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मुंगेर कोर्ट में डिजिटल माध्यम से सुनवाई, ई-मेल व्हाट्सएप का हो रहा उपयोग - lockdown

15 अप्रैल से व्यवहार न्यायालय में आवश्यक मामलों की सुनवाई डिजिटल माध्यम से हो रही है. सुनवाई मोबाइल ऐप अथवा अन्य वीडियो ऐप से कांफ्रेंस के द्वारा किया जा रहा है. महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए आवेदन व्यवहार न्यायालय के मेल आईडी पर मंगाया जा रहा है.

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मुंगेर कोर्ट
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Published : Apr 21, 2020, 11:10 PM IST

मुंगेरः 24 मार्च से जारी लॉग डाउन की अवधि को बढ़ाए जाने के कारण जमानत पर मुक्त होने वाले ऐसे दर्जनों अभियुक्त जमानत के अभाव में मंडल कारा में बंद है. ऐसे में कोर्ट की कार्यवाही के लिए जिला मुख्यालय स्थित मुंगेर कोर्ट में डिजिटल माध्यम से सुनवाई हो रही है. ईमेल से आवेदन की फाइलिंग की जा रही है. वहीं, व्हाट्सएप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केस की सुनवाई हो रही है.

जिला जज अवधेश कुमार दुबे के निर्देश पर 15 अप्रैल से व्यवहार न्यायालय में आवश्यक मामलों की सुनवाई डिजिटल माध्यम से हो रही है. अधिवक्ता ओमप्रकाश पोद्दार ने बताया कि सुनवाई मोबाइल ऐप अथवा अन्य वीडियो ऐप से कांफ्रेंस के द्वारा किया जा रहा है. महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए आवेदन व्यवहार न्यायालय द्वारा निर्गत ईमेल आईडी urgentcourtmattermungergmail.com पर कार्य अवधि दिन के 1:00 बजे तक स्वीकार किया जा रहा है. तत्कालिकता को प्रथम पृष्ठ पर उल्लेख करना है तथा आवेदन से संबंधित दस्तावेज को स्कैन कर पीडीएफ फाइल में संलग्न करना है. वहीं कोर्ट फीस, वकालतनामा अथवा शपथ पत्र दाखिल करने का वादा भी करना होगा.

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मुंगेर कोर्ट

गठित हुआ तीन डिवीजन बेंच
आवेदन दाखिल करने वाले अधिवक्ता को अपना पूरा पता मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर ईमेल आईडी और अधिवक्ता का इनरोलमेंट नंबर का भी उल्लेख करना आवश्यक होगा. सुनवाई के लिए दाखिल किए जाने वाले आवेदन पर तत्कालिकता पर विचार करने के बाद दूसरे दिन संबंधित गठित न्यायिक डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए भेजा जा रहा है. जिला जज अवधेश कुमार दुबे ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को न्याय देने के लिए व्यवहार न्यायालय में तीन डिवीजन बेंच गठित किया गया है.

अपने-अपने न्यायालय से संबंधित मामलों में सुनवाई करेंगे जज
डीजे बेंच में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश है. दूसरा सीनियर डिवीजन बेंच में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और अन्य अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा जूनियर डिवीजन बेंच में प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी एवं द्वितीय श्रेणी दंडाधिकारी शामिल है. रोस्टर के निर्धारित दिवस में अपने-अपने न्यायालय से संबंधित मामलों में सुनवाई करेंगे.

व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
एडीजे द्वितीय अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि कारा में बंद बंदियों के जमानत आवेदन एवं आवश्यक मामलों में संबंधित न्यायालय व्हाट्सएप के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करेंगे. इसमें, जिला अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता भी अपने-अपने व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा अपना पक्ष रखेंगे.

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व्यवहार न्यायालय मुंगेर

सुबह 7 से दोपहर 12:30 बजे तक होंगे कार्य
न्यायालय के सिस्टम ऑफिसर जितेंद्र नाथ गुप्ता ने बताया कि डीजे डिवीजन का न्यायिक कार्य अवधि सुबह 7 बजे से 9:30 बजे तक, सीनियर डिवीजन का कार्य अवधि 10 बजे से 11 बजे तक और जूनियर डिवीजन की कार्य अवधि 11 बजे से 12:30 बजे तक निर्धारित है.

सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर डिजिटल माध्यम से सुनवाई
जिला विधिक संघ के सचिव अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान भीड़-भाड़ से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के 6 अप्रैल को जारी आदेश के आलोक में पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मुंगेर न्याय मंडल में सुनवाई हो रही है. वहीं, अभियुक्त जमानत पर जेल से छूट रहे हैं. बता दें कि लॉक डाउन के पालन के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिविल रिट नंबर 5/20 दायर किया गया था. ताकि, न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं एवं मुवक्किल की भीड़ ना हो.

मुंगेरः 24 मार्च से जारी लॉग डाउन की अवधि को बढ़ाए जाने के कारण जमानत पर मुक्त होने वाले ऐसे दर्जनों अभियुक्त जमानत के अभाव में मंडल कारा में बंद है. ऐसे में कोर्ट की कार्यवाही के लिए जिला मुख्यालय स्थित मुंगेर कोर्ट में डिजिटल माध्यम से सुनवाई हो रही है. ईमेल से आवेदन की फाइलिंग की जा रही है. वहीं, व्हाट्सएप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से केस की सुनवाई हो रही है.

जिला जज अवधेश कुमार दुबे के निर्देश पर 15 अप्रैल से व्यवहार न्यायालय में आवश्यक मामलों की सुनवाई डिजिटल माध्यम से हो रही है. अधिवक्ता ओमप्रकाश पोद्दार ने बताया कि सुनवाई मोबाइल ऐप अथवा अन्य वीडियो ऐप से कांफ्रेंस के द्वारा किया जा रहा है. महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई के लिए आवेदन व्यवहार न्यायालय द्वारा निर्गत ईमेल आईडी urgentcourtmattermungergmail.com पर कार्य अवधि दिन के 1:00 बजे तक स्वीकार किया जा रहा है. तत्कालिकता को प्रथम पृष्ठ पर उल्लेख करना है तथा आवेदन से संबंधित दस्तावेज को स्कैन कर पीडीएफ फाइल में संलग्न करना है. वहीं कोर्ट फीस, वकालतनामा अथवा शपथ पत्र दाखिल करने का वादा भी करना होगा.

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मुंगेर कोर्ट

गठित हुआ तीन डिवीजन बेंच
आवेदन दाखिल करने वाले अधिवक्ता को अपना पूरा पता मोबाइल और व्हाट्सएप नंबर ईमेल आईडी और अधिवक्ता का इनरोलमेंट नंबर का भी उल्लेख करना आवश्यक होगा. सुनवाई के लिए दाखिल किए जाने वाले आवेदन पर तत्कालिकता पर विचार करने के बाद दूसरे दिन संबंधित गठित न्यायिक डिवीजन बेंच में सुनवाई के लिए भेजा जा रहा है. जिला जज अवधेश कुमार दुबे ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान जरूरतमंदों को न्याय देने के लिए व्यवहार न्यायालय में तीन डिवीजन बेंच गठित किया गया है.

अपने-अपने न्यायालय से संबंधित मामलों में सुनवाई करेंगे जज
डीजे बेंच में जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अपर जिला एवं सत्र न्यायधीश है. दूसरा सीनियर डिवीजन बेंच में मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी और अन्य अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी तथा जूनियर डिवीजन बेंच में प्रथम श्रेणी दंडाधिकारी एवं द्वितीय श्रेणी दंडाधिकारी शामिल है. रोस्टर के निर्धारित दिवस में अपने-अपने न्यायालय से संबंधित मामलों में सुनवाई करेंगे.

व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई
एडीजे द्वितीय अनिल कुमार मिश्रा ने बताया कि कारा में बंद बंदियों के जमानत आवेदन एवं आवश्यक मामलों में संबंधित न्यायालय व्हाट्सएप के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई करेंगे. इसमें, जिला अभियोजन पक्ष एवं बचाव पक्ष के अधिवक्ता भी अपने-अपने व्हाट्सएप के जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा अपना पक्ष रखेंगे.

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व्यवहार न्यायालय मुंगेर

सुबह 7 से दोपहर 12:30 बजे तक होंगे कार्य
न्यायालय के सिस्टम ऑफिसर जितेंद्र नाथ गुप्ता ने बताया कि डीजे डिवीजन का न्यायिक कार्य अवधि सुबह 7 बजे से 9:30 बजे तक, सीनियर डिवीजन का कार्य अवधि 10 बजे से 11 बजे तक और जूनियर डिवीजन की कार्य अवधि 11 बजे से 12:30 बजे तक निर्धारित है.

सुप्रीमकोर्ट के आदेश पर डिजिटल माध्यम से सुनवाई
जिला विधिक संघ के सचिव अमित कुमार सिन्हा ने बताया कि कोरोनावायरस के संक्रमण के दौरान भीड़-भाड़ से बचाव के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट के 6 अप्रैल को जारी आदेश के आलोक में पटना उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद मुंगेर न्याय मंडल में सुनवाई हो रही है. वहीं, अभियुक्त जमानत पर जेल से छूट रहे हैं. बता दें कि लॉक डाउन के पालन के लिए सुप्रीम कोर्ट में सिविल रिट नंबर 5/20 दायर किया गया था. ताकि, न्यायालय एवं उच्च न्यायालय में अधिवक्ताओं एवं मुवक्किल की भीड़ ना हो.

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