मुंगेर: देश के 52 शक्तिपीठों में एक जिला मुख्यालय के समीप स्थित मां चंडिका स्थान भी है. यहां माता सती की बाईं आंख की पूजा होती है. ऐसी मान्यता है कि जब भगवान विष्णु ने सुदर्शन चक्र से माता सती के 52 टुकड़े किए थे, तो उनका बाया नेत्र इसी पवित्र स्थान पर आ गिरा था.
मुंगेर स्थित चंडिका स्थान में चैती नवरात्र को लेकर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है. खासकर नवरात्र में अष्टमी के दिन मंदिर के गर्भ गृह में मां की विशेष पूजा की जाती है. अष्टमी और नवमी को पूजा के साथ- साथ चुनरी चढ़ाने वाले श्रद्धालुओं की भी काफी भीड़ जमा होती है.
शारदीय और चैत्र नवरात्र में होती है ज्यादा भीड़
माना जाता है कि मां चंडिका स्थान शक्ति पीठ की पूजा करने से नेत्र पीड़ा से छुटकारा मिलता है. इस मंदिर को द्वापर युग की कहानियों से भी जोड़ा जाता है. यह मुंगेर जिला मुख्यालय से करीब 2 किलोमीटर दूर स्थित है. वैसे तो यहां सालों भर भक्त आते रहते हैं लेकिन शारदीय और चैत्र नवरात्र में श्रद्धालुओं की भीड़ ज्यादा बढ़ जाती है.
क्या-क्या होता है नवरात्र में
नवरात्र में अहले सुबह से ही माता की पूजा शुरू हो जाती है. संध्या में श्रृंगार पूजन होता है. अष्टमी और नवमी के दिन यहां विशेष पूजा होती है. इन दिनों माता का भव्य श्रृंगार किया जाता है. पूजा करने आने वाले लोग मां के गर्भ गृह का काजल अपनी आंखों में लगाते हैं. वही काफी संख्या में महिलाएं मां को चुनरी भी चढ़ाती हैं.