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मुंगेर: महीनों से अधूरा पड़ा सड़क का निर्माण, जर्जर सड़क पर चलना भी मुश्किल

जिले के बरियारपुर प्रखंड के एनएच 80 से सटे चमन गढ़ से इटहरी तक जाने वाली 2.4 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पिछले कई महीनों से नहीं हो पाया है. इस जर्जर सड़क के कारण ग्रामीणों को काफी परेशानी हो रही है.

dilapidated road in munger
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Published : Feb 3, 2021, 9:34 PM IST

मुंगेर: जिले के बरियारपुर प्रखंड के एनएच 80 से सटे चमन गढ़ से इटहरी तक जाने वाली 2.4 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पिछले कई महीनों से नहीं हो पाया है. राष्ट्रीय राजमार्ग 80 से कल्याण टोला, चमन गढ़, इटहरी गांव होते हुए पाटम और रतनपुर होकर ऋषि कुंड पथ को जोड़ने वाली सड़क पर संवेदक द्वारा पिछले साल पत्थर बिछाया गया. लेकिन पत्थर बिछाने के बाद संवेदक ने उसकी पिचिंग नहीं कराई. सड़क पर बिछे छोटे-छोटे पत्थरों के कारण सड़क पर हर वक्त दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

इस जर्जर सड़क पर कई बाइक चालक भी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. जबकि सड़क पर कई जगह बारिश के दौरान जलजमाव की स्थिति भी बनी रहती है. स्थानीय मृगेंद्र कुमार साह ने बताया कि यह सड़क पिछले साल से अधूरी पड़ी है. जिसके कारण आने जाने में बहुत कठनाई होती है. वहीं संतोषी कुमारी ने बताया कि रात के समय और बारिश के दिनों में इस सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है.

नहीं हो पाया जर्जर सड़क का निर्माण
वहीं पिछले 6 माह से उक्त सड़क की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. ऐसे में ग्रामीणों में इसको लेकर काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 साल पहले उक्त सड़क का निर्माण कर सड़क पर पिचिंग किया गया. निर्माण के कुछ माह में ही सड़क टूटनी शुरू हो गई. इस बीच बाढ़ के कारण सड़क की स्थिति और भी जर्जर हो गई. जिस कारण सड़क की स्थिति निरंतर जर्जर बनी रही. वहीं 6 माह पूर्व संवेदक द्वारा फिर से उस सड़क को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया. जिससे ग्रामीणों में यह आस जगी कि अब जर्जर सड़क से मुक्ति मिलेगी. लेकिन संवेदक ने सड़क पर छोटे छोटे पत्थर बिछाने के बाद उसकी पिचिंग नहीं की. अब आलम यह है कि सड़क पर आते-जाते वाहन से छोटे छोटे पत्थर उड़कर ग्रामीणों को घायल कर देते हैं. जबकि जर्जर सड़क के कारण बाइक चालक भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. साथ ही बरसात के मौसम में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति रहती है.

ये भी पढ़ें:- 'साहब' का नया फरमान: सत्ता के खिलाफ किया प्रदर्शन तो नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

वाहनों का परिचालन है बंद
सड़क जर्जर होने के कारण ऑटो और ई-रिक्शा जैसे तीनपहिया वाहन भी इस गांव में नहीं आते हैं. वाहनों का परिचालन नहीं होने से गांव की महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाजार जाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है. स्थानीय महिलाओं ने बताया कि पैदल ही बाजार हाट जाना पड़ता है. वहीं चालक विनोद कुमार ने बताया की इस सड़क से गुजरने पर वाहनों का कचूमर निकल जाता है. कई बार ऑटो पलट भी गयी है.

ये भी पढ़ें:- पहले सोशल मीडिया और अब धरना-प्रदर्शन, सरकार चाहती क्या है?

नए अधीक्षण अभियंता का नहीं हुआ पदस्थापन
ग्रामीण कार्य विभाग मुंगेर द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत एनएच-80 चमनगढ़ से इटहरी तक 2.4 किलोमीटर का सड़क निर्माण किया जाना था. जिसकी अनुमानित राशि 44.54 लाख बोर्ड में दर्ज की गई है. जबकि 5 साल तक रख-रखाव की राशि 25.33 लाख दर्ज की गई है. कार्य आरंभ की तिथि 10 जून 2020 से कार्य समाप्ति की तिथि 1 साल बाद 2 जून 2021 दर्ज है. इस संबंध में जब ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता से पूछा गया तो पता चला की उनकी बदली हो गयी है. वहीं नए का पदस्थापन नहीं हुआ है.

मुंगेर: जिले के बरियारपुर प्रखंड के एनएच 80 से सटे चमन गढ़ से इटहरी तक जाने वाली 2.4 किलोमीटर लंबी सड़क का निर्माण पिछले कई महीनों से नहीं हो पाया है. राष्ट्रीय राजमार्ग 80 से कल्याण टोला, चमन गढ़, इटहरी गांव होते हुए पाटम और रतनपुर होकर ऋषि कुंड पथ को जोड़ने वाली सड़क पर संवेदक द्वारा पिछले साल पत्थर बिछाया गया. लेकिन पत्थर बिछाने के बाद संवेदक ने उसकी पिचिंग नहीं कराई. सड़क पर बिछे छोटे-छोटे पत्थरों के कारण सड़क पर हर वक्त दुर्घटना की संभावना बनी रहती है.

इस जर्जर सड़क पर कई बाइक चालक भी दुर्घटना के शिकार हो चुके हैं. जबकि सड़क पर कई जगह बारिश के दौरान जलजमाव की स्थिति भी बनी रहती है. स्थानीय मृगेंद्र कुमार साह ने बताया कि यह सड़क पिछले साल से अधूरी पड़ी है. जिसके कारण आने जाने में बहुत कठनाई होती है. वहीं संतोषी कुमारी ने बताया कि रात के समय और बारिश के दिनों में इस सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है.

नहीं हो पाया जर्जर सड़क का निर्माण
वहीं पिछले 6 माह से उक्त सड़क की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. ऐसे में ग्रामीणों में इसको लेकर काफी आक्रोश है. ग्रामीणों ने बताया कि पिछले 5 साल पहले उक्त सड़क का निर्माण कर सड़क पर पिचिंग किया गया. निर्माण के कुछ माह में ही सड़क टूटनी शुरू हो गई. इस बीच बाढ़ के कारण सड़क की स्थिति और भी जर्जर हो गई. जिस कारण सड़क की स्थिति निरंतर जर्जर बनी रही. वहीं 6 माह पूर्व संवेदक द्वारा फिर से उस सड़क को दुरुस्त करने का काम शुरू किया गया. जिससे ग्रामीणों में यह आस जगी कि अब जर्जर सड़क से मुक्ति मिलेगी. लेकिन संवेदक ने सड़क पर छोटे छोटे पत्थर बिछाने के बाद उसकी पिचिंग नहीं की. अब आलम यह है कि सड़क पर आते-जाते वाहन से छोटे छोटे पत्थर उड़कर ग्रामीणों को घायल कर देते हैं. जबकि जर्जर सड़क के कारण बाइक चालक भी दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं. साथ ही बरसात के मौसम में जगह-जगह जलजमाव की स्थिति रहती है.

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वाहनों का परिचालन है बंद
सड़क जर्जर होने के कारण ऑटो और ई-रिक्शा जैसे तीनपहिया वाहन भी इस गांव में नहीं आते हैं. वाहनों का परिचालन नहीं होने से गांव की महिलाओं को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बाजार जाने के लिए दो किलोमीटर पैदल चलकर जाना होता है. स्थानीय महिलाओं ने बताया कि पैदल ही बाजार हाट जाना पड़ता है. वहीं चालक विनोद कुमार ने बताया की इस सड़क से गुजरने पर वाहनों का कचूमर निकल जाता है. कई बार ऑटो पलट भी गयी है.

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नए अधीक्षण अभियंता का नहीं हुआ पदस्थापन
ग्रामीण कार्य विभाग मुंगेर द्वारा मुख्यमंत्री ग्रामीण पथ अनुरक्षण कार्यक्रम के तहत एनएच-80 चमनगढ़ से इटहरी तक 2.4 किलोमीटर का सड़क निर्माण किया जाना था. जिसकी अनुमानित राशि 44.54 लाख बोर्ड में दर्ज की गई है. जबकि 5 साल तक रख-रखाव की राशि 25.33 लाख दर्ज की गई है. कार्य आरंभ की तिथि 10 जून 2020 से कार्य समाप्ति की तिथि 1 साल बाद 2 जून 2021 दर्ज है. इस संबंध में जब ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता से पूछा गया तो पता चला की उनकी बदली हो गयी है. वहीं नए का पदस्थापन नहीं हुआ है.

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