मुंगेर: भेलवा दियारा से वापस लौट रही बरनैया नाव 50 से अधिक लोगों के साथ गंगा में समा गई. हादसे के बाद मौके पर अफरा-तफरी का माहौल है. दो बड़े नावों को जोड़कर बरनैया नाव दो ट्रैक्टर, भारी मात्रा में अनाज, 6 घोड़े और घोड़ी के साथ गंगा में समा गई. नाव मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भेलवा दियारा से बरदह घाट आ रही थी. राहत बचाव कार्य में एक दर्जन से अधिक छोटे नाव को लगाया गया है. खबर है कि ज्यादातर लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है.
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नाव में 50 से ज्यादा लोग थे सवार
इस संबंध में सदर अंचलाधिकारी शशिकांत सुमन ने बताया कि भेलवा दियारा और तारापुर दियारा में किसान फसल की कटनी कर मजदूरों के साथ बरनैया नाव से लौट रहे थे. तभी बरदह घाट से बहुत पहले बीच गंगा में नाव समा गई. इसमें 50 से अधिक मजदूर और किसान सवार थे. अनाज, ट्रैक्टर और जानवर भी नाव पर रखे थे.
राहत और बचाव कार्य जारी
उन्होंने बताया कि दो बड़े-बड़े नावों को जोड़कर बरनैया नाव बनाया गया था. उस नाव पर 50 से अधिक किसान के साथ दो ट्रैक्टर, 6 घोड़ा घोड़ी और भारी मात्रा में अनाज लदे थे. तभी बरदह घाट से पहले नाव में पानी भरने लगा. लोगों ने मदद के लिए चिल्लाना शुरू किया. लगभग एक दर्जन नाव उन्हें बचाने के लिए पहुंची. राहत और बचाव कार्य में लगे लगभग एक दर्जन नाव पर कई किसान और मजदूर सवार हो भी गए. तब तक नाव पूरी तरह गंगा में समा गई.
अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं
घटना के संबंध में अंचलाधिकारी ने बताया कि लगभग सवा 6 बजे शाम में ये सभी किसान कटनी कर अनाज के साथ नाव पर सवार होकर लौट रहे थे. तभी बीच गंगा में नाव डूब गई और एक बड़ा हादसा हुआ. लगभग एक दर्जन नाव राहत एवं बचाव कार्य के लिए उन लोगों के पास पहुंचा था. जिसमें लगभग किसान और मजदूर सवार होकर किनारे पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि खुद वे घटनास्थल पर कैम्प किए हुए हैं. अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
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सैकड़ों एकड़ में फैले दियारे में प्रतिदिन खेती करने के लिए सैकड़ों किसान दियारा जाते हैं. लगभग आधा दर्जन से अधिक गांव सीता कुंड, सीतलपुर, नंदलालपुर, काशी गांव, तेरासी गांव के मजदूर गए थे. हादसे के बाद सभी लोग अपने-अपने घर चले गए. इसलिए पता नहीं चल पा रहा है कि कौन कहां के थे. सुबह होने पर या परिजन के आने पर ही पता चल पाएगा कि कोई मिसिंग है या नहीं.