मधुबनी(हरलाखी): कोरोना और बाढ़ के बीच बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता सक्रिय नजर आ रहे हैं. लेकिन इलाके में विकास न होने से नाराज ग्रामीणों ने भी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बिहार सरकार विकास की लाख दावा कर ले लेकिन विकास अभी भी काफी दूर हैं. ताजा मामला हरलाखी प्रखंड के खिरहर पंचायत के केरवनी टोला का है.
दरअसल, खिरहर पंचायत के केरवनी टोला के पास बहती नहर में पुल नहीं है. लोग सालों से इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन अब तक इनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया गया है. ऐसे में इस साल ग्रामीणों ने वोट बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. लोगों ने विधायक मुर्दाबाद का नारा देकर प्रदर्शन किया.
पुल नहीं होने से हो रही परेशानी
ग्रामीण मोमिना खातुन ने बताया कि खेनुआ टोला में करीब 200 परिवार रहते हैं. लेकिन टोला से बाहर निकलने का कोई भी रास्ता नहीं है. टोला के बगल से एक बहुत ही गहरी नहर गुजरती है. जहां नदी में बच्चे डूब जाते हैं. कई बार विधायक सुधांशु शेखर और पूर्व सांसद हुक्कमदेव नारायण यादव से पुल निर्माण कराने की मांग की गई. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. चुनाव आने पर पुल बनवाने का झूठा वादा करके वोट ठग लिया जाता है और फिर दोबारा कोई नजर नहीं आता है. इसलिए हमलोगों ने इस बार यह निर्णय लिया है कि वोट मांगने वाले उम्मीदवारों का विरोध करेंगे.
'पुल नहीं तो वोट नहीं'
प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों ने मानें तो इस बार वे पुल नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद करेंगे. वहीं पंचायत के मुखिया विकाश मिश्रा ने कहा कि पुल नहीं होने से बार-बार घटना होती है. छोटे-छोटे बच्चे डूब जाते हैं. टोला के चारों तरफ दूसरे टोले के लोगों का निजी जमीन है, जिसको लेकर रास्ता भी नहीं बना पाते. टोला से बाहर निकलने का मात्र एक माध्यम पुल का निर्माण है. कई बार पुल बनवाने का मांग सांसद और विधायक से रखी गई. लेकिन वर्षों से यह समस्या जस की तस बनी हुई है. उन्होंने कहा कि वोट का बहिष्कार ना हो इस दिशा में वे लोगों को समझाने का प्रयास करेंगे.