ETV Bharat / state

जयपुर के हवा महल जैसा नजारा देखना है तो आइए मुंगेर, आकर्षक कलाकृति देख हो जाएंगे मंत्रमुग्ध

मुंगेर के कल्याणपुर में जयपुर के हवा महल की सैर कर सकते हैं. मुंगेर में पूजा पंडाल को काफी आकर्षक बनाया गया है. श्रद्धालु इसे देखने को पहुंच रहे हैं. पढ़ें रिपोर्ट...

मुंगेर
मुंगेर
author img

By

Published : Oct 13, 2021, 9:43 PM IST

मुंगेरः शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में महाअष्टमी पूजा से लेकर मुंगेर जिला में 10वीं पूजा तक पूजा पंडाल (Puja Pandal) में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मुंगेर (Munger) में 11 एवं 12वीं पूजा तक विसर्जन होता है. मुंगेर के बड़ी दुर्गा महारानी शादीपुर की बड़ी विशेषता है. कहा जाता है जो भी भक्त यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना मांगते हैं, माता रानी उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करती हैं. तभी तो यहां प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं. कहा जाता है कि माता रानी का रूप इतना मनोरम है कि इसके तस्वीर को मुंगेर ही नहीं बिहार के लगभग सभी जिले के माता रानी के भक्तों के घरों में देखने को मिल जाएगा.

ये भी पढ़ें- सासाराम में बच्चों ने सजाया पंडाल, दर्शनार्थियों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

तारापुर अनुमंडल में स्थापित बांका जिला सीमा पर मां तेलडीहा का मंदिर है. कहते हैं मां की बेदी 108 नर मुंडों से बनी है. इसी बेदी पर मां प्रत्येक वर्ष विराजमान होती है. प्रतिमा निर्माण में कलाकार केवल मिट्टी का ही प्रयोग करते हैं. यहां पर भक्तों का सालों भर तांता लगा रहता है. लेकिन नवरात्रा में श्रद्धालु हजारों की संख्या में आते हैं. सप्तमी पूजा से हजारों की संख्या में बकरे की बलि दी जाती है. यहां तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है.

देखें वीडियो

यूं तो मुंगेर में लगभग 100 से अधिक दुर्गा प्रतिमा अलग-अलग स्थान पर स्थापित की जाती है. लेकिन इस वर्ष बरियारपुर के कल्याणपुर में स्थापित मां दुर्गा का पंडाल आकर्षण का केंद्र बना है. कोलकाता से आये कलाकारों ने जयपुर का हवा महल बनाया है. पंडाल इतना वास्तविक लगता है कि दूर से देखने से लगता है कि हम जयपुर के हवामहल में हैं. इसे देखने के लिए दूरदराज से भी लोग मां के पंडाल में पहुंच रहे हैं. स्थानीय मुखिया सुनील सोलंकी ने कहा कि कल्याणपुर में इस वर्ष हवामहल पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- दुर्गा अष्टमी पर प्रियंका गांधी ने बुआ के घर जाकर किया कन्या पूजन

ये भी पढ़ें- राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बिहार वासियों को दुर्गा पूजा और विजयदशमी की दी बधाई

मुंगेरः शारदीय नवरात्रि (Sharadiya Navratri) में महाअष्टमी पूजा से लेकर मुंगेर जिला में 10वीं पूजा तक पूजा पंडाल (Puja Pandal) में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है. मुंगेर (Munger) में 11 एवं 12वीं पूजा तक विसर्जन होता है. मुंगेर के बड़ी दुर्गा महारानी शादीपुर की बड़ी विशेषता है. कहा जाता है जो भी भक्त यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना मांगते हैं, माता रानी उनकी हर मनोकामनाएं पूरी करती हैं. तभी तो यहां प्रतिदिन 10 हजार से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं. कहा जाता है कि माता रानी का रूप इतना मनोरम है कि इसके तस्वीर को मुंगेर ही नहीं बिहार के लगभग सभी जिले के माता रानी के भक्तों के घरों में देखने को मिल जाएगा.

ये भी पढ़ें- सासाराम में बच्चों ने सजाया पंडाल, दर्शनार्थियों के लिए बना आकर्षण का केंद्र

तारापुर अनुमंडल में स्थापित बांका जिला सीमा पर मां तेलडीहा का मंदिर है. कहते हैं मां की बेदी 108 नर मुंडों से बनी है. इसी बेदी पर मां प्रत्येक वर्ष विराजमान होती है. प्रतिमा निर्माण में कलाकार केवल मिट्टी का ही प्रयोग करते हैं. यहां पर भक्तों का सालों भर तांता लगा रहता है. लेकिन नवरात्रा में श्रद्धालु हजारों की संख्या में आते हैं. सप्तमी पूजा से हजारों की संख्या में बकरे की बलि दी जाती है. यहां तांत्रिक विधि से पूजा की जाती है.

देखें वीडियो

यूं तो मुंगेर में लगभग 100 से अधिक दुर्गा प्रतिमा अलग-अलग स्थान पर स्थापित की जाती है. लेकिन इस वर्ष बरियारपुर के कल्याणपुर में स्थापित मां दुर्गा का पंडाल आकर्षण का केंद्र बना है. कोलकाता से आये कलाकारों ने जयपुर का हवा महल बनाया है. पंडाल इतना वास्तविक लगता है कि दूर से देखने से लगता है कि हम जयपुर के हवामहल में हैं. इसे देखने के लिए दूरदराज से भी लोग मां के पंडाल में पहुंच रहे हैं. स्थानीय मुखिया सुनील सोलंकी ने कहा कि कल्याणपुर में इस वर्ष हवामहल पंडाल लोगों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- दुर्गा अष्टमी पर प्रियंका गांधी ने बुआ के घर जाकर किया कन्या पूजन

ये भी पढ़ें- राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बिहार वासियों को दुर्गा पूजा और विजयदशमी की दी बधाई

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.