रवि शर्मा को न्यायालय में उपस्थापन के दौरान मोबाइल उपलब्ध करा रहा था. जबकि हवलदार मनोज कुमार साह पर आरोप था कि उसने एक ट्रक को अगवा कर लिया था. जबकि ड्राइवर का अपहरण कर जंगल में छिपा दिया था. इस घटना को अंजाम उसने खड़गपुर थाना में पदास्थापन के दौरान दिया था. अपराध और भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद इन लोगों पर काफी दिनों तक विभागीय प्रोसोडिंग चली. जब विभागीय कार्रवाई में इन लोगों को दोषी ठहराया गया तो पुलिस अधीक्षक ने इन पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया.

क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार में संलिप्त चार पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई में आरोप सिद्ध हुआ था. जिसके कारण चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. जबकि दो पुलिसकर्मी वर्षों से फरार चल रहे थे. विभागीय कार्रवाई पूरी होने के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया. उन्होंने पुलिस वालों को इमानदारी के साथ अनुशासन में रहते हुए कार्य करने की सलाह दी.

मुंगेर: अपराध और भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए मुंगेर के पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने चार पुलिसकर्मियों को बीते शुक्रवार को बर्खास्त कर दिया. वहीं, वर्षों से फरार चल रहे दो पुलिसकर्मियों की भी सेवा समाप्त कर दी गई. जिन पुलिसकर्मियों की सेवा समाप्त की गयी. उसमें दो हवलदार व चार सिपाही शामिल हैं. इस कार्रवाई से जिले के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया.

मिली जानकारी के अनुसार मुंगेर जिला बल में शामिल हवलदार जयप्रकाश, मनोज कुमार साह, सिपाही संख्या 203 बलजीत कुमार सिंह एवं सिपाही संख्या 561 लाल बाबु ठाकुर को पुलिस अधीक्षक ने सेवा से बर्खास्त कर दिया. इन पर भ्रष्टाचार और अपराध में संलिप्त रहने का आरोप था. उक्त आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई चल रही थी. विभागीय कार्रवाई के दौरान इन लोगों पर आरोप सिद्ध होने के बाद एसपी ने सेवा से बर्खास्त करने की कार्रवाई की. जबकि सिपाही संख्या 220 प्रदीप कुमार साह एवं 113 सुनील पासवान को सेवा से हटा दिया. इन दोनों सिपाहियों पर आरोप था कि वह कई वर्षों से बिना सूचना के लिए फरार चल रहे थे. विभागीय कार्रवाई में दोषी पाये जाने के बाद दोनों को सेवा से हटाया गया.

किस पर क्या था आरोप
जिला बल में शामिल हवलदार जय प्रकाश और सिपाही बलजीत कुमार पर रिश्वत लेने का आरोप था. बताया जाता है कि दोनों सफियासराय के समीप वाहनों से पैसा वसूल कर रहे थे. जबकि कुछ अन्य लोगों से भी रिश्वत लिया था. जिसके कारण उस समय दोनों को निलंबित कर दिया गया था. साथ ही विभागीय जांच भी बिठा दी गई थी. जबकि सिपाही संख्या 561 लालबाबू ठाकुर पर मुंगेर जेल में बंद कैदियों को मोबाइल पहुंचाने का आरोप था.

साल 2015 में जिला बल के जवान लालबाबू ठाकुर जेल में बंद कैदी को मोबाइल पहुंचाते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था. जो जेल में बंद शातिर अपराधी रवि शर्मा को न्यायालय में उपस्थापन के दौरान मोबाइल उपलब्ध करा रहा था. जबकि हवलदार मनोज कुमार साह पर आरोप था कि उसने एक ट्रक को अगवा कर लिया था. जबकि ड्राइवर का अपहरण कर जंगल में छिपा दिया था. इस घटना को अंजाम उसने खड़गपुर थाना में पदास्थापन के दौरान दिया था. अपराध और भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद इन लोगों पर काफी दिनों तक विभागीय प्रोसोडिंग चली. जब विभागीय कार्रवाई में इन लोगों को दोषी ठहराया गया तो पुलिस अधीक्षक ने इन पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया.

क्या कहते हैं पुलिस अधीक्षक
पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि अपराध और भ्रष्टाचार में संलिप्त चार पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई में आरोप सिद्ध हुआ था. जिसके कारण चारों पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया. जबकि दो पुलिसकर्मी वर्षों से फरार चल रहे थे. विभागीय कार्रवाई पूरी होने के बाद दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया. उन्होंने पुलिस वालों को इमानदारी के साथ अनुशासन में रहते हुए कार्य करने की सलाह दी.

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