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मुंगेर: सीताकुंड में 1 महीने तक चलता है फर्नीचर मेला, बाजार से लगभग आधी कीमत पर मिलता है सामान

माघी पूर्णिमा के अवसर पर ही यहां फर्नीचर मेला लगता है. यह मेला सीताकुंड के दक्षिणी भाग में पूरे 1 एकड़ में फैला रहता है. फर्नीचर मेला 1 महीने से अधिक समय तक चलता है. इस फर्नीचर मेले में बिहार के 1 दर्जन से अधिक जिले के दुकानदार लकड़ी से बने सामान को बेचने आते हैं. यहां फर्नीचर के 100 से अधिक दुकानें सजती हैं.

फर्नीचर मेला
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Published : Mar 14, 2020, 1:40 PM IST

मुंगेर: जिले के सीता कुंड में माघी पूर्णिमा जिले का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. यहां बाजार से लगभग आधी कीमत में लकड़ी के बने सामान मिलते हैं. इसलिए दूर-दूर से यहां पर खरीदार आते हैं. सीता कुंड का यह मेला पूरे 1 महीने तक आकर्षण का केंद्र बना रहता है. गरीब परिवार के लिए यह मेला किसी बड़े शॉपिंग मॉल से कम नहीं होता है. यहां चौकी, पलंग, कुर्सी और टेबल बाजार से आधी कीमत में आराम से मिल जाता है. बिहार के कई जिले के दुकानदार यहां आकर लकड़ी के उत्पाद का दुकान लगाते हैं.

माघी पूर्णिमा के अवसर पर लगता है फर्नीचर मेला
माघी पूर्णिमा के अवसर पर ही यहां फर्नीचर मेला लगता है. यह मेला सीता कुंड के दक्षिणी भाग में पूरे 1 एकड़ में फैला रहता है. फर्नीचर मेला 1 महीने से अधिक समय तक चलता है. इस फर्नीचर मेले में बिहार के 1 दर्जन से अधिक जिले के दुकानदार लकड़ी से बने सामान को बेचने आते हैं. यहां फर्नीचर के 100 से अधिक दुकानें सजती हैं. यहां दुकानदार कुर्सी, टेबल, डाइनिंग टेबल और चौकी जैसे कई सामान बिकते हैं. खगड़िया से आए दुकानदार विजय शर्मा ने बताया कि उनके यहां काफी कम कीमत में लकड़ी के बने सामान उपलब्ध है और वह पिछले 1 महीने से यहां दुकान लगाए हुए हैं. उनकी अच्छी कमाई हुई और वह इस फर्नीचर मेले में पिछले 5 सालों से आ रहे हैं.

सीताकुंड में 1 महीने तक चलता है फर्नीचर मेला

खूब पसंद किए जाते हैं लकड़ी से बने सामान
फर्नीचर मेला में बाजार से आधे कीमत में भी सामान उपलब्ध रहता है. यहां एक पलंग 10 हजार रुपये में आराम से खरीदा जा सकता है. जबकि, बाजार में इसकी कीमत 20 हजार से शुरू होती है. चौकी की बात करें तो 1 हजार रुपये से 5 हजार तक होता है. जबकि बाजार में इसी चौकी की कीमत 2 हजार से 10 हजार रुपये तक है. इसी तरह अन्य उत्पाद के भी कीमत काफी कम रहने से खरीदारों की भीड़ काफी रहती है. यहां शीशम, आम ,बेल, सागवान के लकड़ियों से बने सामान काफी पसंद किए जाते हैं.

मुंगेर: जिले के सीता कुंड में माघी पूर्णिमा जिले का सबसे बड़ा मेला माना जाता है. यहां बाजार से लगभग आधी कीमत में लकड़ी के बने सामान मिलते हैं. इसलिए दूर-दूर से यहां पर खरीदार आते हैं. सीता कुंड का यह मेला पूरे 1 महीने तक आकर्षण का केंद्र बना रहता है. गरीब परिवार के लिए यह मेला किसी बड़े शॉपिंग मॉल से कम नहीं होता है. यहां चौकी, पलंग, कुर्सी और टेबल बाजार से आधी कीमत में आराम से मिल जाता है. बिहार के कई जिले के दुकानदार यहां आकर लकड़ी के उत्पाद का दुकान लगाते हैं.

माघी पूर्णिमा के अवसर पर लगता है फर्नीचर मेला
माघी पूर्णिमा के अवसर पर ही यहां फर्नीचर मेला लगता है. यह मेला सीता कुंड के दक्षिणी भाग में पूरे 1 एकड़ में फैला रहता है. फर्नीचर मेला 1 महीने से अधिक समय तक चलता है. इस फर्नीचर मेले में बिहार के 1 दर्जन से अधिक जिले के दुकानदार लकड़ी से बने सामान को बेचने आते हैं. यहां फर्नीचर के 100 से अधिक दुकानें सजती हैं. यहां दुकानदार कुर्सी, टेबल, डाइनिंग टेबल और चौकी जैसे कई सामान बिकते हैं. खगड़िया से आए दुकानदार विजय शर्मा ने बताया कि उनके यहां काफी कम कीमत में लकड़ी के बने सामान उपलब्ध है और वह पिछले 1 महीने से यहां दुकान लगाए हुए हैं. उनकी अच्छी कमाई हुई और वह इस फर्नीचर मेले में पिछले 5 सालों से आ रहे हैं.

सीताकुंड में 1 महीने तक चलता है फर्नीचर मेला

खूब पसंद किए जाते हैं लकड़ी से बने सामान
फर्नीचर मेला में बाजार से आधे कीमत में भी सामान उपलब्ध रहता है. यहां एक पलंग 10 हजार रुपये में आराम से खरीदा जा सकता है. जबकि, बाजार में इसकी कीमत 20 हजार से शुरू होती है. चौकी की बात करें तो 1 हजार रुपये से 5 हजार तक होता है. जबकि बाजार में इसी चौकी की कीमत 2 हजार से 10 हजार रुपये तक है. इसी तरह अन्य उत्पाद के भी कीमत काफी कम रहने से खरीदारों की भीड़ काफी रहती है. यहां शीशम, आम ,बेल, सागवान के लकड़ियों से बने सामान काफी पसंद किए जाते हैं.

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