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मुंगेर: अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति बदहाल, डॉक्टरों और दवाईयों की घोर कमी - जिलाधिकारी आनंद शर्मा

मुंगेर में बेलबिहमा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो डॉक्टर है, न ही दवाईयां हैं, जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

munger
अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
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Published : Feb 28, 2020, 8:52 PM IST

मुंगेर: जिले के तारापुर अनुमंडल मुख्यालय के बेलबिहमा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल स्थिति में है. अस्पताल में न तो डॉक्टर आते हैं, न ही दवा उपलब्ध है. अस्पताल में मरीजों को नर्स देखती है, जो उनके दायरे से बाहर मरीज होते है, उन्हें अनुमंडल अस्पताल तारापुर जाने की सलाह दी जाती है. जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी आनंद शर्मा की ओर से हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का उद्घाटन किया गया था. उन्होंने उद्घाटन करते समय वादा किया था कि यहां डॉक्टर सहित सभी आवश्यक सुविधा दो महीना के अंतराल में हमेशा उपलब्ध रहेंगे. लेकिन वर्तमान स्थिति में एक डॉक्टर फिरदौस आलम के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र को चलाया जाता है. वहीं, डॉक्टर भी सप्ताह में 1 से 2 दिन ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. जबकि न्यूनतम तीन डॉक्टर की पदस्थापना उस अस्पताल में रहनी चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

'एम्बुलेंस और दवा की है कमी'
वर्तमान में तीन एएनएम रामावती देवी, गुंजन कुमारी और सरिता देवी और ए ग्रेड नर्स प्रेमलता पदस्थापित हैं. प्रतिदिन औसतन 15 मरीज को प्रशिक्षित नर्स देखती है. उनके दायरे से बाहर के मरीज को अनुमंडल अस्पताल तारापुर जाने की सलाह दी जाती है. अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं है और दवा की भी कमी बनी रहती है. नर्स प्रेमलता ने बताया कि जो हम लोगों के बस का है, उस बीमारी को देखते हैं. डॉक्टर कभी-कभी आते हैं.

'अस्पताल मात्र दिखावा बनकर रह गया'
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल मात्र दिखावा बनकर रह गया है. अस्पताल में डॉक्टर कभी नहीं आते है. अगर कभी आते भी है तो लोगों को पता ही नहीं चलता है. जिस उद्देश्य के लिए अस्पताल खोला गया उसका लाभ नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि सांप बिच्छू काटने पर तारापुर ही जाना पड़ता है.

मुंगेर: जिले के तारापुर अनुमंडल मुख्यालय के बेलबिहमा स्थित अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बदहाल स्थिति में है. अस्पताल में न तो डॉक्टर आते हैं, न ही दवा उपलब्ध है. अस्पताल में मरीजों को नर्स देखती है, जो उनके दायरे से बाहर मरीज होते है, उन्हें अनुमंडल अस्पताल तारापुर जाने की सलाह दी जाती है. जिसके चलते मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

बता दें कि 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी आनंद शर्मा की ओर से हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर का उद्घाटन किया गया था. उन्होंने उद्घाटन करते समय वादा किया था कि यहां डॉक्टर सहित सभी आवश्यक सुविधा दो महीना के अंतराल में हमेशा उपलब्ध रहेंगे. लेकिन वर्तमान स्थिति में एक डॉक्टर फिरदौस आलम के भरोसे स्वास्थ्य केंद्र को चलाया जाता है. वहीं, डॉक्टर भी सप्ताह में 1 से 2 दिन ही अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं. जबकि न्यूनतम तीन डॉक्टर की पदस्थापना उस अस्पताल में रहनी चाहिए.

देखें पूरी रिपोर्ट

'एम्बुलेंस और दवा की है कमी'
वर्तमान में तीन एएनएम रामावती देवी, गुंजन कुमारी और सरिता देवी और ए ग्रेड नर्स प्रेमलता पदस्थापित हैं. प्रतिदिन औसतन 15 मरीज को प्रशिक्षित नर्स देखती है. उनके दायरे से बाहर के मरीज को अनुमंडल अस्पताल तारापुर जाने की सलाह दी जाती है. अस्पताल में एम्बुलेंस नहीं है और दवा की भी कमी बनी रहती है. नर्स प्रेमलता ने बताया कि जो हम लोगों के बस का है, उस बीमारी को देखते हैं. डॉक्टर कभी-कभी आते हैं.

'अस्पताल मात्र दिखावा बनकर रह गया'
ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल मात्र दिखावा बनकर रह गया है. अस्पताल में डॉक्टर कभी नहीं आते है. अगर कभी आते भी है तो लोगों को पता ही नहीं चलता है. जिस उद्देश्य के लिए अस्पताल खोला गया उसका लाभ नहीं मिलता है. उन्होंने बताया कि सांप बिच्छू काटने पर तारापुर ही जाना पड़ता है.

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