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मुंगेर : AK 47 बरामदगी मामले में मो. इरशाद और सत्यम कुमार यादव को 10 साल की सजा - ईटीवी बिहार न्यूज

हथियारों की तस्करी मामले में मुंगेर कोर्ट ने फैसला सुनाया है. जबलपुर से चोरी कर मुंगेर लाए गये एके-47 हथियार के एक मामले में सोमवार को दोषी करार दिए गए दो अभियुक्तों को सजा सुनाई गई. कोतवाली कांड संख्या 515/18 में दोषी करार दिया गया था. आगे पढ़ें पूरी खबर...

Munger Court
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Published : May 23, 2022, 4:17 PM IST

मुंगेर : एके 47 बरामदगी मामले में मुंगेर कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनायी (Munger Court Sentenced In AK 47 Case) साथ है. साथ ही कोर्ट ने 2-2 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. मध्य प्रदेश के जबलपुर सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो से एके-47 गायब मामले में यह सजा सुनायी गयी है. सोमवार को घटना के लगभग 3 साल बाद फैसला आया है. एडीजे 7 विपिन बिहारी राय की अदालत ने दो अभियुक्तों मो. इरशाद (मुंगेर) एवं सत्यम कुमार यादव (बेगूसराय) के खिलाफ फैसला (Irshad And Satyam In AK 47 Case) सुनाया है. इससे पहले 18 मई को 12 लोगों में 10 को इस केस में साक्ष्य नहीं मिलने के अभाव में बरी कर दिया गया था. इरशाद और सत्यम पर आरोप गठित किया गया था.

ये भी पढ़ें - NIA की चार्जशीट से खुलासा- ऑर्डिनेंस फैक्ट्री से निकाले गए थे 6 AK-47

क्या था मामला : 26 दिसंबर 2018 को पूरबसराय ओपी पुलिस ने पूरबसराय के पास हथियार की खरीद बिक्री करते 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसी में मोहम्मद इरशाद एवं सत्यम कुमार यादव को गिरफ्तार किया था. तत्कालीन एसपी बाबूराम ने बताया था कि पकड़े गये लोगों में एक कोतवाली थानाक्षेत्र के पूरबसराय कमेला रोड निवासी मो. इरशाद अहमद के पास से एक एके-47, एक देसी मस्केट, चार AK47 का मैगजीन बरामद हुआ था. जबकि एके-47 के खरीददार सबदलपुर बेगूसराय के सत्यम कुमार यादव के पास से 50 हजार रुपये बरामद हुआ था. दोनों को कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था उसी मामले में मोहम्मद इरशाद एवं बेगूसराय के सत्यम को सजा सुनाई गयी है।

दामाद मंगाता था और ससुर बेचता था : जबलपुर सीओडी से AK 47 पुरुषोत्तम लाल एवं उसकी पत्नी वहां से चुराकर ट्रेन से मुंगेर लाकर इमरान और शमशेर को देते थे. इमरान अपने ससुर मोहम्मद इरशाद अहमद को इसे पाने के लिए दे देता था. ससुर ही पहले तो लाए गए हथियार को छुपाता था और फिर बाद में ग्राहक होने पर उन्हें बेच देता. इस संबंध में गिरफ्तार इरशाद अहमद के बारे में जानकारी देते हुए तत्कालीन एसपी बाबूराम ने बताया था कि पूछताछ में इरशाद आलम ने पुलिस को बताया था कि उसका भगिन दामाद इमरान अगस्त महीने में एके-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था. उसकी पत्नी एवं भाई ने एके-47 छिपाकर रखने एवं बेचने के लिए दिया था.

Munger Court
बरामद हुए AK 47 (फाइल फोटो)

यूं हुआ खुलासा : जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस ने 29 अगस्त 2018 से 23 दिसंबर 2018 तक मुंगेर सहित अलग-अलग जगहों पर सघन छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब 29 अगस्त को जिला पुलिस ने जुबली बेल चौक के पास कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद इमरान को 3 एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था. सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रसिया से की है. इसी कारण रसिया से जैसे ही नया एके-47 आर्डिनेंस फैक्ट्री आता था, तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं एके-47 को जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराया जाता था. पुराने हथियार जमा कराने के बाद आर्मी को नया एके-47 वितरण किया जाता था.

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मुंगेर : एके 47 बरामदगी मामले में मुंगेर कोर्ट ने 2 आरोपियों को दोषी पाते हुए 10-10 साल की सजा सुनायी (Munger Court Sentenced In AK 47 Case) साथ है. साथ ही कोर्ट ने 2-2 हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. मध्य प्रदेश के जबलपुर सेंट्रल ऑर्डिनेंस डिपो से एके-47 गायब मामले में यह सजा सुनायी गयी है. सोमवार को घटना के लगभग 3 साल बाद फैसला आया है. एडीजे 7 विपिन बिहारी राय की अदालत ने दो अभियुक्तों मो. इरशाद (मुंगेर) एवं सत्यम कुमार यादव (बेगूसराय) के खिलाफ फैसला (Irshad And Satyam In AK 47 Case) सुनाया है. इससे पहले 18 मई को 12 लोगों में 10 को इस केस में साक्ष्य नहीं मिलने के अभाव में बरी कर दिया गया था. इरशाद और सत्यम पर आरोप गठित किया गया था.

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क्या था मामला : 26 दिसंबर 2018 को पूरबसराय ओपी पुलिस ने पूरबसराय के पास हथियार की खरीद बिक्री करते 3 लोगों को गिरफ्तार किया था. उसी में मोहम्मद इरशाद एवं सत्यम कुमार यादव को गिरफ्तार किया था. तत्कालीन एसपी बाबूराम ने बताया था कि पकड़े गये लोगों में एक कोतवाली थानाक्षेत्र के पूरबसराय कमेला रोड निवासी मो. इरशाद अहमद के पास से एक एके-47, एक देसी मस्केट, चार AK47 का मैगजीन बरामद हुआ था. जबकि एके-47 के खरीददार सबदलपुर बेगूसराय के सत्यम कुमार यादव के पास से 50 हजार रुपये बरामद हुआ था. दोनों को कोतवाली पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जेल भेज दिया था उसी मामले में मोहम्मद इरशाद एवं बेगूसराय के सत्यम को सजा सुनाई गयी है।

दामाद मंगाता था और ससुर बेचता था : जबलपुर सीओडी से AK 47 पुरुषोत्तम लाल एवं उसकी पत्नी वहां से चुराकर ट्रेन से मुंगेर लाकर इमरान और शमशेर को देते थे. इमरान अपने ससुर मोहम्मद इरशाद अहमद को इसे पाने के लिए दे देता था. ससुर ही पहले तो लाए गए हथियार को छुपाता था और फिर बाद में ग्राहक होने पर उन्हें बेच देता. इस संबंध में गिरफ्तार इरशाद अहमद के बारे में जानकारी देते हुए तत्कालीन एसपी बाबूराम ने बताया था कि पूछताछ में इरशाद आलम ने पुलिस को बताया था कि उसका भगिन दामाद इमरान अगस्त महीने में एके-47 के साथ गिरफ्तार हुआ था. उसकी पत्नी एवं भाई ने एके-47 छिपाकर रखने एवं बेचने के लिए दिया था.

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बरामद हुए AK 47 (फाइल फोटो)

यूं हुआ खुलासा : जिले के तत्कालीन एसपी बाबूराम के नेतृत्व में पुलिस ने 29 अगस्त 2018 से 23 दिसंबर 2018 तक मुंगेर सहित अलग-अलग जगहों पर सघन छापेमारी कर 22 एके-47 बरामद किया था. इसका खुलासा तब हुआ, जब 29 अगस्त को जिला पुलिस ने जुबली बेल चौक के पास कुख्यात हथियार तस्कर मोहम्मद इमरान को 3 एके-47 के साथ गिरफ्तार किया था. सूत्रों की मानें तो भारत सरकार ने एके-47 खरीदने की डील रसिया से की है. इसी कारण रसिया से जैसे ही नया एके-47 आर्डिनेंस फैक्ट्री आता था, तो आर्मी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे हैं एके-47 को जबलपुर स्थित ऑर्डिनेंस फैक्ट्री में जमा कराया जाता था. पुराने हथियार जमा कराने के बाद आर्मी को नया एके-47 वितरण किया जाता था.

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