ETV Bharat / state

Chhath Puja: गंगा घाट पर श्रद्धालुओं की बढ़ी परेशानी, ये है वजह

मुंगेर में कई लोग गंगा घाटों की सीढ़ियों और रास्तों पर पूजा के बाद पूजन सामग्री छोड़ कर चले जाते हैं. इसके बाद इन जगहों पर आने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानी होती है. पढ़ें पूरी खबर...

मुंगेर  गंगा घाट
मुंगेर गंगा घाट
author img

By

Published : Nov 10, 2021, 9:51 AM IST

मुंगेरः लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) में स्वच्छता महत्वपूर्ण है. इसके बावजूद कई लोग गंगा घाटों की सीढ़ियों और रास्तों पर पूजा के बाद पूजन सामग्री छोड़ कर चले जाते हैं. इसके बाद में इन जगहों पर आने वाले कई श्रद्धालुओं के पांव पूजन सामग्री पर लग जाते हैं. ये गलतियां धार्मिक रूप से गलत है. साथ ही इनके कारण मुंगेर नगर निगम व स्वच्छता बनाये रखने में लगी एजेंसिंयों को काफी परेशानी हो रही है.

इन्हें भी पढ़ें- छठ पूजा में सबसे पवित्र परंपरा है "कोसी भराई", जानिए "कोसी सेवना" का महत्व और विधि

ज्ञात हो कि लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रतिदिन उमड़ रही है. छठ घाट की साफ-सफाई के लिए प्रतिदिन मजदूर भी लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी गंगा में स्नान करने आए श्रद्धालु रोज परेशानी का सामना कर रहे हैं. दरअसल यह परेशानी महिला श्रद्धालुओं के कारण हो रही है. मुंगेर ही नहीं बिहार के लगभग सभी गंगा घाटों का हाल है.

देखें वीडियो

मुंगेर शहर के लाल दरवाजा, बबुआ घाट, सोझी घाट, दुरमट्टा घाट सहित अन्य घाटों पर महिला श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा घाट की सीढ़ियों पर करते हैं. पूजा के दौरान पूजन सामग्री पान का पत्ता, सुपारी, फूल, प्रसाद आदि चढ़ाते हैं. श्रद्धालु पूजा करने के बाद बाद पूजन सामग्री को यूंही सीढ़ियों पर ही छोड़ चले जाते हैं. एक दो नहीं लगभग सभी श्रद्धालु इसी तरह पूजा कर घर चले जाते हैं, जिससे थोड़ी देर में ही घाट की सीढ़ियां पूजन सामग्री से भर जाती है.

इन्हें भी पढ़ें- छठ महापर्व का आज 'पहला अर्घ्य', यहां जानें अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की उपासना का महत्व

यह नजारा लगभग सभी घाटों पर देखने को मिलता है. ऐसे में अन्य श्रद्धालु जो गंगा स्नान के लिए आते हैं. वह पूजन सामग्री पर पैर ना लगे, इसलिए वहां खड़े नहीं हो पाते हैं. कभी-कभी पूजन सामग्री पर पैर भी लग जाता है. लगभग शहर के सभी घाटों पर पूजन सामग्री पड़े रहने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है.

इस संबंध में बबुआ घाट नवयुवक संघ के सदस्य सह वार्ड संख्या एक के वार्ड पार्षद तूफानी राउत ने कहा कि महिला श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद सीढ़ियों पर ही पूजन छोड़कर चले जाते हैं. इस कारण गंगा स्नान करने आए लोग परेशान रहते हैं. उन्हें खड़े रहने में भी परेशानी होती है. अगर श्रद्धालु पूजा के बाद पूजन सामग्री गंगा में प्रवाहित कर दें तो किन्हीं को परेशानी नहीं होगी.


नगर निगम के अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि महिलाओं द्वारा गंगा स्नान करने के बाद गंगा का पूजन सामग्री छोड़ देने से हम लोगों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है. हमारे मजदूर इसी में ही साफ-सफाई में लगे रहते हैं. जबकि हमें घाटों की सफाई करनी है. सीढ़ियों पर जमी मिट्टियों को हटाना है, लेकिन हमलोगों को पूजन सामग्री हटाने में काफी समय लग जा रहा है.

मुंगेरः लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2021) में स्वच्छता महत्वपूर्ण है. इसके बावजूद कई लोग गंगा घाटों की सीढ़ियों और रास्तों पर पूजा के बाद पूजन सामग्री छोड़ कर चले जाते हैं. इसके बाद में इन जगहों पर आने वाले कई श्रद्धालुओं के पांव पूजन सामग्री पर लग जाते हैं. ये गलतियां धार्मिक रूप से गलत है. साथ ही इनके कारण मुंगेर नगर निगम व स्वच्छता बनाये रखने में लगी एजेंसिंयों को काफी परेशानी हो रही है.

इन्हें भी पढ़ें- छठ पूजा में सबसे पवित्र परंपरा है "कोसी भराई", जानिए "कोसी सेवना" का महत्व और विधि

ज्ञात हो कि लोक आस्था का महापर्व छठ पर्व को लेकर गंगा घाटों में श्रद्धालुओं की भीड़ प्रतिदिन उमड़ रही है. छठ घाट की साफ-सफाई के लिए प्रतिदिन मजदूर भी लगे हुए हैं. इसके बावजूद भी गंगा में स्नान करने आए श्रद्धालु रोज परेशानी का सामना कर रहे हैं. दरअसल यह परेशानी महिला श्रद्धालुओं के कारण हो रही है. मुंगेर ही नहीं बिहार के लगभग सभी गंगा घाटों का हाल है.

देखें वीडियो

मुंगेर शहर के लाल दरवाजा, बबुआ घाट, सोझी घाट, दुरमट्टा घाट सहित अन्य घाटों पर महिला श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद मां गंगा की पूजा घाट की सीढ़ियों पर करते हैं. पूजा के दौरान पूजन सामग्री पान का पत्ता, सुपारी, फूल, प्रसाद आदि चढ़ाते हैं. श्रद्धालु पूजा करने के बाद बाद पूजन सामग्री को यूंही सीढ़ियों पर ही छोड़ चले जाते हैं. एक दो नहीं लगभग सभी श्रद्धालु इसी तरह पूजा कर घर चले जाते हैं, जिससे थोड़ी देर में ही घाट की सीढ़ियां पूजन सामग्री से भर जाती है.

इन्हें भी पढ़ें- छठ महापर्व का आज 'पहला अर्घ्य', यहां जानें अस्ताचलगामी भगवान भास्कर की उपासना का महत्व

यह नजारा लगभग सभी घाटों पर देखने को मिलता है. ऐसे में अन्य श्रद्धालु जो गंगा स्नान के लिए आते हैं. वह पूजन सामग्री पर पैर ना लगे, इसलिए वहां खड़े नहीं हो पाते हैं. कभी-कभी पूजन सामग्री पर पैर भी लग जाता है. लगभग शहर के सभी घाटों पर पूजन सामग्री पड़े रहने के कारण श्रद्धालुओं को परेशानी होती है.

इस संबंध में बबुआ घाट नवयुवक संघ के सदस्य सह वार्ड संख्या एक के वार्ड पार्षद तूफानी राउत ने कहा कि महिला श्रद्धालु गंगा स्नान करने के बाद सीढ़ियों पर ही पूजन छोड़कर चले जाते हैं. इस कारण गंगा स्नान करने आए लोग परेशान रहते हैं. उन्हें खड़े रहने में भी परेशानी होती है. अगर श्रद्धालु पूजा के बाद पूजन सामग्री गंगा में प्रवाहित कर दें तो किन्हीं को परेशानी नहीं होगी.


नगर निगम के अधिकारी संजय प्रसाद ने बताया कि महिलाओं द्वारा गंगा स्नान करने के बाद गंगा का पूजन सामग्री छोड़ देने से हम लोगों को रोज परेशानी का सामना करना पड़ता है. हमारे मजदूर इसी में ही साफ-सफाई में लगे रहते हैं. जबकि हमें घाटों की सफाई करनी है. सीढ़ियों पर जमी मिट्टियों को हटाना है, लेकिन हमलोगों को पूजन सामग्री हटाने में काफी समय लग जा रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.