मधुबनी: प्रदेश के आपदा प्रबंधन मंत्री लक्ष्मेश्वर राय शनिवार को गृह जिला मधुबनी दौरे पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे. नरुआर गांव के समीप समिया चौक पर पहुंचने पर उनका बाढ़ पीड़ितों ने विरोध किया. मंत्री अपने विरोध को देखते हुए कुछ समय समिया चौक पर रुके. वहीं पर अपने कार्यकर्ताओं से मिल-जुलकर फुलपरास लौकही के लिए निकल पड़े. बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि मंत्री यहां हवाई यात्रा करने के लिए आए हैं.
लोगों को नहीं मिली उचित सुविधा
पूर्व समय में बाढ़ आने पर हेलीकॉप्टर के द्वारा राहत सामग्री दिया जाता था. छत के ऊपर फंसे लोगों को और पानी के बीच में फंसे लोगों को खाद्य सामग्री बांटी जाती थी. लेकिन इस बार ऐसा नहीं किया गया. चौक-चौराहे पर तो कुछ राहत सामग्री मिली भी लेकिन पानी में फंसे लोगों को राहत सामग्री नही मिल पायी. लोग 1 सप्ताह से भूखे प्यासे जिंदगी मौत से जूझ रहे हैं, मेडिकल कैंप लगाने की बात कही गई थी लेकिन अंदर बसे लोगों को एक कम्पाउडर भी नहीं पहुंचा. किसी भी प्रकार की डॉक्टर और दवा की सुविधा नहीं मिल रही है, 4 से 5 किलोमीटर चलकर लोगों को इस पानी की स्थिति में हो मुसीबत हो रही है. तो सरकार हवा-हवाई सिर्फ काम कर रही है कागज पर ही राहत सामग्री बांटने की बात लोगो ने कही है.
राहत शिविर बना रहने का ठिकाना
आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए बनाए गए 199 राहत शिविरों में 1.16 लाख लोग शरण लिए हुए हैं. अब तक 12 जिलों के 78 प्रखंडों की 555 ग्राम पंचायतों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिनमें अधिकांश ग्राम पंचायतें पूर्णरूप से जलमग्न हैं.