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मुंगेर: खास है शादीपुर बड़ी दुर्गा महारानी का विसर्जन, 32 कहारों के सहारे निकलती है शोभायात्रा - मुंगेर

जिले का दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. यहां विसर्जन दशमी को नहीं एक 11वीं, 12वीं और 13वीं पूजा तक होती है.

Munger
मुंगेर
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Published : Oct 27, 2020, 5:22 PM IST

मुंगेर: जिले का दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. यहां विसर्जन दशमी को नहीं एक 11वीं, 12वीं और 13वीं पूजा तक होती है. विसर्जन शोभायात्रा को देखने के लिए बांका, भागलपुर लखीसराय, जमुई, शेखपुरा. खगड़िया से लोग आते हैं. विसर्जन शोभायात्रा 3 दिनों तक चलती है.

इस वर्ष मुंगेर में प्रथम चरण में ही मतदान होना है. इसको लेकर जिला प्रशासन के अनुरोध पर पूजा समिति दशमी को देर शाम विसर्जन किया गया. सोमवार की शाम में ही शादीपुर बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा विसर्जन की शोभायात्रा निकाली गई.

यहां का विसर्जन है खास
जिले की शादीपुर बड़ी दुर्गा महारानी बिहार ही नहीं पूरे भारत में प्रसिद्ध है. सबसे पहले बड़ी दुर्गा महारानी अपने मंदिर के प्रांगण को छोड़कर बाहर निकलती है. तत्पश्चात ही जिले की प्रतिमा विसर्जन के लिए अपने स्थान से निकलती है. विसर्जन शोभायात्रा देर रात तक विभिन्न चौक चौराहा होते हुए सोझी घाट पहुंचती है. जहां माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

कहारों के सहारे निकलती है शोभायात्रा
विसर्जन किसी ट्रॉली या ट्रैक्टर पर नहीं किया जाता है. बल्कि यह परंपरा है कि मां कहारों के कंधे के सहारे ही विसर्जन के लिए जाती है. 32 कहारों के सहारे विसर्जन शोभायात्रा निकलती है. स्थानीय बताते हैं कि आज से वर्षों पूर्व प्रशासन ने एक बार ट्रॉली से विसर्जन करने की कोशिश की. कहा जाता है माता अपने स्थान से टस से मस नहीं हुई. दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि मां की महिमा अपरंपार है. यहां किसी की जोर जबरदस्ती नहीं चलती. मां के पास जो भी सच्चे मन से मांगा जाता है मां मुरादे पूरी करती है. इस वर्ष इलेक्शन को लेकर हम लोगों को मलाल है कि 1 दिन पहले ही माता का विसर्जन करना पड़ रहा है. विसर्जन शोभायात्रा देखने के लिए हजारों लोग सड़कों के किनारे देर शाम से ही खड़े नजर आए. वहीं इस दौरान लोगों में कोरोना का कोई भय नहीं दिखा. हालांकि प्रशासन ने चौक चौराहे पर केंद्रीय पुलिस बलों और बिहार पुलिस के जवान को प्रतिनियुक्त किया है.

मुंगेर: जिले का दुर्गा पूजा विसर्जन शोभायात्रा पूरे बिहार में प्रसिद्ध है. यहां विसर्जन दशमी को नहीं एक 11वीं, 12वीं और 13वीं पूजा तक होती है. विसर्जन शोभायात्रा को देखने के लिए बांका, भागलपुर लखीसराय, जमुई, शेखपुरा. खगड़िया से लोग आते हैं. विसर्जन शोभायात्रा 3 दिनों तक चलती है.

इस वर्ष मुंगेर में प्रथम चरण में ही मतदान होना है. इसको लेकर जिला प्रशासन के अनुरोध पर पूजा समिति दशमी को देर शाम विसर्जन किया गया. सोमवार की शाम में ही शादीपुर बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा विसर्जन की शोभायात्रा निकाली गई.

यहां का विसर्जन है खास
जिले की शादीपुर बड़ी दुर्गा महारानी बिहार ही नहीं पूरे भारत में प्रसिद्ध है. सबसे पहले बड़ी दुर्गा महारानी अपने मंदिर के प्रांगण को छोड़कर बाहर निकलती है. तत्पश्चात ही जिले की प्रतिमा विसर्जन के लिए अपने स्थान से निकलती है. विसर्जन शोभायात्रा देर रात तक विभिन्न चौक चौराहा होते हुए सोझी घाट पहुंचती है. जहां माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.

कहारों के सहारे निकलती है शोभायात्रा
विसर्जन किसी ट्रॉली या ट्रैक्टर पर नहीं किया जाता है. बल्कि यह परंपरा है कि मां कहारों के कंधे के सहारे ही विसर्जन के लिए जाती है. 32 कहारों के सहारे विसर्जन शोभायात्रा निकलती है. स्थानीय बताते हैं कि आज से वर्षों पूर्व प्रशासन ने एक बार ट्रॉली से विसर्जन करने की कोशिश की. कहा जाता है माता अपने स्थान से टस से मस नहीं हुई. दुर्गा पूजा समिति के अध्यक्ष विजय गुप्ता ने बताया कि मां की महिमा अपरंपार है. यहां किसी की जोर जबरदस्ती नहीं चलती. मां के पास जो भी सच्चे मन से मांगा जाता है मां मुरादे पूरी करती है. इस वर्ष इलेक्शन को लेकर हम लोगों को मलाल है कि 1 दिन पहले ही माता का विसर्जन करना पड़ रहा है. विसर्जन शोभायात्रा देखने के लिए हजारों लोग सड़कों के किनारे देर शाम से ही खड़े नजर आए. वहीं इस दौरान लोगों में कोरोना का कोई भय नहीं दिखा. हालांकि प्रशासन ने चौक चौराहे पर केंद्रीय पुलिस बलों और बिहार पुलिस के जवान को प्रतिनियुक्त किया है.

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