मुंगेर: पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी (Mewalal Choudhary) को श्रद्धांजलि देने के लिए आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) आज दोपहर को मुंगेर पहुंचेंगे. दिलचस्प बात यह है कि इस सभा में मेवालाल चौधरी के परिवार के लोग शामिल नहीं होंगे. उनकी पत्नी नीता चौधरी का निधन 2 साल पहले हो गया था. दोनों बेटे विदेश में रहते हैं और बेटियां नहीं हैं.
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नीतीश कुमार हेलीकॉप्टर से मुंगेर जिले के तारापुर प्रखंड के कमरगामा गांव पहुंचेंगे. यहां वह स्वर्गीय मेवालाल चौधरी के आवास पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शिरकत करेंगे. इस संबंध में मेवालाल चौधरी के बड़े भाई अंबिका चौधरी ने बताया कि तैयारी अंतिम चरण में है. मुख्यमंत्री यहां आकर परिवारिक सदस्यों से मिलेंगे. हम गमगीन परिवार के सदस्यों का हिम्मत बढ़ाएंगे.
दरअसल, स्वर्गीय मेवालाल चौधरी के आवास पर अब कोई नहीं रहता. उनके दोनों बेटे विदेश में रहते हैं. पत्नी नीता चौधरी का निधन 2 साल पहले ही हो चुका है. ऐसे में जब परिवार के अपने सदस्य नहीं हैं तो फिर श्रद्धांजलि सभा अचानक मृत्यु के 1 साल पूरा होने के 4 माह पहले क्यों आयोजित की जा रही है इस पर इलाके में चर्चा हो रही है. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि पंचायत चुनाव के बीच मुख्यमंत्री आ रहे हैं तो कोई बड़ी कहानी है. पंचायत चुनाव के बीच ही अक्टूबर में विधानसभा के उपचुनाव की घोषणा हो सकती है. क्योंकि तारापुर में विधानसभा का उप चुनाव होना है. मेवालाल चौधरी के निधन के बाद यहां सीट खाली हो गया है.
नीतीश कुमार के स्वागत की तैयारी लगभग पूरी हो चुकी है. कमरगामा गांव के प्रवेश द्वार पर नीता चौधरी स्मारक के पास तोरण द्वार बनाए गए हैं. सड़क के दोनों ओर वन विभाग द्वारा वृक्षारोपण कर पौधों का गैबीयन भी किया गया है. सड़क किनारे उगे घास को साफ किया गया है. जगह-जगह नाले की उड़ाही कर वहां सुखी मिट्टी डाली गई है. सड़क के गड्ढे भरे गए हैं और घर के बाहर बांस बल्ला लगाकर बैरिकेडिंग की गई है.
मेवालाल चौधरी के बड़े भाई अंबिका चौधरी और भतीजा नीलेश चौधरी मुख्यमंत्री का स्वागत करेंगे. राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दोनों टिकट की रेस में भी नहीं हैं. ऐसे में यह सभा उनके घर पर आयोजित कर वोटरों को रिझाने का एक प्रयास है. बताते चलें कि 1 माह के अंदर ही तारापुर विधानसभा में आधा दर्जन से अधिक बिहार सरकार के मंत्रियों और एक दर्जन से अधिक जदयू के बड़े नेताओं का आना हो चुका है.
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