ETV Bharat / state

जमुई: पराली जलाया तो किसान होंगे सरकारी लाभ से वंचित - मुंगेर

समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को अपर समाहर्ता विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में फसल अवशेष जलाने से होने वाले हानि को किसानों और आम जनों के बीच जागरूकता के लिए अंतर विभागीय कार्य समूह की बैठक का आयोजन किया गया.

munger
मुगेंर
author img

By

Published : Nov 13, 2020, 4:30 PM IST

मुंगेर: जिले के समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को अपर समाहर्ता विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में फसल अवशेष जलाने से होने वाले हानि को किसानों और आम जनों के बीच जागरूकता के लिए अंतर विभागीय कार्य समूह की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे तो उन्हें सरकारी लाभ से 3 वर्षों तक वंचित किया जा सकता है.

अंतर विभागीय कार्य समूह की इस बैठक में खेतों में फसल अवशेष ना जलाने के प्रति जागरूकता का प्रचार प्रसार में तेजी लाने के निर्देश दिए गए. बैठक में फसलों के अवशेष जैसे कुट्टी, भूसा आदि को खेतों में ना जलाने से संबंधित सभी विभागों का दायित्व निर्धारित किया गया. जिले में आत्मा और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग फसल जलाने से सांस लेने में तकलीफ आंख, नाक, गला में जलन जैसे बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेगा. वहीं शिक्षा विभाग द्वारा इस विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाएगा. जीविका दीदी, त्रिस्तरीय पंचायती राज सेवकों के माध्यम से सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा समेकित और समन्वित रूप से इस पर किसान और आम लोगों को जागरूक करेंगे.

अवशेषों को खाद में किया जा सकता है परिणत
बता दें कि जिले में हजारों हेक्टेयर भूमि पर फसल कटने के बाद फसल अवशेष यानी पराली बचने पर किसान समय अभाव या जानकारी के आभाव में इसे खेतों में ही जला देते हैं. इससे पर्यावरण, स्वास्थ्य और फसल कम होने का खतरा रहता है. परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि फसल अवशेषों को डीकंपोजर के माध्यम से खाद में परिणत किया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने डीकंपोजर के बाद फसल अवशेष से प्लेट, कटोरी, ठोस पैकेजिंग सामग्री उत्पादों को तैयार किया जा सकता है. हैप्पी सीडर कंबाइन मशीन द्वारा काटे गए धान के खेतों में बिना पुआल जलाए गेहूं की बुआई इस मशीन से सरलता से की जा सकती है.

सरकारी लाभ से 3 साल तक के लिए होना पड़ सकता है वंचित
विभागीय निर्देशानुसार जो किसान डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत होते हैं, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जाता है. किसान परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा अगर पराली जलाया जाता है तो किसान परिवार के सभी सदस्यों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ से 3 वर्षों के लिए वंचित किया जा सकता है.

मुंगेर: जिले के समाहरणालय सभागार में शुक्रवार को अपर समाहर्ता विद्यानंद सिंह की अध्यक्षता में फसल अवशेष जलाने से होने वाले हानि को किसानों और आम जनों के बीच जागरूकता के लिए अंतर विभागीय कार्य समूह की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि किसान अगर खेतों में पराली जलाएंगे तो उन्हें सरकारी लाभ से 3 वर्षों तक वंचित किया जा सकता है.

अंतर विभागीय कार्य समूह की इस बैठक में खेतों में फसल अवशेष ना जलाने के प्रति जागरूकता का प्रचार प्रसार में तेजी लाने के निर्देश दिए गए. बैठक में फसलों के अवशेष जैसे कुट्टी, भूसा आदि को खेतों में ना जलाने से संबंधित सभी विभागों का दायित्व निर्धारित किया गया. जिले में आत्मा और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से किसानों को इसके लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. स्वास्थ्य विभाग फसल जलाने से सांस लेने में तकलीफ आंख, नाक, गला में जलन जैसे बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करेगा. वहीं शिक्षा विभाग द्वारा इस विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाएगा. जीविका दीदी, त्रिस्तरीय पंचायती राज सेवकों के माध्यम से सूचना और जनसंपर्क विभाग द्वारा समेकित और समन्वित रूप से इस पर किसान और आम लोगों को जागरूक करेंगे.

अवशेषों को खाद में किया जा सकता है परिणत
बता दें कि जिले में हजारों हेक्टेयर भूमि पर फसल कटने के बाद फसल अवशेष यानी पराली बचने पर किसान समय अभाव या जानकारी के आभाव में इसे खेतों में ही जला देते हैं. इससे पर्यावरण, स्वास्थ्य और फसल कम होने का खतरा रहता है. परियोजना निदेशक आत्मा ने बताया कि फसल अवशेषों को डीकंपोजर के माध्यम से खाद में परिणत किया जा सकता है. इसके लिए उन्होंने डीकंपोजर के बाद फसल अवशेष से प्लेट, कटोरी, ठोस पैकेजिंग सामग्री उत्पादों को तैयार किया जा सकता है. हैप्पी सीडर कंबाइन मशीन द्वारा काटे गए धान के खेतों में बिना पुआल जलाए गेहूं की बुआई इस मशीन से सरलता से की जा सकती है.

सरकारी लाभ से 3 साल तक के लिए होना पड़ सकता है वंचित
विभागीय निर्देशानुसार जो किसान डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत होते हैं, कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ उन्हें दिया जाता है. किसान परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा अगर पराली जलाया जाता है तो किसान परिवार के सभी सदस्यों को कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ से 3 वर्षों के लिए वंचित किया जा सकता है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.