ETV Bharat / state

मधुबनी: मैथिली भाषा को लेकर सरकार से शिक्षा संघर्ष मोर्चा नाराज, 'मैथिली नहीं तो वोट नहीं' का नारा - मधुबनी में मैथिली भाषा में प्राथमिक शिक्षा की मांग उठी

आगामी विधानसभा चुनाव में 'मैथिली नहीं तो वोट नहीं' का नारा दिया जा रहा है. मुधबनी में विभिन्न संगठनों ने मैथिली भाषा को लेकर सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की.

maithili language
मौथिली शिक्षा मोर्चा
author img

By

Published : Oct 7, 2020, 8:25 PM IST

मधुबनी: बिहार चुनाव के बीच मैथिली में प्राथमिक शिक्षा देने का मुद्दा जोर-शोर से उठने लगा है. मधुबनी जिले में मैथिली शिक्षा संघर्ष मोर्चा का आंदोलन तेज कर दिया है. वहीं, मैथिली के मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों की बैठक ओशो नगर झंझारपुर में आयोजित की गई.

मैथिली नहीं तो वोट नहीं
इस बैठक में मैथिली नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया गया. मिथिला की संस्कार, संस्कृति, साहित्य और शिक्षा को राजनीति के तहत समाप्त करने की कोशिश की जा रही हैं. इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है. मैथिली शिक्षा मोर्चा के संस्थापक मलय नाथ मंडल ने बताया मैथिली भाषा का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. मैथिली भाषा 16 साल पहले भी मैथिली को संविधान कस्टम सूची में शामिल किया गया था. बता दें कि यूपीएससी परीक्षाओं में मैथिली को मान्यता मिली है, लेकिन सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में इसकी मान्यता नहीं दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मैथिली भाषा के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार
मिथिला संघर्ष मोर्चा के बैनर तले साहित्यगन, मिथिला दरभंगा, मैथिली लोक संस्कृति मंच लहेरियासराय, मिथिला सेना , अपाचे युवा संगठनों ने आपस में मंत्रणा कर निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में मैथिली का स्थान हो. मैथिली भाषा में प्राथमिक शिक्षा में लागू किया जाए. बता दें कि मैथिली भाषा घोषित करने के बाद उसके बावजूद भी मैथिली भाषा के साथ राजनीति की जा रही है.

मधुबनी: बिहार चुनाव के बीच मैथिली में प्राथमिक शिक्षा देने का मुद्दा जोर-शोर से उठने लगा है. मधुबनी जिले में मैथिली शिक्षा संघर्ष मोर्चा का आंदोलन तेज कर दिया है. वहीं, मैथिली के मुद्दे को लेकर विभिन्न संगठनों की बैठक ओशो नगर झंझारपुर में आयोजित की गई.

मैथिली नहीं तो वोट नहीं
इस बैठक में मैथिली नहीं तो वोट नहीं का नारा बुलंद किया गया. मिथिला की संस्कार, संस्कृति, साहित्य और शिक्षा को राजनीति के तहत समाप्त करने की कोशिश की जा रही हैं. इसका पुरजोर विरोध किया जा रहा है. मैथिली शिक्षा मोर्चा के संस्थापक मलय नाथ मंडल ने बताया मैथिली भाषा का प्रयोग नहीं किया जा रहा है. मैथिली भाषा 16 साल पहले भी मैथिली को संविधान कस्टम सूची में शामिल किया गया था. बता दें कि यूपीएससी परीक्षाओं में मैथिली को मान्यता मिली है, लेकिन सरकार ने प्राथमिक शिक्षा में इसकी मान्यता नहीं दी है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

मैथिली भाषा के साथ हो रहा सौतेला व्यवहार
मिथिला संघर्ष मोर्चा के बैनर तले साहित्यगन, मिथिला दरभंगा, मैथिली लोक संस्कृति मंच लहेरियासराय, मिथिला सेना , अपाचे युवा संगठनों ने आपस में मंत्रणा कर निर्णय लिया है. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों के घोषणापत्र में मैथिली का स्थान हो. मैथिली भाषा में प्राथमिक शिक्षा में लागू किया जाए. बता दें कि मैथिली भाषा घोषित करने के बाद उसके बावजूद भी मैथिली भाषा के साथ राजनीति की जा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.