मुंगेर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना कमांडोज यानी कोरोना से सीधी जंग लड़ रहे डॉक्टरों के सम्मान में तालियां और शंख बजाने का आह्वान या था. पीएम की इस अपील के बाद संकट के इस घड़ी में भी देश के कोने-कोने से लॉकडाउन के दौरान लोगों ने घर से बाहर आकर डॉक्टरों के सम्मान में तालियां बजाई थी. मुंगेर में स्वास्थ्य विभाग भी कुछ इसी तरह का काम कर रहा है. दरअसल, जिले के सिविल सर्जन इस आपात स्थिति में लगातार 24 घंटे ड्यूटी में तैनात है.
उनकी मानवता की भलाई के लिए किए जा रहे कार्य का आंदाजा इस बात से समझा जा सकता है कि उन्होंने अपने परिजन के देहांत के बाद भी बाल और नाखून तक नहीं कटवाया है. सीएस पुरुषोत्तम कुमार ने आंखों में आंसू लिए कहा कि 'मैं मुंगेर की जनाता का एक बाल भी बांका नहीं होने दूंगा, उनकी सेवा के लिए मैं 24 घंटा और आखिरी सांस तक देश के लिए उपलब्ध हूं.
'परिजन के श्राद्धकर्म में भी नहीं हो सके शामिल'
बता दें कि बिहार में कोरोना से सबसे पहला मरीज की मौत मुंगेर जिले में ही हुई थी. इसके बाद जिले से एक के बाद एक छह अन्य लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. मामले को बढ़ता देख जिले की जनता दहशत के साये में जिने को मजबूर हो गई. इस मामले पर जब ईटीवी भारत संवाददात ने सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार से बात कि तो उन्होंने बताया कि मुंगेर के लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है. मुंगेर स्वास्थ्य महकमा 24 घंटे कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रतिबद्ध है. हमारे सैकड़ो कर्मी 24 घंटे कोरोना वायरस से सीधी जंग लड़ रहे हैं. जब तक हमारी सांसे चलती रहेगी. जिले की जनता को कुछ नहीं होने दूंगा. उन्होंने बताया कि मेरे चाचा की मौत का श्राद्ध कर्म है. सनातन रीति-रिवाज के अनुसार बाल और नाखून कटने थे. लेकिन इस वायरस को हराने के लिए मैं दिनरात जुटा हुआ हूं. मुझे अभी इतनी भी फुर्सत नहीं है कि मैं अपनों के लिए भी सोंचू. संकट की इस घड़ी में जिले की जनता ही मेरा सबकुछ है. मैंने प्रण लिया है, चाहे कुछ भी हो जाए. लेकिन इस महामारी को मैं जिले में तांडव नहीं मचाने दूंगा. इतना कहते-कहते उनके आंखे में आंसू आ जाते हैं.
'24 घंटे ड्यूटी पर कार्यरत'
सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार अपने सैकड़ों कर्मियों के साथ 24 घंटे ड्यूटी पर कार्यरत हैं. उन्हें कोई भी व्यक्ति जब कभी भी कोरोना मामले को लेकर फोन करती है. तो वे अपने टीम को तुरंत एक्टीव कर देते हैं. मुंगेर सिविल सर्जन की इस सेवा भावना के बारे में व्यावसायिक प्रकोष्ठ संघ के सचिव शशि शंकर मुन्ना ने कहा कि ऐसे करोना फाइटर को मुंगेर की जनता दिल से सलाम करती है. उन्होंने कहा कि यह सिविल सर्जन की कार्यशैली का ही नतीजा है कि जिले में इस वायरस के दंश से पहली मौत होने के बावजूद केवल 6 लोग ही पॉजिटिव पाए गए हैं. स्वास्थ्य विभाग का महकमा लगातार लोगों को जागरूक करेने में जुटी हुई है.
जीएनएम अस्पताल में 101 बेड का आइसोलेशन वार्ड
गौरतलब है कि जिले में कोरोना के कारण पहली मौत होने के बाद जिला प्रशासन ने एहतियात के तौर पर जीएनएम अस्पताल में 101 बेड का आइसोलेशन वार्ड बनवाया. कोरोनावायरस जांच के लिए जीएनएम हॉस्पिटल, मुंगेर सदर हॉस्पिटल और गोयनका अस्पताल में भागलपुर से आई टीम के द्वारा स्वाब का सैंपल लेने का कार्य अनवरत किया जा रहा है. अभी तक एक सौ से अधिक लोगों के स्वाब का सैंपल लिया गया. जिसमें मात्र मृत युवक समेत सात लोग करोना पॉजिटिव पाए गए हैं.