मधुबनी: बिहार मे अपराध पर नियंत्रण पाने के लिए बिहार सरकार ने पूरे बिहार मे पंचायत स्तर पर ग्राम रक्षा दल की बहाली की है. जिससे बिहार मे अपराध जैसी घटना के बढ़ते ग्राफ में कमी आई है. 2015 के मई से ये लगातार कार्या कर रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से पांच सालों में इनके लिए कोई मानदेय वेतन का प्रावधान नहीं किया गया. वहीं, 22 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन में ग्रामरक्षा दल पुलिस को मदद कर रहे हैं. सदस्यों ने सरकार से अपने वेतन की मांग की.
ग्राम रक्षा दल ने की वेतन की मांग
ग्राम रक्षा दल के जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र दास ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से हमे पंचायत स्तर पर बहाल किया गया है. समय-समय पर सरकार ने अपने कार्यो में हमारी मदद ली है. हम भी बिहार सरकार को 5 सालों से निस्वार्थ सहायता दे रहे हैं. लेकिन सरकार की ओर से इन पांच सालों में ग्रामरक्षा दल के मानदेय वेतन पर ध्यान नहीं दिया गया.
लगातार कर रहे लोगों को जागरूक
बता दें कि कोरोना महामारी के बीच लागू देशव्यापी लॉकडाउन को सफल बनाने के लिए ग्राम रक्षा के सदस्य मुख्य मार्गों और चेकपोस्टों पर अपनी सेवा दे रहे हैं. साथ ही बेवजह टहलने वाले लोग और वाहन के आवागमन पर रोक लगाने में पुलिस को मदद कर रहे हैं. ग्रामीण क्षेत्रों मे लगने वाले बाजार में समाजिक दूरी का पालन करवाते हुए सब्जी दुकानें लगवा रहे हैं. सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन को पालन करने के लिए जागरुकता अभियान और बाइक रैली निकालकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.