मुंगेर: मुंगेर के धरहरा गांव के लाल बलवीर सिंह ने वो कमाल कर दिखाया है, जिसके कारण आज सभी उनकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर बलवीर ने माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराया. इसके लिए बलवीर ने लंबा सफर तय किया.माउन्ट एवरेस्ट बेस कैंप पर झंडा लहराकर इन्होंने बिहार व मुंगेर जिले में अपनी एक अलग पहचान बनाने में सफलता प्राप्त की है. धरहरा ग्राम वासियों के लिये यह गर्व की बात है.
मुंगेर के बलवीर सिंह ने माउंट एवरेस्ट पर फहराया तिरंगा: इन्होंने अपनी यात्रा में कुल 23 पर्वतों को पार कर 270 किलोमीटर ट्रैक और 18600 फीट पर अवस्थित माउंट एवरेस्ट बेस कैंप, 18,192 पर अवस्थित कलापट्ठर ट्रैक व नेपाल की गोक्यो पीक जिसकी ऊंचाई 17929 फीट है, को फतह किया है. सबसे ऊंची चोटी पर पहुंचकर बलवीर ने भारत का तिरंगा झंडा फहराया है.यहां पहुंचने में उन्हें 9 दिनों का समय लगा.
बिहार का मान सम्मान बढ़ाया: बता दें कि देश और दुनिया की सैर करने में काफी रुचि रखने वाले 24 वर्षीय बलवीर सिंह ने वर्ष 2022 में 83 दिनों में 21,584 किमी की यात्रा को अपनी बाइक से सावधानी व सतर्कता पूर्वक पूरा किया था. इस दौरान बलवीर देश के सभी राज्यों का भ्रमण करते हुए राज्यों की अलग-अलग संस्कृति,भाषा और वातावरण से अवगत हुए थे. स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर इन्होंने अपनी कठिन और संघर्षपूर्ण यात्रा को सम्पूर्ण कर दुनिया के ऊंचे शिखर हिमालय पर्वत के माउंट एवरेस्ट की चोटी से मात्र 10 हजार फीट पहले अवस्थित “माउन्ट एवरेस्ट बेस कैंप ” पर झंडा लहराकर जोश और जज्बे के साथ अपने लक्ष्य को पूरा किया है.
बलवीर ने कैसे पूरी की कठिन यात्रा?: एवरेस्ट पर चढ़ना आसान बात नहीं है. इस दौरान बलवीर ने खास एहतियात बरती. अधिक ठंड व बारिश होने के कारण गर्म व ऊनी कपड़े पहनकर ऊपर से रेनकोट डालकर धीरे धीरे अपने कदम को आगे बढ़ाते रहे. कम खाना खाते हुए और थोड़ा-थोड़ा पानी पीते हुए इस कठिन यात्रा को पूरा किया है. यात्रा के सबसे ऊंचाई वाले स्थान पर जहां, ऑक्सीजन लेवल 50 प्रतिशत से कम पाया जाता है, वहां पहुंचकर झंडा फहराकर इन्होंने कीर्तिमान स्थापित किया है.
पिता का अहम योगदान: इनके इस कठिन सफर का एहसास इन सभी बातों से लगाया जा सकता है कि अपने इस सफर में इन्होंने एक पांच वर्ष की छोटी सी बच्ची का साथ दिया, जो वर्ल्ड यंगेस्ट गर्ल का खिताब अपने नाम करने वाली है. इन्हें यह सफलता काफी संघर्ष के बाद मिली है. इस सफलता को प्राप्त करने में इनके पिता त्रिपुरारी सिंह उर्फ बमबम सिंह का काफी योगदान है. जिनकी प्रेरणा से एवरेस्ट बेस कैंप पर फतह करने में सफलता मिली है.
पिता ने की सरकारी सहायता की मांग: बलवीर सिंह के पिता कहते हैं कि "बलवीर ने अद्वैत मिशन में कार्य करते हुए माउंट एवरेस्ट बेस कैंप को फतह करने में लगभग 2 लाख से अधिक की राशि खर्च की है.अब माउंट एवरेस्ट की चोटी को फतह करने में 18 लाख रुपए से अधिक खर्च होने का अनुमान है. अगर सरकारी सहायता मिली तो शीघ्र बलवीर माउंट एवरेस्ट की चोटी पर पहुंचकर तिरंगा फहराकर अपने गांव, सूबे सहित देश का नाम रोशन करेगा."