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मधुबनी: क्वॉरेंटाइन सेंटर पर कुव्यवस्था को लेकर प्रवासियों ने किया जमकर हंगामा

मधुबनी में क्वॉरेंटाइन सेंटर में कुव्यवस्था को लेकर प्रवासी मजदूरों ने हंगामा किया. इस दौरान उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की.

madhubani quarantine center
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Published : May 21, 2020, 11:22 PM IST

मधुबनी: जिले के बिस्फी प्रखंड अंतर्गत खंगरैठा हाई स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासियों के लिये किसी भी प्रकार की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. जिसको लेकर प्रवासी मजदूरों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर हंगामा किया. मजदूर जमीन पर सोने को विवश हैं. यहां चेन्नई हैदराबाद, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से आए 15 सौ से अधिक मजदूर रह रहे हैं. लेकिन इन्हें देखने वाला कोई नहीं है. यहां के प्रवासी मजदूर सिर्फ भगवान भरोसे ही समय बिता रहे हैं.

प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रशासनिक और ग्राम पंचायत की ओर से प्रवासियों की कोई खोज-खबर नहीं ली जा रही हैं. करीब 4 दिन से यहां रह रहे सभी प्रवासी अपने घर से भूजा मंगा कर खाते हैं. सभी मजदूर नीचे में सोने को विवश हैं. इससे आक्रोशित प्रवासियों ने केंद्र पर प्रशासन, मुखिया और पंचायत सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पैदल चलकर पहुंचे गांव
मजदूरों ने बताया कि दस दिनों तक पैदल चलकर, बिना खाना-पीना खाए गांव पहुंचे. जिसके बाद लोगों ने स्कूल पर जाने को कहा. जब स्कूल पहुंचे और वहां की व्यवस्था देखी, तब से समस्या और भी अधिक बढ़ गई है. विद्यालय में शौचालय, बिजली और साफ-सफाई तो शिक्षकों की ओर से ही की गई है. लेकिन खाने-पीने, बिस्तर, मास्क, साबुन और सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं होने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

madhubani quarantine center
क्वॉरेंटाइन सेंटर पर हंगामा करते मजदूर

खाना नहीं बनना चिंता का विषय
मजदूरों ने कहा कि पंचायत सचिव ने एक वार्ड में सचिव के माध्यम से 30 से 40 रुपये प्रति रोज भोजन के लिए देने की बात कही है. लेकिन हम जैसे मजदूरों का दिन भर इस राशि से क्या हो सकता है. वहीं पंचायत सचिव मो. मंसूरी ने बताया कि प्रवासियों को 50 रूपया रोज दिया जाऐगा. इस मामले में बीडीओ अहमर अब्दाली ने बताया कि विद्यालय पर खाना नहीं बनना चिंता का विषय है. इस पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है.

मधुबनी: जिले के बिस्फी प्रखंड अंतर्गत खंगरैठा हाई स्कूल के क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रवासियों के लिये किसी भी प्रकार की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. जिसको लेकर प्रवासी मजदूरों ने क्वॉरेंटाइन सेंटर पर हंगामा किया. मजदूर जमीन पर सोने को विवश हैं. यहां चेन्नई हैदराबाद, हरियाणा, दिल्ली और राजस्थान से आए 15 सौ से अधिक मजदूर रह रहे हैं. लेकिन इन्हें देखने वाला कोई नहीं है. यहां के प्रवासी मजदूर सिर्फ भगवान भरोसे ही समय बिता रहे हैं.

प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी
क्वॉरेंटाइन सेंटर में प्रशासनिक और ग्राम पंचायत की ओर से प्रवासियों की कोई खोज-खबर नहीं ली जा रही हैं. करीब 4 दिन से यहां रह रहे सभी प्रवासी अपने घर से भूजा मंगा कर खाते हैं. सभी मजदूर नीचे में सोने को विवश हैं. इससे आक्रोशित प्रवासियों ने केंद्र पर प्रशासन, मुखिया और पंचायत सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.

पैदल चलकर पहुंचे गांव
मजदूरों ने बताया कि दस दिनों तक पैदल चलकर, बिना खाना-पीना खाए गांव पहुंचे. जिसके बाद लोगों ने स्कूल पर जाने को कहा. जब स्कूल पहुंचे और वहां की व्यवस्था देखी, तब से समस्या और भी अधिक बढ़ गई है. विद्यालय में शौचालय, बिजली और साफ-सफाई तो शिक्षकों की ओर से ही की गई है. लेकिन खाने-पीने, बिस्तर, मास्क, साबुन और सेनेटाइजर की कोई व्यवस्था नहीं होने से बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

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क्वॉरेंटाइन सेंटर पर हंगामा करते मजदूर

खाना नहीं बनना चिंता का विषय
मजदूरों ने कहा कि पंचायत सचिव ने एक वार्ड में सचिव के माध्यम से 30 से 40 रुपये प्रति रोज भोजन के लिए देने की बात कही है. लेकिन हम जैसे मजदूरों का दिन भर इस राशि से क्या हो सकता है. वहीं पंचायत सचिव मो. मंसूरी ने बताया कि प्रवासियों को 50 रूपया रोज दिया जाऐगा. इस मामले में बीडीओ अहमर अब्दाली ने बताया कि विद्यालय पर खाना नहीं बनना चिंता का विषय है. इस पर तत्काल कार्रवाई की जा रही है.

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