मुंगेर: जिले में रविवार को अक्षय तृतीया का पर्व शहरी और ग्रामीण इलाके में सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुए भक्तिभाव से मनाया गया. कोरोना के कारण श्रद्धालुओं ने घर में ही स्नान कर पूजा-पाठ किया. इस बार अक्षय तृतीया पर भगवान परशुराम का जन्मोत्सव भी साथ मनाया जा रहा है. ग्रामीण इलाके सदर प्रखंड के नौवागढ़ी इलाके में बलराम झा, सुंदर पंडित और कौशल्या देवी के घरों में विधि विधान के साथ भगवान विष्णु और लक्ष्मी की आराधना की गई.
विधि विधान से लगाया गया भोग
सुबह में घर के आंगन को मिट्टी और गाय के गोबर से लिपाई कर स्थान को साफ किया गया. कपड़े पर चावल रखकर उस पर भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी के प्रतीक पीतल के कलश पर आम का पल्लव स्थापित कर जल चढ़ाया. इसके बाद चंदन, अक्षत, फूल, रोली और मोली चढ़ाया गया. इसके बाद अबीर, गुलाल, कुमकुम और अन्य पूजा की सामग्री अर्पण की गई और भगवान को दीपक दर्शन करवाकर अगरबत्ती दिखाया गया.
पूजा सामग्री चढ़ाने के बाद भगवान को मिठाई, फल का नैवेद्य सहित पूरे विधि विधान से भोग लगाया गया. सुंदर पंडित ने कहा कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण के कारण मुंगेर जिला रेड अलर्ट पर है. ऐसे में हम लोग गंगा स्नान नहीं किए. घर पर ही नहा कर पूजा पाठ कर लिए हैं.
पूजा का मिलता है अक्षय फल
जिले के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अविनाश शास्त्री ने बताया कि वैशाख महीने की शुक्लपक्ष की तीसरी तिथि को अक्षय तृतीया पर्व मनाया जाताा है. इस दिन किए गए दान और पूजा का अक्षय फल मिलता है. अक्षय अर्थात कभी क्षय नहीं होने वाला पूजा से जो फल मिलता है, वह कभी कम नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि इस दिन कोई भी शुभ काम बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है. इसलिए अक्षय तृतीया पर शादियां, खरीदारी और नए कामों की शुरुआत की जाती है. लेकिन इस बार कोरोना का संक्रमण काल है. इसलिए मांगलिक कार्य और सामूहिक कार्य अगले साल के लिए टाल देना चाहिए.