मुंगेरः श्रावणी मेले में जिला प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों के बीच हजारों शिव भक्तों का जत्था देवघर की ओर रवाना हो रहा है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु कंधे पर कांवर लेकर नंगे पांव देवघर स्थित रावणेश्वर महादेव पर जलाभिषेक करने के लिए जा रहे हैं. मुंगेर जिले की सीमा में पड़ने वाली 26 किलोमीटर कच्चे रास्ते ने कांवरियों के लिए परेशानी खड़ी कर दी है.
कांवरिया पथ बोल बम के नारों से गुंजायमान है. अधिकारियों की लगातार जांच के बावजूद संवेदकों ने कांवरिया पथ पर कंकड़ और मिट्टी युक्त बालू बिछायी है. जबकि बालू को छानकर उसको तीन इंच तक पथ पर बिछाने का निर्देश मिला था. श्रद्धा और भक्ति के इस जनसैलाब में जिला प्रशासन की व्यवस्था दम तोड़ती नजर आई. बावजूद इसके, शिव भक्तों का हौसला चरम पर है.
पानी की समुचित व्यवस्था नहीं
तेज धूप और उमस भरी गर्मी से कांवरियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. रास्ते में पानी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से श्रद्धालुओं को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही हैं.
कंपनी द्वारा काम अनुरूप से नहीं हुआ
कांवरिया पथ पर निर्माण विभाग की तरफ से बालू के बिछाव का कार्य किया जा रहा है. यह काम पटना के जय माता दी कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला है. कंपनी ने दर्जन भर से अधिक पेटी कांट्रेक्टर को कच्चे पथ पर बालू बिछाने का काम सौंपा है. जिसके अनुरूप काम नहीं हुआ है. नियमानुसार कांवरिया पथ पर 3 इंच बालू का बिछाव किया जाना था. लेकिन स्थलीय जांच में कहीं 1 इंच, तो कहीं डेढ़ इंच ही मिट्टी युक्त बालू बिछी हुई है.