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मधुबनी: मजदूरों को रोजगार और बढ़ते अपराध के खिलाफ CPI का एकदिवसीय धरना

सीपीआई नेता ने कहा कि बिहार में पहले से ही बेरोजगारी चरम पर है. कोरोना काल के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आए हैं. बिहार में कल-कारखानों की कमी है. मजदूरों के रोजगार को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है.

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Published : Jun 2, 2020, 6:50 PM IST

मधुबनी
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मधुबनी: आपराधिक घटनाओं में वृद्धि और प्रवासी मजदूरों को रोजगार और गरीब परिवार को सहायता राशि समेत कई अन्य मांगों को लेकर सीपीआई ने जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में पार्टी कार्यालय में एकदिवसीय धरना दिया. जिला मंत्री मिथिलेश झा ने कहा कि लॉक डाउन के समय में भी बिहार में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सरकार गरीबों को लेकर कोई ठोस पहल नहीं कर रही है. प्रवासी मजदूरों के रोजगार को लेकर कोई शुरुआत होती नहीं दिख रही है. यह राज्य सरकार की नाकामी है.

'महादलितों के ऊपर हो रहा अत्याचार'
पार्टी कार्यालय मधुबनी में धरना को संबोधित करते हुए पार्टी जिला मंत्री मिथिलेश झा ने बताया कि एक तरफ पूरा बिहार कोरोना संकट काल से परेशान है. वहीं, दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों को बाहर के अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से विफल है. अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. महादलितों के ऊपर अत्याचार जैसी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है.

'रोजगार की नहीं हो रही कोई व्यवस्था'
सीपीआई नेता ने कहा कि बिहार में पहले से ही बेरोजगारी चरम पर है. कोरोना काल के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आए है. बिहार में कल-कारखानों की कमी है. मजदूरों के रोजगार को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है. कृषि आधारित उद्योग समेत लोहट और सकरी चीनी मिल सालों से बंद पड़ा हुआ है. दूध एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी बंद हैं. पंडौल औधौगिक क्षेत्र के जमीन और चीनी मीलों के जमीन को सरकार ने निजी लोगों को बेच दिया. किसान और मजदूरों के सामने सरकार ने जानबूझकर बेरोजगारी और पलायन की स्थिति को पैदा किया है.

'बिहार के लोगों को मिले 7500 रूपये की राशि'
धरना में भाग ले रहे लोगों को संबोधित करते हुए सीपीआई के नेताओं ने कहा कि कोरोना के कारण बिहार के लोगों पर अनचाहा बोझ पड़ा है. इसलिए सरकार आयकर देने वाले परिवारों के अलावे बिहार के सभी परिवारों को 7500 रुपये की सहायता राशि और 15 किलो अनाज 6 महीने तक मुफ्त में दे. बिहार से पलायन को रोकने के लिए मनरेगा में वार्षिक कार्य दिवस 200 दिन किया जाए. मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्या राजश्री किरण, राज्य परिषद सदस्य सूर्यनारायण महतो, मोतीलाल शर्मा, जिला परिषद सदस्य ओमप्रकाश कापरी, सन्तोष झा, सत्यनारायण राय, छात्र नेता विकास झा, जोबेर अंसारी, मो. कासिम और कई अन्य कई लोग शामिल थे. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम जिले के रहिका, जयनगर, बेनीपट्टी, हरलाखी, झंझारपुर, लौकही समेत कई अन्य जगहों पर आयोजित हुई.

मधुबनी: आपराधिक घटनाओं में वृद्धि और प्रवासी मजदूरों को रोजगार और गरीब परिवार को सहायता राशि समेत कई अन्य मांगों को लेकर सीपीआई ने जिले के सभी प्रखंडों और पंचायतों में पार्टी कार्यालय में एकदिवसीय धरना दिया. जिला मंत्री मिथिलेश झा ने कहा कि लॉक डाउन के समय में भी बिहार में आपराधिक घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है. सरकार गरीबों को लेकर कोई ठोस पहल नहीं कर रही है. प्रवासी मजदूरों के रोजगार को लेकर कोई शुरुआत होती नहीं दिख रही है. यह राज्य सरकार की नाकामी है.

'महादलितों के ऊपर हो रहा अत्याचार'
पार्टी कार्यालय मधुबनी में धरना को संबोधित करते हुए पार्टी जिला मंत्री मिथिलेश झा ने बताया कि एक तरफ पूरा बिहार कोरोना संकट काल से परेशान है. वहीं, दूसरी तरफ प्रवासी मजदूरों को बाहर के अन्य राज्यों से मजदूरों की वापसी को लेकर केंद्र और राज्य सरकार पूरी तरह से विफल है. अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं. महादलितों के ऊपर अत्याचार जैसी घटनाओं में भी वृद्धि हुई है.

'रोजगार की नहीं हो रही कोई व्यवस्था'
सीपीआई नेता ने कहा कि बिहार में पहले से ही बेरोजगारी चरम पर है. कोरोना काल के बाद भारी संख्या में प्रवासी मजदूर अपने घर वापस आए है. बिहार में कल-कारखानों की कमी है. मजदूरों के रोजगार को लेकर कोई पहल नहीं की जा रही है. कृषि आधारित उद्योग समेत लोहट और सकरी चीनी मिल सालों से बंद पड़ा हुआ है. दूध एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग भी बंद हैं. पंडौल औधौगिक क्षेत्र के जमीन और चीनी मीलों के जमीन को सरकार ने निजी लोगों को बेच दिया. किसान और मजदूरों के सामने सरकार ने जानबूझकर बेरोजगारी और पलायन की स्थिति को पैदा किया है.

'बिहार के लोगों को मिले 7500 रूपये की राशि'
धरना में भाग ले रहे लोगों को संबोधित करते हुए सीपीआई के नेताओं ने कहा कि कोरोना के कारण बिहार के लोगों पर अनचाहा बोझ पड़ा है. इसलिए सरकार आयकर देने वाले परिवारों के अलावे बिहार के सभी परिवारों को 7500 रुपये की सहायता राशि और 15 किलो अनाज 6 महीने तक मुफ्त में दे. बिहार से पलायन को रोकने के लिए मनरेगा में वार्षिक कार्य दिवस 200 दिन किया जाए. मौके पर पार्टी के राष्ट्रीय परिषद सदस्या राजश्री किरण, राज्य परिषद सदस्य सूर्यनारायण महतो, मोतीलाल शर्मा, जिला परिषद सदस्य ओमप्रकाश कापरी, सन्तोष झा, सत्यनारायण राय, छात्र नेता विकास झा, जोबेर अंसारी, मो. कासिम और कई अन्य कई लोग शामिल थे. सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम जिले के रहिका, जयनगर, बेनीपट्टी, हरलाखी, झंझारपुर, लौकही समेत कई अन्य जगहों पर आयोजित हुई.

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