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बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे मंत्री का घेराव, लोग बोले- हवाई यात्रा करने आए हैं - relief material

प्रदेश में बाढ़ से लोग त्रस्त हैं. लोगो का जीना दूभर हो गया है. आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को गृह जिला मधुबनी दौरा पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे.

प्रबंधन मंत्री
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Published : Jul 21, 2019, 12:01 AM IST

Updated : Jul 21, 2019, 12:10 AM IST

मधुबनी: प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को गृह जिला मधुबनी दौरे पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे. नरुआर गांव के समीप समिया चौक पर पहुंचने पर उनका बाढ़ पीड़ितों ने विरोध किया. मंत्री अपने विरोध को देखते हुए कुछ समय समिया चौक पर रुके. वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं से मिल-जुलकर फुलपरास लौकही के लिए निकल पड़े. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मंत्री यहां हवाई यात्रा करने के लिए आए हैं.

मंत्री का लोगो ने किया विरोध

लोगों को नहीं मिली उचित सुविधा

पूर्व समय में बाढ़ आने पर हेलीकॉप्टर के द्वारा राहत सामग्री दिया जाता था. छत के ऊपर फंसे लोगों को और पानी के बीच में फंसे लोगों को खाद्य सामग्री बांटी जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया. चौक-चौराहे पर तो कुछ राहत सामग्री मिली भी लेकिन पानी में फंसे लोगों को राहत सामग्री नही मिल पायी. लोग 1 सप्ताह से भूखे प्यासे जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं, मेडिकल कैंप लगाने की बात कही गई थी लेकिन अंदर बसे लोगों को एक कम्पाउडर भी नहीं पहुंचा. किसी भी प्रकार की डॉक्टर और दवा की सुविधा नहीं मिल रही है, 4 से 5 किलोमीटर चलकर लोगों को इस पानी की स्थिति में हो मुसीबत हो रही है. तो सरकार हवा-हवाई सिर्फ काम कर रही है कागज पर ही राहत सामग्री बांटने की बात लोगो ने कही है.

राहत शिविर बना रहने का ठिकाना

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

मधुबनी: प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को गृह जिला मधुबनी दौरे पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे. नरुआर गांव के समीप समिया चौक पर पहुंचने पर उनका बाढ़ पीड़ितों ने विरोध किया. मंत्री अपने विरोध को देखते हुए कुछ समय समिया चौक पर रुके. वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं से मिल-जुलकर फुलपरास लौकही के लिए निकल पड़े. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मंत्री यहां हवाई यात्रा करने के लिए आए हैं.

मंत्री का लोगो ने किया विरोध

लोगों को नहीं मिली उचित सुविधा

पूर्व समय में बाढ़ आने पर हेलीकॉप्टर के द्वारा राहत सामग्री दिया जाता था. छत के ऊपर फंसे लोगों को और पानी के बीच में फंसे लोगों को खाद्य सामग्री बांटी जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया. चौक-चौराहे पर तो कुछ राहत सामग्री मिली भी लेकिन पानी में फंसे लोगों को राहत सामग्री नही मिल पायी. लोग 1 सप्ताह से भूखे प्यासे जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं, मेडिकल कैंप लगाने की बात कही गई थी लेकिन अंदर बसे लोगों को एक कम्पाउडर भी नहीं पहुंचा. किसी भी प्रकार की डॉक्टर और दवा की सुविधा नहीं मिल रही है, 4 से 5 किलोमीटर चलकर लोगों को इस पानी की स्थिति में हो मुसीबत हो रही है. तो सरकार हवा-हवाई सिर्फ काम कर रही है कागज पर ही राहत सामग्री बांटने की बात लोगो ने कही है.

राहत शिविर बना रहने का ठिकाना

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.

Intro:


Body: मधुबनी
सूबे में बाढ़ से लोग त्रस्त हैं।लोगो का जीना दूभर हो गया है। सूबे के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को गृह जिला मधुबनी दौरा पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे ।नरुआर गांव के समीप समिया चौक पर पहुंचने पर उनका बाढ़ पीड़ितों ने पुरजोर विरोध किया। मंत्री अपने विरोध को देखते हुए कुछ समय समिया चौक पर रुके वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं से मिलजुलकर फुलपरास लौकही के लिए निकल पड़े ।बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मंत्री यहां हवाई करने के लिए आए हैं। पूर्व समय में बाढ़ आने पर हेलीकॉप्टर के द्वारा राहत सामग्री दिया जाता था छतके ऊपर फंसे लोगों को पानी में के बीच में फंसे लोगों को लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया चौक चौराहे पर तोकुछ राहत सामग्री मिली भी लेकिन पानी में फंसे लोगों को नही मिली लेकिन पानी के अंदर फंसे लोगों छत पर फंसे लोगों को राहत सामग्री उपयोग नहीं हो पाई लोग 1 सप्ताह से भूखे प्यासे जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं मेडिकल कैंप लगाने की बात कही गई थी लेकिन अंदर बसे लोगों को एक कम्पाउडर भी नही पहुचा किसी भी प्रकार की डॉक्टर दवा की सुविधा नहीं मिल रही है चौक चौराहे पर एक के नाम के लिए लगा दिया गया है 4 किलोमीटर 5 किलोमीटर चलकर लोगों को इस पानी की स्थिति में मुश्किल है तो सरकार हवा-हवाई सिर्फ काम कर रही है कागज पर ही राहत सामग्री बांटने की बात लोगों ने कही है।
बाइट बाढ़ पीड़ित
राज कुमार झा ,मधुबनी


Conclusion:
Last Updated : Jul 21, 2019, 12:10 AM IST
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