मधुबनी: सूबे के मुखिया नीतीश कुमार प्रदेश में विकास की बातें करते हैं. विकास के नाम पर अपनी पीठ हमेशा थपथपाते हैं. लेकिन पूरे प्रदेश में मामला इसके उलट नजर आता है. मधुबनी में 2008 में बनी मखाना फैक्टरी अभी बंद है. मशीनें जंग खा रही है. सरकार के कोई भी मंत्री या स्थानीय जनप्रतिनिधि इस फैक्टरी की सुध लेने तक को तैयार नहीं है.
जिले में साल 2008 में कन्हौली एनएच-57 के पास मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की गई. बिहार सरकार के तत्कालीन सहकारिता मंत्री गिरिराज सिंह और ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्रा ने इस फैक्ट्री की स्थापना की. इस फैक्ट्री की स्थापना करने का मुख्य मकसद मखाना को तैयार कर इसे बाजार में सप्लाई करना था. कहा तो ये भी गया था कि यहां से मखाना को विदेशों में भेजे जाने की योजना है. साथ ही इस मखाना प्रोसेसिंग यूनिट से बिजली का उत्पादन कर इलाके के लोगों को सस्ती दरों पर बिजली की आपूर्ति की जाएगी. लेकिन,सारे सपनों पर पानी फिर गया है.
लोगों में है नाराजगी
बता दें कि इस मखाना प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना कर स्थानीय लोगों को सपने दिखाए गए कि रोजगार मिलेगा. लेकिन, वो अब कोसो दूर है. स्थानीय लोगों में सरकार के उदासीन रवैये के प्रति काफी नाराजगी हैं. इस मखाना फैक्ट्री के गार्ड ने बताया कि पहले इसमें मखाना तैयार होता था, लेकिन पिछले कुछ सालों से यहां कोई काम नहीं हो रहा है. पहले हमें वेतन भी नियत समय पर मिल जाता था. अब वेतन भी नहीं मिल रहा है.