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मुंगेर-खगड़िया का नया पुल बना हादसे का सेतु, एक महीने में 30 से ज्यादा लोग घायल

बिहार के मुंगेर-खगड़िया सड़क पुल (Munger Khagaria Road Bridge) का उद्घाटन बीते 11 फरवरी को हुआ था. आधे-अधूरे काम के कारण पुल पर आये दिन रोज हादसे हो रहे हैं. बीते एक माह में पुल पर 30 से ज्याद लोग घायल हो चुके हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट.

Munger Khagaria Rai Bridge
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Published : Mar 12, 2022, 7:34 PM IST

मुंगेरः बिहार के मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल (Munger Khagaria Rail Cum Road Bridge) का उद्घाटन 11 फरवरी को हुआ था. इस पुल को श्रीकृष्ण सेतु के नाम से भी जाना जाता है. निर्माण कार्य पूरा किये बिना पुल पर आवागमन चालू होने के कारण बड़ी संख्या में हादसे रोजाना हो रहे हैं. बीते एक माह में पुल पर अलग-अलग हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. इस कारण रेल सह सड़क पुल को लोग हादसे का पुल (Bridge Become Accident Zone) कहने लगे हैं.

औसतन 2 दिन में एक हादसाः मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल अभी पूरी तरह आवागमन के लिए तैयार नहीं है. 11 फरवरी को उद्घाटित इस पुल पर 11 मार्च तक महज 1 महीने में मुंगेर साइड में अब तक 15 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. लगभग 13 बाइक हादसा, एक ट्रैक्टर हादसा और एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है. इन हादसे में लगभग 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. यानी औसतन प्रत्येक 2 दिन में एक दुर्घटना, प्रत्येक दिन एक व्यक्ति घायल हो रहे हैं. पिछले दिनों 7 मार्च को नंदलालपुर दूध फैक्ट्री के पास सड़क धंसने के कारण एक 18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरी थी. हालांकि इसमें ड्राइवर और खलासी की जान बच गई. लेकिन ट्रक के परखच्चे उड़ गए.

खगड़िया बेगूसराय की तरफ भी हो रही है दुर्घटनाएंः सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी रविंद्र कुमार ने कहा कि पिछले 1 महीने में मुंगेर सड़क पुल से लगभग 25 से 30 व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल होकर यहां इलाज कराने पहुंचे हैं. इसके अलावा भी खगड़िया बेगूसराय की ओर भी दुर्घटनाएं होती रहती है. उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा मानकों का इस पुल पर पालन नहीं करवाया जा रहा है. ना तो डिवाइडर सही से लगा है और ना ही सुरक्षा के कोई उपाय किये गये हैं. इस कारण यहां दुर्घटनाएं घट रही है.

रोड सेफ्टी ऑडिट बाकीः पुल पर अब भी कई सुरक्षा मानकों को भी पूरा नहीं किया गया. कुछ जगहों पर अंडरपास का कुछ जगहों पर एक पूरा लेन नहीं बना है. कई जगहों पर डिवाइडर भी नहीं लगाया गया है. वहीं आवागमन से पहले पुल या सड़क का रोड सेफ्टी ऑडिट कराना अनिवार्य है. ऑडिट का काम 3 चरणों में होता है. फाइनल ऑडिट निर्माण कार्य पूरा होने के बाद होता है. निर्माण कार्य से जुड़े एक अभियंता के अनुसार मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल और इस पथ का अभी तक रोड सेफ्टी ऑडिट नहीं हुआ है.

11 फरवरी को हुआ था श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटनः
11 फरवरी 2022 को मुंगेर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत लाल दरवाजा मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के महज 20 घंटे के बाद ही पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित करते हुए एनएचआई ने मुंगेर के लाल दरवाजा और बेगूसराय जिला के साहेबपुर कमाल की ओर बैरिकेडिंग लगा कर बड़े वाहनों पर रोक लगा दिया है. पुल पर पूरी तरह से परिचालन जारी नहीं होने से मुंगेर के लोगों में नाराजगी है.

पुल के करना पड़ा था 20 साल का इंतजारः 20 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद इलाके के लोगों का पुल का सपना पूरा हुआ था. लोगों के अनुसार सरकार की ओर से वाहवाही के लिए आधे अधूरे पुल पर परिचालन आरंभ करा दिया गया. मजबूरी में लोग जान हथेली पर रखकर इस पर यात्रा कर रहे हैं. इस संबंध में मुंगेर जिला राजद नेता अरविंद गजेंद्र कुमार हिमांशु ने कहा कि आनन-फानन में आधे अधूरे रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था. हालत यह है कि अभी भी एप्रोच पथ का निर्माण कार्य चल रहा है.

एप्रोच पथ बनने में अभी कई महीने और लगेंगे. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर पुल पूरी तरह नहीं बना था तो उद्घाटन की क्या औचित्य है. उद्घाटन का मतलब है की सभी वाहनों का परिचालन हो, यहां तो बड़े वाहनों का परिचालन ही बंद है. इससे किसानों और व्यापारियों को फायदा नहीं हो रहा. उल्ट आये दिन इस पुल पर दुर्घटनाओं में लोग घायल हो रहे हैं.


निर्माण कार्य पूरा होने में लगेंगे अभी 6 महीनेः मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन फरवरी माह में हो गया है लेकिन अभी कई स्थानों पर आरयूबी का निर्माण हो रहा है. यही नहीं मार्ग पर सड़क निर्माण भी जारी है. इस संबंध में एप्रोच पथ निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट मैनेजर संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि अभी कई स्थानों पर रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) निर्माण कार्य चल रहा है. नंदलालपुर, श्रीमतपुर, आईटीसी क्वार्टर के पास, काला पत्थर, नयागांव मोमिन टोला, श्यामपुरा, सुंदरपुर और शेरपुर चौखंडी के आरयूबी का निर्माण कार्य अभी चल ही रहा है. जहां आरयूबी का निर्माण कर चल चल रहा है वहां पर सिंगल लेन से ही आवागमन की इजाजत है. साथ ही नंदलालपुर से आईटीसी क्वार्टर तक बने आरयूबी के बीच सिंगल लेन है. दो लेन निर्माण के लिए कार्य चल रहा है.

18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरीः सिंगल लेन के नीचे लगभग 30 फीट गड्ढा है. अगर यहां सावधानी से नहीं गुजरे तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है. 7 मार्च को सिंगल लेन पर सड़क धंसने के कारण 18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरी. हादसे में ड्राइवर और खलासी घायल हो गया था. इसके अलावा श्यामपुर शेरपुर में सड़क का कालीकरण भी नहीं हुआ. शेरपुर चौखंडी के पास अभी मात्र 50 फीसदी ही सड़क का काम पूरा हो पाया है, जिसमें मोरंग के बाद अभी स्टॉन चिप्स को बिछाया जा रहा है.

रेलवे के एनओसी के बाद बड़े वाहनों का होगा परिचालनः यूं तो मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल श्री कृष्ण सेतु पर छोटे वाहनों एवं आम आवाम के लिए परिचालन आरंभ कर दिया गया है लेकिन बड़े वाहनों का परिचालन पर प्रतिबंध है. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला तो कई स्थानों पर अभी निर्माण कार्य एजेंसी की ओर से बदस्तूर जारी है. इसे पूरा होने में 6 महीने लगने का अनुमान है.

एनओसी मिलने के बाद बड़े वाहनों का परिचालन: इस संबंध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रमोद मेहता ने बताया कि एप्रोच पथ निर्माण एजेंसी की ओर से पूर्ण करने के बाद रेलवे को एनओसी के लिए आवेदन किया जाएगा. वहां से एनओसी के लिए रेलवे के अधिकारी सड़क पुल की जांच में करेंगे. एनओसी मिलने के बाद ही यहां बड़े वाहनों का परिचालन पुल से संभव होगा क्योंकि सड़क पुल के नीचे रेल पुल है. जिस पर रेल का परिचालन होता है.

बड़े वाहनों का परिचालन संभवत दिसंबर 2022 सेः रेलवे के अधिकारियों के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर सड़क पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित ही रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि बड़े वाहनों का परिचालन की प्रक्रिया पूरी होने में संभवत दिसंबर 2022 तक का समय लग जाये. लोगो को उम्मीद है कि अगले वर्ष से इस पर भारी वाहनों का परिचालन संभव हो पायेगा. इस संबंध में समाजसेवी कृष्णा मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार वाह-वाही लूटने के लिए आधे-अधूरे पुल का उद्घाटन कर दिया. अभी भी पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है, लेकिन चोरी-छिपे निर्माण एजेंसी का बड़ा वाहन चल रहा है जो नव निर्माणाधीन सड़क के लिए खतरनाक है.

ये भी पढ़ें- यादों में नाव और जहाज का सफर! मुंगेर-खगड़िया रेल सह सड़क पुल चालू होने के बाद नौका परिचालन बंद

ये भी पढ़ें- 100KM से ज्यादा मुंगेर-खगड़िया की दूरी हुई कम, श्रीकृष्ण सेतु का नितिन गडकरी और CM नीतीश ने किया लोकार्पण

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मुंगेरः बिहार के मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल (Munger Khagaria Rail Cum Road Bridge) का उद्घाटन 11 फरवरी को हुआ था. इस पुल को श्रीकृष्ण सेतु के नाम से भी जाना जाता है. निर्माण कार्य पूरा किये बिना पुल पर आवागमन चालू होने के कारण बड़ी संख्या में हादसे रोजाना हो रहे हैं. बीते एक माह में पुल पर अलग-अलग हादसे में 30 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. इस कारण रेल सह सड़क पुल को लोग हादसे का पुल (Bridge Become Accident Zone) कहने लगे हैं.

औसतन 2 दिन में एक हादसाः मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल अभी पूरी तरह आवागमन के लिए तैयार नहीं है. 11 फरवरी को उद्घाटित इस पुल पर 11 मार्च तक महज 1 महीने में मुंगेर साइड में अब तक 15 से ज्यादा छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं. लगभग 13 बाइक हादसा, एक ट्रैक्टर हादसा और एक ट्रक दुर्घटनाग्रस्त हो चुका है. इन हादसे में लगभग 30 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं. यानी औसतन प्रत्येक 2 दिन में एक दुर्घटना, प्रत्येक दिन एक व्यक्ति घायल हो रहे हैं. पिछले दिनों 7 मार्च को नंदलालपुर दूध फैक्ट्री के पास सड़क धंसने के कारण एक 18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरी थी. हालांकि इसमें ड्राइवर और खलासी की जान बच गई. लेकिन ट्रक के परखच्चे उड़ गए.

खगड़िया बेगूसराय की तरफ भी हो रही है दुर्घटनाएंः सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में कार्यरत स्वास्थ्य कर्मी रविंद्र कुमार ने कहा कि पिछले 1 महीने में मुंगेर सड़क पुल से लगभग 25 से 30 व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल होकर यहां इलाज कराने पहुंचे हैं. इसके अलावा भी खगड़िया बेगूसराय की ओर भी दुर्घटनाएं होती रहती है. उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा मानकों का इस पुल पर पालन नहीं करवाया जा रहा है. ना तो डिवाइडर सही से लगा है और ना ही सुरक्षा के कोई उपाय किये गये हैं. इस कारण यहां दुर्घटनाएं घट रही है.

रोड सेफ्टी ऑडिट बाकीः पुल पर अब भी कई सुरक्षा मानकों को भी पूरा नहीं किया गया. कुछ जगहों पर अंडरपास का कुछ जगहों पर एक पूरा लेन नहीं बना है. कई जगहों पर डिवाइडर भी नहीं लगाया गया है. वहीं आवागमन से पहले पुल या सड़क का रोड सेफ्टी ऑडिट कराना अनिवार्य है. ऑडिट का काम 3 चरणों में होता है. फाइनल ऑडिट निर्माण कार्य पूरा होने के बाद होता है. निर्माण कार्य से जुड़े एक अभियंता के अनुसार मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल और इस पथ का अभी तक रोड सेफ्टी ऑडिट नहीं हुआ है.

11 फरवरी को हुआ था श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटनः
11 फरवरी 2022 को मुंगेर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत लाल दरवाजा मैदान से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और दिल्ली से वर्चुअल माध्यम से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटन किया था. उद्घाटन के महज 20 घंटे के बाद ही पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित करते हुए एनएचआई ने मुंगेर के लाल दरवाजा और बेगूसराय जिला के साहेबपुर कमाल की ओर बैरिकेडिंग लगा कर बड़े वाहनों पर रोक लगा दिया है. पुल पर पूरी तरह से परिचालन जारी नहीं होने से मुंगेर के लोगों में नाराजगी है.

पुल के करना पड़ा था 20 साल का इंतजारः 20 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद इलाके के लोगों का पुल का सपना पूरा हुआ था. लोगों के अनुसार सरकार की ओर से वाहवाही के लिए आधे अधूरे पुल पर परिचालन आरंभ करा दिया गया. मजबूरी में लोग जान हथेली पर रखकर इस पर यात्रा कर रहे हैं. इस संबंध में मुंगेर जिला राजद नेता अरविंद गजेंद्र कुमार हिमांशु ने कहा कि आनन-फानन में आधे अधूरे रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन मुख्यमंत्री ने किया था. हालत यह है कि अभी भी एप्रोच पथ का निर्माण कार्य चल रहा है.

एप्रोच पथ बनने में अभी कई महीने और लगेंगे. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि अगर पुल पूरी तरह नहीं बना था तो उद्घाटन की क्या औचित्य है. उद्घाटन का मतलब है की सभी वाहनों का परिचालन हो, यहां तो बड़े वाहनों का परिचालन ही बंद है. इससे किसानों और व्यापारियों को फायदा नहीं हो रहा. उल्ट आये दिन इस पुल पर दुर्घटनाओं में लोग घायल हो रहे हैं.


निर्माण कार्य पूरा होने में लगेंगे अभी 6 महीनेः मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल का उद्घाटन फरवरी माह में हो गया है लेकिन अभी कई स्थानों पर आरयूबी का निर्माण हो रहा है. यही नहीं मार्ग पर सड़क निर्माण भी जारी है. इस संबंध में एप्रोच पथ निर्माण एजेंसी एसपी सिंगला के प्रोजेक्ट मैनेजर संतोष कुमार शर्मा ने कहा कि अभी कई स्थानों पर रोड अंडर ब्रिज (आरयूबी) निर्माण कार्य चल रहा है. नंदलालपुर, श्रीमतपुर, आईटीसी क्वार्टर के पास, काला पत्थर, नयागांव मोमिन टोला, श्यामपुरा, सुंदरपुर और शेरपुर चौखंडी के आरयूबी का निर्माण कार्य अभी चल ही रहा है. जहां आरयूबी का निर्माण कर चल चल रहा है वहां पर सिंगल लेन से ही आवागमन की इजाजत है. साथ ही नंदलालपुर से आईटीसी क्वार्टर तक बने आरयूबी के बीच सिंगल लेन है. दो लेन निर्माण के लिए कार्य चल रहा है.

18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरीः सिंगल लेन के नीचे लगभग 30 फीट गड्ढा है. अगर यहां सावधानी से नहीं गुजरे तो बड़ी दुर्घटना हो सकती है. 7 मार्च को सिंगल लेन पर सड़क धंसने के कारण 18 चक्के वाला ट्रक 30 फीट नीचे खाई में जा गिरी. हादसे में ड्राइवर और खलासी घायल हो गया था. इसके अलावा श्यामपुर शेरपुर में सड़क का कालीकरण भी नहीं हुआ. शेरपुर चौखंडी के पास अभी मात्र 50 फीसदी ही सड़क का काम पूरा हो पाया है, जिसमें मोरंग के बाद अभी स्टॉन चिप्स को बिछाया जा रहा है.

रेलवे के एनओसी के बाद बड़े वाहनों का होगा परिचालनः यूं तो मुंगेर खगड़िया रेल सह सड़क पुल श्री कृष्ण सेतु पर छोटे वाहनों एवं आम आवाम के लिए परिचालन आरंभ कर दिया गया है लेकिन बड़े वाहनों का परिचालन पर प्रतिबंध है. इसके पीछे कई कारण हैं. पहला तो कई स्थानों पर अभी निर्माण कार्य एजेंसी की ओर से बदस्तूर जारी है. इसे पूरा होने में 6 महीने लगने का अनुमान है.

एनओसी मिलने के बाद बड़े वाहनों का परिचालन: इस संबंध में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रमोद मेहता ने बताया कि एप्रोच पथ निर्माण एजेंसी की ओर से पूर्ण करने के बाद रेलवे को एनओसी के लिए आवेदन किया जाएगा. वहां से एनओसी के लिए रेलवे के अधिकारी सड़क पुल की जांच में करेंगे. एनओसी मिलने के बाद ही यहां बड़े वाहनों का परिचालन पुल से संभव होगा क्योंकि सड़क पुल के नीचे रेल पुल है. जिस पर रेल का परिचालन होता है.

बड़े वाहनों का परिचालन संभवत दिसंबर 2022 सेः रेलवे के अधिकारियों के अनापत्ति प्रमाण पत्र के बगैर सड़क पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित ही रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि बड़े वाहनों का परिचालन की प्रक्रिया पूरी होने में संभवत दिसंबर 2022 तक का समय लग जाये. लोगो को उम्मीद है कि अगले वर्ष से इस पर भारी वाहनों का परिचालन संभव हो पायेगा. इस संबंध में समाजसेवी कृष्णा मंडल ने कहा कि नीतीश कुमार वाह-वाही लूटने के लिए आधे-अधूरे पुल का उद्घाटन कर दिया. अभी भी पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन प्रतिबंधित है, लेकिन चोरी-छिपे निर्माण एजेंसी का बड़ा वाहन चल रहा है जो नव निर्माणाधीन सड़क के लिए खतरनाक है.

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