मधुबनी: पूर्व केंद्रीय मंत्री सह कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शकील अहमद ने मधुबनी लोकसभा सीट से नामांकन पर्चा भर दिया. उन्होंने निर्दलीय और कांग्रेस से दो पर्चे दाखिल किए हैं. इनके नामांकन दाखिल करने के साथ ही मधुबनी लोकसभा का चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि अगर हम खड़े नहीं होते, तो इसका फायदा बीजेपी को होता. बीजेपी के फायदे को रोकने के लिए हमने पर्चा दाखिल किया है. बता दें कि महागठबंधन ने यहां से मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी को टिकट दिया है.
बीजेपी को ऐसे होता फायदा
शकील अहमद ने बताया कि वीआईपी को टिकट मिलने से बीजेपी को फायदा होने वाला था. क्योंकि झारखंड के चतरा में हमारे पार्टी ने जो उम्मीदवार दिया है उसके खिलाफ राजद अपना सिंबल देकर चुनाव लड़ा रहा है. वही हाल सुपौल में भी है. रंजीता रंजन पार्टी की सांसद हैं पार्टी ने उन्हें टिकट दिया है. उनके खिलाफ भी राजद ने अपना उम्मीदवार दिया है.
राहुल गांधी से की गुजारिश
इसी के कारण हमने पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी जी से गुजारिश की है कि हमे पार्टी का सिंबल दिया जाए. हमे फ्रेंडली फाइट का आदेश दिया जाए. उन्होंने मुझे अस्वस्त किया है और साथ ही कहा कि 34 सालो से मैं राजनीति में हूं. एमएलए और एमपी रहा हूं. ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे आम लोगों को कोई परेशानी हुई हो.
कौन है शकील अहमद
- शकील अहमद 1998 और 2004 में में मधुबनी सीट से लोकसभा सदस्य रहे.
- वे 1985, 1990 और 2000 में विधायक चुने गए थे.
- शकील ने राबड़ी देवी के नेतृत्व वाली बिहार सरकार में स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्य किया.
- 2004 में केंद्र में सत्तासीन रहे पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की सरकार में संचार, आईटी और गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री रहे थे.