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बहरीन को बिहार समझ रहा था खालिद, कोविड प्रोटोकॉल तोड़ने पर 3 साल की जेल, 10 लाख जुर्माना

मधुबनी के रसीदपुर गांव का रहने वाला मो. खालिद को क्ववारंटाइन उल्लंघन मामले में गल्फ कंट्री बहरीन में तीन साल की सजा और अर्थदंड के रूप में पांच हजार दीनार (करीब 10 लाख भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया है. देखें रिपोर्ट

खालिद
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Published : Jun 18, 2021, 11:04 PM IST

Updated : Jun 19, 2021, 12:00 PM IST

मधुबनी: बिहार के मधुबनी (Madhubani) जिले के 34 वर्षीय मोहम्मद खालिद (Mohammad Khalid) को खाड़ी देश बहरीन (Bahrain) में तीन साल कैद की सजा दी गई है. यह दंड इसलिए दिया गया है क्योंकि युवक ने क्वारंटाइन नियमों (Covid Norms in Bahrain) को तोड़ा है. बता दें कि बहरीन में कानून काफी सख्त हैं. अपने कड़े कानून की वजह से हमेशा ही चर्चा में रहा है.

इसे भी पढ़ें: कैमूर: मोहनिया में अधिकारियों ने निजी अस्पताल और क्वारंटाइन सेंटर का किया निरीक्षण

इलेक्ट्रिशियन का करता है काम
बताते चलें कि खालिद पिछले 8 सालों से बहरीन (Bahrain) में इलेक्ट्रिशियन का काम करता है. वह इस साल मार्च में अपने गांव रसीदपुर आया हुआ था. जिसके बाद छुट्टियों से वापस बहरीन अपनी नौकरी पर चला गया था. वहीं 18 मई को वह बहरीन में कोरोना पॉजिटिव हो गया. जिसके बाद उसे एक कोविड कैंप में तीन दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया था. इसके बाद एक होटल में और फिर एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. आखिरकार 31 मई को उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई और उसे 17 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया.

परिवार ने विदेश मंत्रालय से लगाई गुहार.
परिवार ने विदेश मंत्रालय से लगाई गुहार.

10 लाख रुपये का जुर्माना
मो. खालिद ने क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी की. जिसके बाद मो. खालिद को क्वारंटाइन नियमों को तोड़ने की सजा तीन साल कैद और कुछ अर्थदंड के रूप में चुकानी पड़ी. यह अर्थदंड मो. खालिद को देना महंगा पड़ रहा है. क्योंकि मो. खालिद का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. बता दें कि बहरीन की अदालत (Court Of Bahrain) ने उसे तीन साल के कैद पांच हजार दीनार (करीब 10 लाख भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया है.

खालिद के परिवार ने MEA से लगाई गुहार
बता दें कि मो. खालिद के परिजनों के सामने एक बड़ी समस्या आ पड़ी है. जिसके बाद मो. खालिद के बड़े भाई हुसैन अहमद ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मामले को संज्ञान में लेने की गुहार लगाई है.

ये भी पढ़ें: क्वारंटाइन सेंटर बनाने के फरमान पर घमासान, विपक्ष बोला-आपदा में लूट के अवसर की तलाश

क्वारंटाइन के दौरान नहीं दिया जा रहा था खाना
मो. खालिद बहरीन में ही अपनी कंपनी की ओर से मिले मकान में अकेला रहता था. होम क्वारंटाइन के दौरान उसे खाना देने वाला भी कोई नहीं था. वहीं एक सप्ताह तक किसी तरह गुजारा करने के बाद 7 जून को वह अपने घर से खाना लाने निकला. उसकी यह गलती काफी भारी और महंगी पड़ गई. घर से निकलने के दौरान किसी स्थानीय ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसके बाद मो. खालिद को पकड़ कर कोविड कैंप ले जाया गया. जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन इसके बावजूद भी उसे कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद उसे तीन साल का कैद और अर्थदंड की सजा सुना दी गई.

परिजनों को सता रही चिंता
बता दें कि तीन वर्ष पूर्व मो. खालिद की शादी हुई थी. खालिद का एक डेढ़ साल का एक बेटा भी है. पत्नी और बेटा मधुबनी के रसीदपुर गांव में ही खालिद के परिवार के साथ रहते हैं. इस घटना के बाद खालिद के पिता नियाज अहमद, पत्नी समेत सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. परिजनों को एक ही चिंता सता रही है कि खालिद के ऊपर लगाए गए अर्थदंड का भुगतान कैसे कर पाएंगें. वहीं खालिद के बूढ़े पिता, पत्नी को अब सिर्फ और सिर्फ विदेश मंत्रालय के फैसले का इंतजार है.

मधुबनी: बिहार के मधुबनी (Madhubani) जिले के 34 वर्षीय मोहम्मद खालिद (Mohammad Khalid) को खाड़ी देश बहरीन (Bahrain) में तीन साल कैद की सजा दी गई है. यह दंड इसलिए दिया गया है क्योंकि युवक ने क्वारंटाइन नियमों (Covid Norms in Bahrain) को तोड़ा है. बता दें कि बहरीन में कानून काफी सख्त हैं. अपने कड़े कानून की वजह से हमेशा ही चर्चा में रहा है.

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इलेक्ट्रिशियन का करता है काम
बताते चलें कि खालिद पिछले 8 सालों से बहरीन (Bahrain) में इलेक्ट्रिशियन का काम करता है. वह इस साल मार्च में अपने गांव रसीदपुर आया हुआ था. जिसके बाद छुट्टियों से वापस बहरीन अपनी नौकरी पर चला गया था. वहीं 18 मई को वह बहरीन में कोरोना पॉजिटिव हो गया. जिसके बाद उसे एक कोविड कैंप में तीन दिनों के लिए क्वारंटाइन कर दिया गया था. इसके बाद एक होटल में और फिर एक अस्पताल में शिफ्ट किया गया था. आखिरकार 31 मई को उसे अस्पताल से छुट्टी दी गई और उसे 17 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन (Home Quarantine) का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया गया.

परिवार ने विदेश मंत्रालय से लगाई गुहार.
परिवार ने विदेश मंत्रालय से लगाई गुहार.

10 लाख रुपये का जुर्माना
मो. खालिद ने क्वारंटाइन नियमों की अनदेखी की. जिसके बाद मो. खालिद को क्वारंटाइन नियमों को तोड़ने की सजा तीन साल कैद और कुछ अर्थदंड के रूप में चुकानी पड़ी. यह अर्थदंड मो. खालिद को देना महंगा पड़ रहा है. क्योंकि मो. खालिद का परिवार आर्थिक रूप से काफी कमजोर है. बता दें कि बहरीन की अदालत (Court Of Bahrain) ने उसे तीन साल के कैद पांच हजार दीनार (करीब 10 लाख भारतीय रुपये) का जुर्माना लगाया है.

खालिद के परिवार ने MEA से लगाई गुहार
बता दें कि मो. खालिद के परिजनों के सामने एक बड़ी समस्या आ पड़ी है. जिसके बाद मो. खालिद के बड़े भाई हुसैन अहमद ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का दरवाजा खटखटाया है. उन्होंने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर मामले को संज्ञान में लेने की गुहार लगाई है.

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क्वारंटाइन के दौरान नहीं दिया जा रहा था खाना
मो. खालिद बहरीन में ही अपनी कंपनी की ओर से मिले मकान में अकेला रहता था. होम क्वारंटाइन के दौरान उसे खाना देने वाला भी कोई नहीं था. वहीं एक सप्ताह तक किसी तरह गुजारा करने के बाद 7 जून को वह अपने घर से खाना लाने निकला. उसकी यह गलती काफी भारी और महंगी पड़ गई. घर से निकलने के दौरान किसी स्थानीय ने उसका वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जिसके बाद मो. खालिद को पकड़ कर कोविड कैंप ले जाया गया. जहां उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई. लेकिन इसके बावजूद भी उसे कोर्ट में पेश किया गया. जिसके बाद उसे तीन साल का कैद और अर्थदंड की सजा सुना दी गई.

परिजनों को सता रही चिंता
बता दें कि तीन वर्ष पूर्व मो. खालिद की शादी हुई थी. खालिद का एक डेढ़ साल का एक बेटा भी है. पत्नी और बेटा मधुबनी के रसीदपुर गांव में ही खालिद के परिवार के साथ रहते हैं. इस घटना के बाद खालिद के पिता नियाज अहमद, पत्नी समेत सभी का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है. परिजनों को एक ही चिंता सता रही है कि खालिद के ऊपर लगाए गए अर्थदंड का भुगतान कैसे कर पाएंगें. वहीं खालिद के बूढ़े पिता, पत्नी को अब सिर्फ और सिर्फ विदेश मंत्रालय के फैसले का इंतजार है.

Last Updated : Jun 19, 2021, 12:00 PM IST
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