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मधुबनी: झंझारपुर में महागठबंधन के कार्यकर्ताओं ने की बैठक, यहां दूसरे चरण में होना है चुनाव

सीपीआई नेता मिथिलेश झा ने बताया कि महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में सीपीआई नेता ने आगामी 12 अक्टूबर को महागठबंधन के सीपीआई प्रत्याशी के नामांकन के बाद महती में होने वाली जनसभा के बारे में भी चर्चा की गई.

मधुबनी
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Published : Oct 11, 2020, 7:24 AM IST

मधुबनी: बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करने के लिए झंझारपुर आरएस में महागठबंधन के घटक दलों की एक बैठक संपन्न हुई. बैठक में महागठबंधन के सभी घटक दल राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआईएम के वरीय सदस्यों ने भाग लिया. इस दौरान सीपीआई के जिला सचिव मिथिलेश झा ने गठबंधन के घटक दल के कार्यकर्ताओं को आपसी तालमेल के साथ कार्य कर महागठबंधन के उम्मीदावरों की जीत सुनिश्चित करने की अपील की.

चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा
सीपीआई नेता मिथिलेश झा ने बताया कि महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में घटक दलों के सदस्यों ने भाग लिया था. सीपीआई नेता ने आगामी 12 अक्टूबर को महागठबंधन के सीपीआई प्रत्याशी के नामांकन के बाद महती में होने वाले जनसभा के बारे में भी चर्चा की गई. उन्होंने कार्यकर्ताओं से झंझारपुर विधानसभा सहित मधुबनी जिले के सभी दस विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर कार्य करने की अपील की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विधानसभा सीट का इतिहास
झंझारपुर विधानसभा सीट के लिए पहली बार चुनाव 1951 में हुई थी. इस सीट से पहले विजयी उम्मीदवारकांग्रेस पार्टी के कपिलेश्वर शास्त्री थे. जिसके बाद क्रमश: 1957 में देवचंद्र झा, 1962 में हरिश्चंद्र झा, 1967 में एच मिश्रा चुनाव जीता था. अहम बात यह है कि इस सीट पर 1951 से लेकर 1967 और फिर 1972 से लेकर 1990 तक कांग्रेस का कब्जा रहा था. कांग्रेस का यह किला साल 1995 में जनता दल के प्रत्याशी रामावतार चौधरी ने ढाह दिया था. जिसके बाद से इस सीट पर जदयू और राजद के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलता रहा है. वर्तमान में झंझारपुर विधानसभा सीट के सिटिंग एमएलए गुलाब यादव हैं.

मधुबनी: बिहार विधानसभा चुनाव की रणनीति तय करने के लिए झंझारपुर आरएस में महागठबंधन के घटक दलों की एक बैठक संपन्न हुई. बैठक में महागठबंधन के सभी घटक दल राजद, कांग्रेस, सीपीआई, सीपीएम और सीपीआईएम के वरीय सदस्यों ने भाग लिया. इस दौरान सीपीआई के जिला सचिव मिथिलेश झा ने गठबंधन के घटक दल के कार्यकर्ताओं को आपसी तालमेल के साथ कार्य कर महागठबंधन के उम्मीदावरों की जीत सुनिश्चित करने की अपील की.

चुनावी रणनीति पर हुई चर्चा
सीपीआई नेता मिथिलेश झा ने बताया कि महागठबंधन के घटक दलों के साथ बैठक आयोजित की गई थी. बैठक में घटक दलों के सदस्यों ने भाग लिया था. सीपीआई नेता ने आगामी 12 अक्टूबर को महागठबंधन के सीपीआई प्रत्याशी के नामांकन के बाद महती में होने वाले जनसभा के बारे में भी चर्चा की गई. उन्होंने कार्यकर्ताओं से झंझारपुर विधानसभा सहित मधुबनी जिले के सभी दस विधानसभा सीटों पर महागठबंधन के प्रत्याशी की जीत सुनिश्चित करने के लिए कार्यकर्ताओं से जमीनी स्तर पर कार्य करने की अपील की.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

विधानसभा सीट का इतिहास
झंझारपुर विधानसभा सीट के लिए पहली बार चुनाव 1951 में हुई थी. इस सीट से पहले विजयी उम्मीदवारकांग्रेस पार्टी के कपिलेश्वर शास्त्री थे. जिसके बाद क्रमश: 1957 में देवचंद्र झा, 1962 में हरिश्चंद्र झा, 1967 में एच मिश्रा चुनाव जीता था. अहम बात यह है कि इस सीट पर 1951 से लेकर 1967 और फिर 1972 से लेकर 1990 तक कांग्रेस का कब्जा रहा था. कांग्रेस का यह किला साल 1995 में जनता दल के प्रत्याशी रामावतार चौधरी ने ढाह दिया था. जिसके बाद से इस सीट पर जदयू और राजद के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलता रहा है. वर्तमान में झंझारपुर विधानसभा सीट के सिटिंग एमएलए गुलाब यादव हैं.

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