ETV Bharat / state

मिथिलांचल में दशकों से चौपट हैं उद्योग-धंधे, सूत मिल बंद होने से छिने सैकड़ों लोगों के रोजगार - सरकारी कमियां

यह सूत मिल पंडौल ही नहीं बल्कि पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी. सैकड़ों लोगों को इससे रोजगार मिलाता था. लेकिन, सरकार की उदासीनता के कारण यह मिल इस कगार पर पहुंच गई है.

बंद पड़ा सूता मिल
author img

By

Published : Apr 7, 2019, 10:01 AM IST

मधुबनी: बिहार के मुखिया नीतीश कुमार प्रदेश में विकास की बात करते हैं. लेकिन, विकास मिथिलांचल के इलाकों से कोसों दूर है. यहां के उद्योग-धंधे सब चौपट हो चुके हैं. वर्षों से चीनी मिल और सूत मिल सब बंद पड़े हुए हैं. प्रगति और विकास की दौड़ में यह पिछड़ता जा रहा है.जिले की बंद पड़ी फैक्ट्रियां राज्य की असल तस्वीर बयां करती है. मधुबनी के पंडौल प्रखंड में स्थित पंडौल इंडस्ट्रीयल का सूत मिल आज बंद पड़ी है. करोड़ों रुपये की लागत से चलने वाली यह सूत मिल आज अपनी पहचान खो चुकी है.
कभी पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह सूत मिल पंडौल ही नहीं बल्कि पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी. सैकड़ों लोगों को इससे रोजगार मिलाता था. लेकिन, सरकार की उदासीनता के कारण यह मिल इस कगार पर पहुंच गई है.

दो दशकों से बंद पड़ा सूता मिल

लालू राज में जड़ा गया ताला
1990 में लालू यादव की सरकार बनने के साथ ही इस मिल को बंद कर दिया गया था. उसके बाद से आज तक यह मिल दोबारा चालू नहीं हो सका. इसमें पड़ी करोड़ों रुपयों की मशीनों पर आज जंग का कब्जा है. चोर मिल के लोहे को काटकर बेच रहे हैं. पहले निगरानी के लिए एक गार्ड हुआ करता था, अब तो वो भी नहीं है.

नीतीश सरकार भी मौन
लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार भी इसको लेकर कोई कोई ठोस पहल नहीं कर रही है. लोगों को आस लगी हुई है कि कभी यह मिल चालू हो जाए तो रोजगार की गारंटी हो. बेरोजगारी के कारण नौजवान शहर की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. इस जिले के कई मंत्री विधायक सांसद हुए हैं, लेकिन किसी ने मिल को चालू करवाना उचित नहीं समझा. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की यह बदनसीबी है कि यहां के स्थानीय सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला. लेकिन, सांसद ने कभी भी मिल की तरफ झांकने की जरूरत नहीं समझी.

मधुबनी: बिहार के मुखिया नीतीश कुमार प्रदेश में विकास की बात करते हैं. लेकिन, विकास मिथिलांचल के इलाकों से कोसों दूर है. यहां के उद्योग-धंधे सब चौपट हो चुके हैं. वर्षों से चीनी मिल और सूत मिल सब बंद पड़े हुए हैं. प्रगति और विकास की दौड़ में यह पिछड़ता जा रहा है.जिले की बंद पड़ी फैक्ट्रियां राज्य की असल तस्वीर बयां करती है. मधुबनी के पंडौल प्रखंड में स्थित पंडौल इंडस्ट्रीयल का सूत मिल आज बंद पड़ी है. करोड़ों रुपये की लागत से चलने वाली यह सूत मिल आज अपनी पहचान खो चुकी है.
कभी पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह सूत मिल पंडौल ही नहीं बल्कि पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी. सैकड़ों लोगों को इससे रोजगार मिलाता था. लेकिन, सरकार की उदासीनता के कारण यह मिल इस कगार पर पहुंच गई है.

दो दशकों से बंद पड़ा सूता मिल

लालू राज में जड़ा गया ताला
1990 में लालू यादव की सरकार बनने के साथ ही इस मिल को बंद कर दिया गया था. उसके बाद से आज तक यह मिल दोबारा चालू नहीं हो सका. इसमें पड़ी करोड़ों रुपयों की मशीनों पर आज जंग का कब्जा है. चोर मिल के लोहे को काटकर बेच रहे हैं. पहले निगरानी के लिए एक गार्ड हुआ करता था, अब तो वो भी नहीं है.

नीतीश सरकार भी मौन
लोगों का कहना है कि नीतीश कुमार की सरकार भी इसको लेकर कोई कोई ठोस पहल नहीं कर रही है. लोगों को आस लगी हुई है कि कभी यह मिल चालू हो जाए तो रोजगार की गारंटी हो. बेरोजगारी के कारण नौजवान शहर की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. इस जिले के कई मंत्री विधायक सांसद हुए हैं, लेकिन किसी ने मिल को चालू करवाना उचित नहीं समझा. उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र की यह बदनसीबी है कि यहां के स्थानीय सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला. लेकिन, सांसद ने कभी भी मिल की तरफ झांकने की जरूरत नहीं समझी.

Intro:


Body:मधुबनी
बिहार के मुखिया नीतीश कुमार मिथिलांचल में विकास की बाते करते हैं लेकिन विकास कोशो दूर है ।मिथिलांचल में उधोग धंधे सब चौपट हो गया।बर्षो से चीनी मिल, सुता मिल सब बंद पड़ा हुआ है। बिकास काफी पीछे है।यह तस्वीर विकास शील राज्य की तस्वीर बया कर रही हैं कि राज्य में कितना विकास हुई है।जी हाँ मामला मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के पंडौल इंडस्ट्रियल के सुता मील की है।करोड़ो रूपये की लागत से चलने वाली सुता मील अपनी पहचान खो चुकी है।स्थानीय निवासी गणेश कुमार झा ने बताया कि यह मिल पंडौल ही नही पूरे मिथिलांचल की शान हुआ करती थी सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला करता घ लेकिन सरकार की उदासीनता के कारण यह मिल विकास की बाट जोह रहा है।1990 के लालू यादव की सरकार बनने के साथ ही इस मिल को बंद कर दिया गया उसके बाद से आज तक मील चालू नही हो सका। करोड़ों रुपये के मशीन को जंग खा रहा है चोर मिल के लोहा को काटकर बेच रहा है।पहले निगरानी के लिए गार्ड हुआ करता था वो भी नही है।सब भगवान भरोसे ही है।नीतीश कुमार की सरकार भी कोई ठोस पहल नहीं कर रही हैं।लोगो को आस लगी हुई हैं कि कहि मिल चालू हो जाए तो रोजगार की गारंटी होगी।बेरोजगारी के कारण नौजवान शहर की ओर पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं। इस जिले के कई मंत्री विधायक सांसद हुए हैं लेकिन किसी ने मिल को चालू करवाना उचित नही समझा ।यही बानगी है इस क्षेत्र की।स्थानीय सांसद हुकुमदेव नारायण यादव को उत्कृष्ट सांसद का पुरस्कार मिला हुआ है लेकिन सांसद कभी भी मिल के तरफ झांकने की जररूत नही समझे।
बाइट गणेश कुमार झा,स्थानीय निवासी
पीटीसी
राज कुमार झा,मधुबनी


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.